हम क्यों देखें पाकिस्तान को जिन्होंने हिन्दुओं से दूरियां मिटने की बात कह रहें हैं ? ७० सालों के बाद भी उन ३८ लाख हिन्दुओं के परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए जमीन नहीं दी गयी ! वह तो भला हो वहां के मुसलमानों का जिसने डेरा इस्माइल में हिन्दुओं को अपनी जमीन दी और उन्हें अंतिम संस्कार करने का सुअवसर दिया ! कभी -कभी तो हिन्दुओं को दूर बहुत दूर कोहाट के लिए जाना पड़ता था ! तक़रीबन ८० हजार रुपये का खर्च सिर्फ अंतिम संस्कार में लग जाते थे ! पर यह दूरियां मिट रहीं हैं ! हिन्दूओं के दर्द को मुसलमानों ने समझा ! …भारत में भी तक़रीबन १७.२२ करोड़ मुसलमान रहते हैं …कहने के लिए तो हम सीना फुला कर कहते हैं कि हम तो मुसलमानों के लिए सब कुछ करते हैं ..पर सियासी चालों ने भारतीय मुसलमान के आत्मविश्वास को डगमगा दिया ..इस माहोल में तो भारतीय मुसलमान शायद ही हमें सराहेंगे ! देखिये दूरियां कैसे मिटाई जातीं हैं सरहद पार…हमें सीखना चाहिए !