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कोई नहीं पूछता तू क्या चाहता है?

कविता जज़्बात

हम पैदा ही हुए हैं

सबके सपने सच करने के लिए

माँ बोली बेटा डॉक्टर बनो,

पिता बोले बेटा मास्टर बन,

पर कोई हमसे नहीं पूछा

बेटा तू क्या चाह रहा है?

हम भी सबके सपने

सच करने निकल गए

खुद से इतनी दूर निकल गए

जब पीछे मुड़कर देखा तो

काफी कुछ बदल गए

चले तो बैग में थे किताब लेकर

पता ना कब से जिम्मेदारी

पूरी कर रहे थे

जो कहते थे श्रद्धा से करना है

अब वो कहने लगे कुछ तो करो

अरे

अकेला ही रहना है

पर कोई हमसे नहीं पूछता

बेटा तू क्या चाहता है?

 

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