कुछ दिन पहले, मैंने अपनी जिंदगी के एक चौथाई उम्र को छू लिया और सच बताऊं तो मिड ट्वेंटीज (20s) में होना काफी मुश्किल वाला काम है, एक ऐसी उम्र जहां आपको लगने लगता है की 30 उम्र वाले आपको समझेंगे नही और 20 वाले से आपको बहस करने का मन नहीं करेगा!
वहीं, हर तीसरे लोगों को आपके जिंदगी के बारे में जानने की तलब होती है, ज़्यादा पैसा कमाओ तो इतने कम उम्र में कितना कमा रहा और नहीं कमाओ तो इतनी उम्र का हो गया और कुछ नही कर रहा? नज़र चाहे आपकी कितनी भी अच्छी हो, लोग अंधा साबित करने में लगे रहते हैं और अगर रील लाइफ का बताऊं तो
आपको कोई जिम्मेदारी दे या न दे पर आप खुद को ज़िम्मेदार समझने लगते हो, चाहे अच्छा हो या खराब! हर इंसान आपको अपने नज़रिए से देखता और कहता कुछ के लिए आप 25 में भी छोटे रहोगे और कुछ के लिए बड़े, अगर आप कुछ अच्छा करोगे तो उम्र के साथ समझदार माने जाओगे और गलती करोगे तो इतने बड़े कहलाओगे जैसे आपको गलती करने का कोई हक ही नही बनता।
ठीक है ना यार, ना ही नौकरी लगी, ना ही कुछ कर रहा, नही मन होगा, हर चीज़ का एक समय नही होता, जो चीज़ आप उसे समझाना चाह रहे, वो चीज़ उसको उसकी उम्र पहले ही समझा चुकी है, बस शायद आपको दिखाना नहीं ज़रूरी समझता हो, अब रोलर कोस्टर जिंदगी का चालू हुआ है तो ऊपर ऊंचाईं पर जायेगा ही चाहे जल्दी हो या देर से!