G20 विकसित और विकासशील देशों का संगठन है, जिसको बनाने का उद्देश्य आर्थिक दृष्टिकोण से संपन्नता और समानता लाना है।जी 20 समूह, विश्व का 80 फीसद जीडीपी, 75 फीसद वैश्विक व्यापार और लगभग दो तिहाई दुनिया की आबादी को अपने में समेटता है।दुनिया को भारत से उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और विश्व व्यापार संगठन में भी समयानुसार बदलाव करने की मुहिम को मजबूत करेगा।थर्ड वर्ल्ड की परेशानियों को वैश्विक मंच पर लाने और समाधान निकालने की भी अपेक्षायें हैं।
भारत के लिए G20 कितना महत्त्वपूर्ण?
पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना और आर्थिक तंगी के बीच रही है।इस बीच भारत को यह नेतृत्व और जिम्मेदारी मिलना अपने आप में बड़ी बात है।भारत, दक्षिणी एशिया के अवाज को बुलंद कर सकता है, दुनिया की निगाहें भारत की उभरती शक्ति और नेतृत्व की ओर उम्मीद से देख रहीं है। भारत के लिए G20 एक तरह से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी मेंबर बनने के लिए एक प्रयोग या लिटमस टेस्ट भी है।
भारत और G20
भारत ने महामारी के दौरान भी अपनी भूमिका को बखूबी निभाया है, अन्य देशों की तुलना में भारत ने मुफ्त वैक्सीन भेजकर वसुधैव कुटुंबकम के मंत्र को साकार किया है।भारत ने अपने लोगो और टैगलाइन के माध्यम से स्पष्ट कर दिया है, एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य।दिसम्बर 2022 से नवंबर 2023 तक, भारत को G20 की अध्यक्षता करने की जिम्मेदारी मिली है।G7 समेत दुनियाभर के देशों, संगठनों और नेताओं ने भारत पर विश्वास किया है।
क्या कुछ खास है अबकी बार G20 में
G20 में पहली बार ऐसा हो रहा, जब ट्रोकिया (G20 के पूर्व, वर्तमान और भविष्य के नेतृत्व) में तीनों विकासशील राष्ट्र हैं। 2022 में इंडोनेशिया, 2023 में भारत और 2024 में ब्राजील।भारत सर्वागीण विकास की ओर इंगित करता हुआ आगे बढ़ रहा। तकनीक, डिजिटल डाटा संरक्षण, डाटा प्राइवेसी, पर्यावरण, आर्थिक जैसे ज्वलंत मुद्दों पर भी काम करने की बात कर रहा।
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