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अन्तर्जातीय प्रेम और विवाहों में ‘परिवार के इज्जत’ के नाम पर ऑनर किलिंग कब बंद होगी?

वो लड़की याद है न आपको तेलंगाना की अमृता? इस लड़की ने प्रणय नाम के एक दलित युवक से शादी की थी और अपनी जिंदगी खुशी-खुशी जी रहे थे। लड़की के घरवालों ने कहा कि लड़की ने हमारे खानदान की नाक कटवा ली क्योंकि भारतीय संस्कृति प्रेम विरोधी रही है। यहां यह जरूर कहा जाता है कि जोड़ियां ऊपर वाला बनाता है लेकिन वह जोड़ियाँ अपनी जाति में होना उस ईश्वर की भी पहली शर्त होती है।

बहरहाल, लड़की शादी के सात माह बाद लड़की गर्भवती हुई तो रूटीन चेकअप के लिए हॉस्पिटल जाती रही। लड़की के पिता ने कुछ गुंडे पीछे लगाए हुए थे। एक दिन लड़की के चाचा को इस बात भनक लग गई कि वह लड़का किस दिन अपनी पत्नी को हॉस्पिटल लेकर जाता है। इसी बीच लड़की के घरवालों ने लड़के को यानि प्रणय को उसकी माँ और पत्नी यानि अमृता की आंखों के सामने बीच रास्ते मार डाला।

लड़की का सुहाग उसके अपने घरवालों ने ही छीन दिया था। वे इतने खुश थे मानो आज विश्व जीत लिया हो क्योंकि उनकी लड़की ने अपनी नाक कटवाई थी। लड़की ने कोर्ट में अपने पिता और चाचा के खिलाफ गवाही दी और आजीवन प्रणय की विधवा बनकर जीने का प्रण ले लिया। अमृता का बेटा हुआ, तो मानो प्रणय वापस आ गया हो। आज वही बेटा उसका संसार है। लड़की ने स्पष्ट किया है कि प्रणय के मां-बाप को मैं बेटे की कमी नहीं महसूस होने दूंगी और अपने बेटे को भी बाप की कमी नहीं खलेगी।

उसने बताया कि वह अब इसी घर में रहेगी और आजीवन अपने पिता का मुंह तक न देखेगी। बेटे को इतना मजबूत बनाऊँगी कि वह जातिवाद के खिलाफ लड़ सके। इस देश में जातिवाद एक अभिशाप है और फर्जी सँस्कृति की बातों पर लोग गौरवान्वित होते हैं। एक हंसते-खेलते परिवार की सारी खुशियाँ पल में खत्म करने वाले स्वयं को कभी गलत नहीं मान सकते। लेकिन इस ऑनर किलिंग के पीछे की पितृसत्तात्मक और दकियानूसी सोच को समझने की आवश्यकता है। देखना एक दिन यही प्रेम हर नफरत पर विजय पा सकेगा।

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