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हिंदी कविता: मुलायम नहीं, मजबूत

अपनी मेहबूबा को चांद

तो हर कोई कहता है।

तुम तलाश किसी ऐसे कि रखना जो

तुम्हें सुरज सा देखना चाहे ।

जो तुम्हें मुलायम नहीं

मजबूत देखना चाहें।

Published in Book- Dreams 

Pic Source- Pinterest

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