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“लिव इन रिलेशनशिप के दौर में खुद को सतर्क और सुरक्षित रखना है ज़रूरी”

लिव इन रिलेशनशिप का अर्थ दो बालिग लोगों का बिना शादी किए , एक ही घर में एक साथ रहना है। आज के दौर ने इसका जैसे ट्रेंड चल रहा है। लेकिन आए दिन इस विषय पर बड़ी चिंता में डाल देने वाली खबरें सामने आ रही हैं। वैसे तो भारतीय संसद ने कोई अधिनियम पारित नहीं किया हैं परंतु शीर्ष अदालत ने समय समय पर इसे वैध ( legal) करार दिया है।

लिव इन रिलेशनशिप बहुत नुकसानदायक और जानलेवा हो सकता है। इसकी कई सारी खामियां है, जिनमें से कुछ का विवरण नीचे बताया गया है-

1. धोखाधड़ी – अधिकतर लोग परिवार और समाज से छिप – छिपाकर एक साथ रहते हैं , जिस कारण धोखा देना और नुकसान पहुंचाना बहुत ही आसान हो जाता है। ऐसे कई मामले आते हैं जिसमें सालों साल तक चलने वाले रिश्ते टूट कर बिखर जाते हैं और लोग एक-दूसरे का साथ छोड़ देते हैं।

2. व्यक्ति का इस्तेमाल करना – आए दिन ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमें दो पार्टनर एक साथ आर्थिक, भावनात्मक, शारीरिक तथा मानसिक रूप से बंध जाते हैं किंतु कुछ वक्त के बाद ही अलग हो जाते हैं। कुछ लोगों के लिए इस तरह का रिश्ता सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी करने का जरिया होती है । इंसान को मशीन की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।

3. कमजोर रिश्ता – इस रिश्ते से बाहर निकलना बेहद आसान और नाजुक है। साथ ही किसी को कोई कानूनी प्रक्रिया का भी सामना नहीं करना पड़ता है जिस कारण लोग एक ही समय में कई लोगों के सााथ रिश्ता बनाकर बाद में छोड़ कर चले जा सकते हैं।

4. असुरक्षा – आज के जमाने में किसी पर जल्दी भरोसा करना सुरक्षित उपाए नहीं है। इस रिश्ते में सामने वाले को नुकसान पहुंचाना तथा सबूतों को मिटा देना आसान हो सकता है।  

 5. बच्चों पर बुरा असर – इस रिश्ते के समर्थकों का मानना है कि लोग शादी से पहले एक दूसरे को जानने के लिए पति पत्नी के जैसे रहते है ताकि वे समझ पाए की पूरी जिंदगी एक साथ रह सकते है या नहीं। दोनों के बीच शारीरिक संबंध हो जाने के कारण बच्चों का जन्म भी हो सकता है जो अत्यंत नकारात्मक प्रभाव डालता है। ऐसे बच्चों को अवैध संतान कहा जाता है तथा समाज में इन्हें अलग नजरिए से देखता है। इसका कसूर ना होते हुए भी इन्हें कोसा जाता है।

6. ब्लैकमेल तथा उत्पीड़न – दो लोग एक ही घर में परिवार से दूर दिन – रात रहते हैं। वे लोग वैवाहिक जीवन के सामान रहते है जिस परिणामस्वरूप एक दूसरे के निजी तस्वीरें,  video तथा अन्य निजी जानकारी हासिल करना जैसे बैंक अकाउंट, ATM, पासवर्ड बहोत आसान होता है जिसका वे नाजायज फायदा उठाते हैं तथा ब्लैकमेल करके ना जाने कितने पैसे वसूल कर लेते है।

7. साक्ष्य का अभाव –  ऐसे कपल के पास अपने रिश्ते का  कोई कानूनी दस्तावेज नहीं होता हैं जिस कारण ये साबित करना मुश्किल होता है कि वो दोनो लिव इन में थे या नहीं। 

क्या है कानूनी अधिनियम

  1. CRPC की धारा 125 के तहत अवैध (illegitimate) संतानों को पिता द्वारा भरण पोषण का अधिकार दिया गया है।
  2. अनुच्छेद 21 , भारत का संविधान के अनुसार अपनी मर्जी से शादी करने या किसी के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने की आजादी और अधिकार को अनुच्छेद 21 से अलग नहीं माना जा सकता।
  3. घरेलु हिंसा अधिनियम, 2005 की धारा 2F – इस कानून में डोमेस्टिक रिलेशनशिप की जो परिभाषा है, उसमें लिव-इन रिलेशनशिप भी शामिल है। कन्या भ्रूण हत्या और गर्भपात से संबंधित कानून भी लिव इन में रहने वाले कपल्स पर लागू होते हैं।
  4. FIR दर्ज करने का अधिकर – अगर कोई युवती लिव-इन रिलेशन में रह रही है और उसका बॉयफ्रेंड उसके साथ मारपीट करता तथा उसका उत्पीड़न है तो वो पुलिस में FIR दर्ज करा सकती है।
  5. महिलाओं को उनकी सुरक्षा के लिए दिए गए अन्य अधिकार में सम्मिलित हैं – घरेलू हिंसा से संरक्षण प्राप्त , प्रॉपर्टी पर अधिकार, संबंध विच्छेद की स्थिति में गुजारा भत्ता, बच्चे को विरासत का अधिकार , वित्तीय व्यवस्थाओं को शेयर करने का अधिकर इत्यादि ।

लिव इन रिलेशनशिप से जुड़े मुकदमे

लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चार दशक पहले 1978 में बद्री प्रसाद बनाम डायरेक्टर ऑफ कॉनसोलिडेशन (Badri Prasad vs Director Of Consolidation) के केस में सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता दी गई।

श्रद्धा मर्डर केस, 2023- पुलिस रिपोर्ट के अनुसार श्रद्धा और आफताब दोनों लिव इन पार्टनर थे। दिल्ली के महरौली इलाके में एक वीभत्स घटना में एक व्यक्ति ने अपनी लिव-इन पार्टनर की गला घोंटकर कथित रूप से हत्या कर दी। उसके बाद शव के करीब 35 टुकड़े कर उन्हें लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर की क्षमता वाले फ्रिज में रखा और एक के बाद एक कर उन्हें देश के राजधानी के विभिन्न हिस्सों में फेंक दिया। अभी यह केस अदालत में जारी है।

निक्की यादव मर्डर केस, 2023- यहां लिव-इन में रह रहे ब्वॉय फ्रेंड ने अपनी गर्लफ्रेंड की पहले हत्या की और फिर उसके शव को फ्रीजर में छिपा दिया। इस केस की जांच अभी भी अदालत में जारी हैं।

मेघा तोरवी मर्डर केस, 2023- मुंबई के मेघा मर्डर केस में मेघा के परिवार ने बताया कि उसका लिव-इन पार्टनर हार्दिक पैसों को लेकर उसके साथ मार-पीट करता था। कई बार उसने मेघा के हाथ-पैर पर पेन या पेंचकस जैसी नुकीलों चीजों से वार किए। एक बार हार्दिक ने उसका सिर दीवार पर दे मारा था।13 फरवरी को हार्दिक ने तौलिए से मेघा का गला घोंटकर उसे मार डाला और उसकी बॉडी को बेड-बॉक्स में छिपा दिया।

हाल ही में साल 2023 में, इन संबंधों (Live-in Relationship) के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था बनाने और उसे अनिवार्य रूप से लागू करने की मांग सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से की गई है। याचिका में श्रद्धा वॉलकर (Shraddha Walker) और निक्की यादव (Nikki Yadav) हत्याकांड का हवाला भी दिया गया है।

लोगों को सावधानी बरतने तथा जागरूकता रखने की जरूरत है। किसी के जहरीले प्यार को सच्चा प्यार समझने की भूल ना करें। आजकल बहुत सारे लोग अपने लालच के लिए लिव इन में जाते हैं। जैसे यौन संबंध बनाने के लिए, पैसों का लालच, मौज-मस्ती इत्यादि। कहीं न कहीं लिव इन में रहना अति आवश्यक नहीं हैं क्योंकि ये जानलेवा भी साबित हो सकता है।

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