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G-20 शिखर सम्मेलन इस बार क्यों रहा खास़?

हाल ही में 17 वें G-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी इंडोनेशिया के बाली में सम्पन्न हुई । यह 14 नवम्बर से 16 नवम्बर तक चली । इस बार की थीम:- ” रिकवर टुगेदर , रिकवर स्ट्रिंगर ” थी ।

G-20 में इस बार भारत कि क्या रही भूमिका ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को G-20 के सदस्य देशों को सम्बोधित करते हुए कहा — कोविड -19 और रुस – यूक्रेन युद्ध से हुए तबाही के इस संघर्ष काल में विकासशील देशों को खाद्यय वस्तुओं को आयात निर्यात करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़़ रहा है, वही प्रधानमंत्री नें रूस के एनर्जी आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने के कारण अमेरिका और पश्चिमी देशों पर भी दो टूक संदेश दिए ।

नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत और इंडोनेशिया के बीच संबंध बहुत पुराने हैं। जब 2018 में इंडोनेशिया में भूकंप आया था, तो भारत ने “ऑपरेशन समुद्र मैत्री ” शुरू किया था ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 16‌ नवम्बर को G-20 शिखर सम्मेलन में स्पेन, फ्रांस, सिंगापुर, जर्मनी ,इटली, आस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम के राष्ट्र अध्यक्षों से द्विपक्षीय बैठकें भी की ।

G-20 का इतिहास

G-20 का गठन वर्ष 1999 में किया गया था, यह वही समय था जब पूर्वी और दक्षिणी एशिया वित्तीय संकट से जूझ रहा था और 2008 से G-20 की वार्षिक बैठकें शुरू हो गई, जो कि आर्थिक और अन्य जरुरी मुद्दों पर बात करने के लिए इन सदस्य देशों का एक महतवपूर्ण मंच बन गया ।

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