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यादों के झरोखे……!

कुछ देखा मैने और खो सी गई में उसमें,

तुम्हारी एक झलक सी आंखों में एक पल के लिए आ गई

वो पल जो जिये है मैने तुम्हारे साथ,

वैसे ही किसी को जीते देखा मैने आज।

हर रोज में उन लम्हों के सहारे ही तो जीती हूं,

यादों में पल भर के लिए खो कर, वास्तविकता में ही तो रहती हूं।

हां हर घंटे नहीं कर सकती में बात,

मगर तुम्हारी यादों के आस पास ही तो रहती हूं।

तुम्हारी यादें एक एहसास की तरह रहती है साथ मेरे,

जैसे प्रकृति में मंडराती है हवाएं शाम 

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