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कितने नए होगें हम इस नववर्ष में?

जब पुराना साल बीतने के बाद नया साल आता है तो यह सिखाता है कि हमारे जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। जैसे ही साल आने वाला होता है सभी के मन में नये-नये विचार आने लगते है। और अब नया साल आने में कुछ ही दिन शेष बचे हैं। तो ऐसे में सभी के मन में उसके स्वागत के लिए नये-नये विचारों की बहार आना स्वाभाविक है। अगर हम सच में जीवन में चाहते है कि सब कुछ नया और सुकून भरा हो तो इसके लिए हमें सोचना होगा। इसमें सबसे पहला और खास है -रिश्ता ।

रिश्ते को समझे तो ये जीवन का बहुत मजबूत पक्ष होता है। यदि आपका रिश्ता सुखद है तो जीवन सुखी होगा। और जब कोई भी आपका करीबी रिश्ता सहज नहीं होता है तो जीवन में असंतोष बना रहता है। जहां तक रिश्ते की बात करें तो कुछ रिश्ते हमें जन्म से मिलते हैं और कुछ रिश्तों को हम बनाते हैं। जिंदगी में रिश्ते होने के अपने मायने हैं उससे भी कहीं ज्यादा ज़रूरी है रिश्ते को हम कैसे निभाते है? ये एक प्रश्न है? अपने आप से, खुद से । और इस नये साल पर इसका उत्तर खुद को दें।

सबसे दिलचस्प बात है कि जैसे-जैसे नया साल आने को होता है भीतर से कुछ नया करने को दिल चाहता है। और सभी अपनी पुरानी आदतों, समस्याओं और चुनौतियों से निकलकर जीवन की नयी उम्मीदों के नये आकाश में उड़ान भरना चाहते हैं। और यह तभी हो सकता है जब हम खुद से प्यार करते हैं। इसके लिए ज़रूरी है अपने आप को पहचानने की और खुद को समय देने की ।

जीवन में चिंताओं का आना कोई नयी बात नहीं है। चिंताए तो लगी रहती है, आती-जाती रहती है। लेकिन सबसे जरूरी ख़ास बात है जीवन में उम्मीदों का बने रहना। पता है कुछ नया सीखना, जिंदगी में अपने आप को व्यस्त रखने का एक बहुत ही आसान तरीका होता है। जब इंसान खाली होता है तो जीवन की अपनी परेशानिओं के बारे में सोचता रहता है। तो इसके के लिए बेहद ज़रूरी है अपने आप को व्यस्त रखना। हममें से कुछ लोगों की आदत होती है कि हर बात का जवाब “न” में देने की। यदि हम इससे बच पाये तो जिंदगी में भी “उम्मीद” बची रहती है। दुनिया में सारे इंसान बुरे नहीं होते, यदि हम इस सोच से उबर जाये तो जीवन में उम्मीद बची रहती है। समस्या किस में है? हम खुद अच्छे इंसान नहीं बन पाते । अक्सर हमें वैसे ही लोग मिलते हैं जैसे कि हम खुद होते हैं। अगर लोग अच्छे है तो कहीं न कहीं हम भी बुरे हैं। हम सभी के अंदर कुछ न कुछ ऐसी बात होती है जो हमें बुरा बनाती है । मसलन हम किसी इंसान की मदद नहीं करना चाहते है लेकिन जब हम किसी मुसीबत में होते है तो हम चाहते है कि लोग हमारी मदद करें। तो आने वाले इस नये साल पर मदद करने वाला इंसान बने, देखना ढेर सारे अवसर आप के पास आएंगे।

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