ये शब्द के मायने मेरे लिए ही नहीं सब के लिए अलग है। माता पिता का प्यार, बड़े भाई छोटे भाई का प्यार बड़ी बहन और छोटी बहन का प्यार इसके अलावा जो सबसे अलग है वो है दादा दादी और नाना नानी का प्यार । इन सब से अलग कुछ रिश्ते हम खुद बनाते है जैसे स्कूल वाले दोस्त कॉलेज के दोस्त और कुछ खास दोस्त। पर ये खास दोस्ती कितनी खास है ये आप का चेहरा बताता है। जैसे जैसे हम बड़े होते है, रिश्ते के मायने बदलने लगते है हम अपने लिए एक प्यार का नाम दे कर किसी को अपनी जिंदगी मे स्वय आमंत्रित करते है, कई बार यह आमंत्रण बहुत सुखद होता है और कई बार कुछ जिंदगी भर के अनुभव दे जाता है।
इस अनुभव के सफर मे सब की कहानी अलग है पर दर्द एक है , एक डिप्रेशन, स्ट्रेस साथ कनेक्ट हो जाते है समझ नही आता इनसे कैसे निकले दोस्त घर सब के साथ घूमते है पर अकेले उसका नाम और चेहरा याद रहता है, एक बार कॉल करने बात करने का दिल करता है, पर सुकून नही मिलता जब तब अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट भी नही देखते। ये कैसा प्यार है ? जहां सिर्फ मै प्यार कर रही हु, जहां मै सिर्फ सब कुछ कर रही हु फिर भी मेरी इज्जत नहीं है तुम्हारी नज़र मे नही नहीं यह pyar नही है यह तो एक तरह की जरूरत है और मै किसी की कहानी की जरूरत बनने नही आई हु।