बीते कुछ वर्षों में तकनीक की दिशा में जो परिवर्तन हुए हैं, उससे हमारे जीवन में काफी बदलाव आया है। हमारे जीवन को आसान बनाने में बहुत मदद किया है। यही कारण है कि 21वीं सदी में हमें वो सभी साधन जरूरी लगती है जिनसे हमारी दैनिक जीवन काफी आसान बन जाए और इसमें तकनीक के क्षेत्र में सबसे बड़ा योगदान है इंटरनेट का।
इंटरनेट के आविष्कार से बदलता जीवन
शुरुआती दौर में किसी ने नहीं सोचा था कि तकनीक की दिशा में इंटरनेट की खोज होगी जिससे हमारे काम का तरीका ही बदल जाएगा। आरम्भ में इंटरनेट का इस्तेमाल विसकसित देशों में ज्यादा होता था लेकिन जैसे-जैसे दुनिया में तकनीक का विकास होता गया वैसे-वैसे विकासशील देशों में भी इसका विकास होता गया। नई-नई सेवाएं इससे जुड़ती चली गई। आज इंटरनेट के बिना जीवन की कल्पना करना थोड़ा मुश्किल सा हो गया है। आज के समय में इंटरनेट एक मूलभूत ज़रूरत है। रोटी, कपड़ा और मकान के साथ-साथ एक शिक्षित समाज के लिए भी इंटरनेट तक पहुँच आवश्यक है। बदलते वक्त के साथ इंटरनेट का महत्व छात्रों के जीवन में भी काफी बढ़ गया है। छात्रों के लिए इंटरनेट एक महत्वपूर्ण संसाधन है, जो उन्हें विभिन्न ज्ञान स्रोतों, सैकड़ों संसाधनों, अध्ययन सामग्री और अन्य उपयोगी जानकारी की विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। इसके अलावा, छात्र इंटरनेट के माध्यम से अपनी अध्ययन के लिए ऑनलाइन कक्षाएं, संबंधित लेख, पेपर्स और वीडियो कोर्स भी ले सकते हैं।
छात्रों के लिए इंटरनेट के फायदे
इंटरनेट का उपयोग आज छात्रों के लिए एक मूलभूत आवश्यकता बन गया है क्योंकि यह सीखने, शोध और संचार के लिए एक आवश्यक उपकरण है। इसके कुछ निम्लिखित फायदे हो सकते हैं।
1. सूचना तक पहुंच- इंटरनेट सूचनाओं के संग्रह को इकट्ठा किये होता है जिसका उपयोग अनुसंधान, गृहकार्य और परियोजनाओं के लिए किया जा सकता है। यह जानकारी अक्सर किताबों जैसे पारंपरिक संसाधनों की तुलना में अधिक अप-टू-डेट होती है, जिससे छात्रों के लिए इंटरनेट का उपयोग करना आवश्यक हो जाता है।
2. संचार और सहयोग- दूसरों के साथ अच्छा संचार और जुड़ाव होना फायदेमंद साबित हुआ है। इंटरनेट के साथ, छात्र दुनिया भर के अपने साथियों, शिक्षकों और विशेषज्ञों के साथ संवाद और सहयोग कर सकते हैं। यह उनके सीखने के अनुभव को बढ़ाता है और उन्हें टीम वर्क और डिजिटल संचार जैसे महत्वपूर्ण कौशल विकसित करने में मदद करता है।यह छात्रों को नए विचारों के साथ आने और उनके ज्ञान को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।
3. ऑनलाइन शिक्षा- कोविड-19 महामारी ने ऑनलाइन सीखने के महत्व पर प्रकाश डाला है, और छात्रों के लिए वर्चुअल क्लासेस में भाग लेने और शैक्षिक संसाधनों तक ऑनलाइन पहुंच के लिए इंटरनेट का उपयोग आवश्यक है। लगभग हर छात्र अब ऑनलाइन शिक्षा और दूरस्थ शिक्षा की शर्तों से अवगत है। ये दोनों ही महामारी के दौरान इंटरनेट के सबसे महत्वपूर्ण लाभ रहे हैं। वे घर पर आरामदेह माहौल में इंटरनेट से कई तरह की चीजें सीख सकते हैं। छात्र अपनी सभी शंकाओं को दूर करने के लिए विभिन्न शैक्षणिक विषयों पर व्याख्यान या कक्षाओं तक आसानी से पहुंच सकते हैं। कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और स्कूलों जैसे विभिन्न संस्थानों ने दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी को भी ऑनलाइन कार्यक्रम और पाठ्यक्रम पेश करना शुरू कर दिया है।
4. करियर प्लानिंग- इंटरनेट एक बहुत बड़ा स्रोत है जो छात्रों को अपने करियर प्लानिंग में मदद कर सकता है। कुछ तरीके निम्नलिखित हैं:
- ऑनलाइन स्किल टेस्ट: छात्रों के इंटरनेट से संबंधित स्किल टेस्ट लेने की सलाह दी जा सकती है। इन टेस्टों से उनके संबंधित डोमेन की जानकारी को मापा जा सकता है। वे इसे आगे विकसित करने के लिए आवश्यक कौशल का अनुमान लगा सकते हैं।
- ऑनलाइन मेंटर और फोरम: छात्र इंटरनेट के माध्यम से अपने डोमेन में जानकारी बढ़ा सकते हैं। ऑनलाइन मेंटर और फोरम के जरिए, वे अपने पूर्व अनुभवों को साझा कर सकते हैं और अन्य लोगों के अनुभवों से सीख सकते हैं।
- करियर संबंधित वेबसाइट: इंटरनेट पर कई करियर संबंधित वेबसाइट हैं, जो छात्रों को नौकरियों, प्रशिक्षण, सेमिनार और उनके डोमेन से जुड़ी अन्य जानकारी प्रदान करते हैं।
5. स्वाध्याय- इंटरनेट ने खुद को स्वाध्याय के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में स्थापित किया है। Google इत्यादि नवीनतम जानकारी प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्रोतों को सीखने और खोजने में मदद करते हैं। छात्र अपने ज्ञान को बेहतर बनाने और आवश्यक अध्ययन सामग्री प्राप्त करने के लिए किसी भी विषय पर शोध कर सकते हैं, जो उनके शिक्षाविदों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। यूट्यूब और अन्य प्लेटफार्म भी छात्रों के लिए मुफ्त कक्षाएं और पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं।
जैसा कि यूथ की आवाज के डिजिटल कॉन्टेस्ट के संदर्भ में देश में पिछले ही साल ऑक्सफैम इंडिया की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए एक बात लिखी गई, जिसमें देशभर में व्याप्त एक बड़े डिजिटल डिवाइड यानी इंटरनेट इस्तेमाल करने के मामले में गैर बराबरी की बात सामने आई है। यह बात सत्य है कि देश में अब भी में इंटरनेट इस्तेमाल करने के मामले में विभिन्न वर्गों के बीच गैर बराबरी है।
सभी की इंटरनेट तक नहीं है समान पहुँच
कुछ लोगों के पास उच्च गति इंटरनेट कनेक्शन होता है जबकि कुछ लोग धीमी गति के कनेक्शन का उपयोग करते हैं। इसके अलावा, भारत में बहुत से गांवों और शहरों में इंटरनेट कनेक्शन की उपलब्धता कम होती है, जिससे उन्हें इंटरनेट का सही फायदा नहीं मिल पाता है। इसके अलावा, भारत में लोगों के पास अलग-अलग स्तर की डिवाइस होती है। कुछ लोगों के पास उच्च श्रृंखला के स्मार्टफोन होते हैं जबकि कुछ लोग केवल बेसिक फोन का उपयोग करते हैं।
इसके अलावा, भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने के लिए सामाजिक-आर्थिक स्थिति भी एक महत्वपूर्ण कारक है। उच्च आय वाले लोगों के पास अधिक विकल्प होते हैं जो उन्हें अधिक समय और पैसे के साथ इंटरनेट का उपयोग करने की अनुमति देते हैं। वहीं दूसरी ओर, भारत के कुछ हिस्सों में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग हैं जहां इंटरनेट सुविधाएं कम होती हैं। वहाँ लोग धनराशि कम होने के कारण अपने पास स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे उपकरणों को नहीं रखते हैं। इसलिए इंटरनेट का इस्तेमाल उन लोगों के लिए असंभव हो जाता है।
इंटरनेट तक महिलाओं की पहुँच है कम
इसके अलावा, भारत में महिलाओं के बीच भी इंटरनेट के इस्तेमाल में गैर-बराबरी होती है। कुछ लोगों की सोच में यह मान्यता है कि महिलाएं इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए और वे घर के कामों में ही लगी रहती हैं। इससे महिलाओं का उद्योगिक विकास रुक जाता है। भारत में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच इंटरनेट के इस्तेमाल में गैर-बराबरी को हटाने के लिए कुछ उपाय हैं जो निम्नलिखित हैं:
- इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ाना- सबसे पहले, भारत सरकार और निजी क्षेत्र को एकसाथ काम करना चाहिए ताकि इंटरनेट कनेक्टिविटी समस्या को हल किया जा सके। एक सबसे आवश्यक उपाय है कि अधिक से अधिक लोगों को इंटरनेट कनेक्टिविटी का लाभ मिले।
- डिजिटल शिक्षा को बढ़ाना- समाज के विभिन्न वर्गों को इंटरनेट के उपयोग का ज्ञान देना आवश्यक है। इसलिए, डिजिटल शिक्षा को बढ़ाने के लिए सरकार और निजी संस्थाओं को एकजुट होना चाहिए। इससे न केवल लोगों को इंटरनेट का ज्ञान मिलेगा, बल्कि वे इंटरनेट का सही तरीके से उपयोग कर सकेंगे।
- सामाजिक संचार माध्यमों का उपयोग करना- सामाजिक संचार माध्यमों को इस्तेमाल करके, समाज के विभिन्न वर्गों में इंटरनेट के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाई जा सकती है।
देश में इंटरनेट तक पहुँच में क्या है चुनौतियाँ
इन सबके अलावा देश भर के सभी स्टूडेंड्स तक इंटरनेट की सुविधा को पहुंचाने में भी कुछ चुनौतियां हैं। जैसे कि–
1. लागत- इंटरनेट का उपयोग महंगा हो सकता है, खासकर कम आय वाले परिवारों के लिए। यह छात्रों को ऑनलाइन संसाधनों तक पहुँचने और ऑनलाइन सीखने में भाग लेने से रोक सकता है।
2. इंफ्रास्ट्रक्चर- कुछ क्षेत्रों में, इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर अपर्याप्त है, जिससे छात्रों के लिए इंटरनेट का उपयोग करना मुश्किल हो जाता है। यह ग्रामीण क्षेत्रों और विकासशील देशों में विशेष रूप से सच है।
3. डिजिटल साक्षरता- कुछ छात्रों में इंटरनेट का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए आवश्यक डिजिटल साक्षरता कौशल की कमी हो सकती है। यह जानकारी तक पहुँचने और ऑनलाइन सीखने में भाग लेने की उनकी क्षमता को सीमित कर सकता है।
अतः ऐसे परिस्थिति में सभी छात्रों के लिए इंटरनेट का उपयोग को एक वास्तविकता बनाने के लिए कुछ उपाय हो सकते हैं-
1. सरकारी कार्यक्रम: सरकारें उन कार्यक्रमों में निवेश कर सकती हैं जो उन छात्रों को इंटरनेट का उपयोग और प्रौद्योगिकी प्रदान करते हैं जो इसे वहन नहीं कर सकते। इसमें सार्वजनिक स्थानों पर मुफ्त वाई-फाई प्रदान करने, कम लागत या मुफ्त लैपटॉप प्रदान करने, या कम आय वाले परिवारों के लिए इंटरनेट लागत में सब्सिडी देने जैसी पहलें शामिल हो सकती हैं।
2. सामुदायिक भागीदारी: सामुदायिक संगठन, स्कूल और पुस्तकालय ज़रूरतमंद परिवारों को सस्ती इंटरनेट पहुँच प्रदान करने के लिए इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के साथ भागीदारी कर सकते हैं। वे छात्रों और अभिभावकों को अपने डिजिटल साक्षरता कौशल में सुधार करने में मदद करने के लिए मुफ्त या कम लागत वाली कंप्यूटर कक्षाएं भी प्रदान कर सकते हैं।
3. कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व: कंपनियां सामुदायिक कार्यक्रमों में निवेश करके और प्रौद्योगिकी और इंटरनेट तक पहुंच बढ़ाने वाली पहलों के लिए धन उपलब्ध कराकर डिजिटल विभाजन को संबोधित करने में भी भूमिका निभा सकती हैं।
4. साझा संसाधनों का उपयोग करना: जहां इंटरनेट सुविधा नहीं है, वहाँ साझा संसाधनों का उपयोग करना चाहिए। स्कूलों और कॉलेजों में कम्प्यूटर लैब और कंप्यूटर उपकरणों का प्रदान करना चाहिए।
5. मोबाइल इंटरनेट सेवा: सभी स्टूडेंट्स के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवा का प्रदान करना चाहिए। इससे सभी स्टूडेंट्स किसी भी स्थान पर इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं।
6. डिजिटल विद्यार्थी मित्र प्रोग्राम – डिजिटल विद्यार्थी मित्र प्रोग्राम एक सरकारी पहल है जो भारत सरकार द्वारा शुरू की गई है। इस प्रोग्राम का उद्देश्य देश के छात्रों को डिजिटल उपकरणों के उपयोग से शिक्षा के क्षेत्र में जोड़ना है। इस प्रोग्राम के तहत, भारत सरकार द्वारा नियोजित संस्थाओं द्वारा डिजिटल उपकरणों के लिए अनुदान प्रदान किया जाता है। ये संस्थाएं छात्रों को डिजिटल विद्यार्थी मित्र बनाने के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान करती हैं। डिजिटल विद्यार्थी मित्र प्रोग्राम के अंतर्गत, छात्रों को विभिन्न विषयों में ऑनलाइन शिक्षा का लाभ मिलता है। इसके अलावा, छात्रों को डिजिटल उपकरणों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस प्रोग्राम में भाग लेने के लिए, छात्रों को अपनी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। ये संस्थाएं भी छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करने में मदद करती हैं।
संक्षेप में , आज की डिजिटल युग में इंटरनेट एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गया है। डिजिटल विभाजन को समाप्त करना महत्वपूर्ण है ताकि सभी वर्गों से छात्रों को शिक्षा तक समान पहुंच और सफल होने के लिए आवश्यक संसाधनों का उपयोग करने की सुविधा हो। इस मुद्दे का समाधान करने से सुनिश्चित हो सकेगा कि कोई छात्र तकनीक और इंटरनेट की उपलब्धता की कमी के कारण पीछे नहीं रह जाए।