जिस दौर में देश की एक तिहाई आबादी गरीबी में जीने के लिए मजबूर है उस दौर में सज्जन जिंदल परिवार द्वारा असीमित संपत्ति का अधिग्रहण और दिखावा करना गंभीर और चिंताजनक है।
भारत को जागना होगा। देश को किसी भी आंदोलन से ज़्यादा इस सबको लेकर जागरूक होना चाहिए ।
मैं यह बात भारत के दो सबसे प्रमुख व्यापार साम्राज्य के मालिक मुकेश अंबानी और सज्जन जिंदल की खर्चीली और विलासी जीवन शैली देखने के बाद कह रहा हूं। अंबानी और जिंदल न सिर्फ़ हद से ज़्यादा अमीर हैं, बल्कि वे जिस देश में पैदा हुए हैं उसकी जड़ों से पूरी तरह से कट चुके हैं।
मुंबई जो विश्व की सबसे बड़ी झुग्गी बस्तियों का शहर है, वहां इन दोनों के मकान इतने मंहगे हैं जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते।
प्रति मुंबईकर रहने की औसत जगह लगभग 8 वर्ग मीटर है। इसकी तुलना सज्जन जिंदल की मालकियत वाली तीन (सार्वजनिक रूप से ज्ञात) इमारतों से करें- दक्षिण मुंबई के वॉकेश्वर में जिंदल हाउस, माहेश्वरी मेंशन नामक एक पांच मंजिला आवासीय भवन; और दक्षिण मुंबई के प्राइम नेपियन सी रोड में एक एकड़ में फैला एक तीन मंजिला बंगला है।
अंबानी परिवार की एंटीलिया के बारे में लिखने लगूं तो कागज़ की एक इमारत खड़ी हो जाएगी।
लेकिन ऐसा लगता है कि दोनों परिवार सिर्फ़ ऐसे अधिग्रहण से संतुष्ट नहीं हैं जो सामान्य मनुष्यों की पहुंच से बाहर हैं, बल्कि दोनों शो-ऑफ सिंड्रोम यानि दिखावे के मानसिक रोग से भी पीड़ित हैं।
मैजिकब्रिक्स वेबसाइट जिंदल की आलीशान हवेली के बारे में बताती है कि यह रोमनस्क वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण है और यह सफेद इमारत बाहर से शानो-शौकत और अंदर से चौंकाने वाले इंटीरियर का शानदार नमूना है।
सज्जन जिंदल के पास लुटियंस बंगलों के क्षेत्र में एक शानदार बंगला भी है, जो भारत के सबसे विशिष्ट आवासीय क्षेत्र में से एक है। आलीशान साज-सज्जा और शानदार वास्तुकला वाले 3 एकड़ के इस बंगले की कीमत 200 करोड़ रुपये है।
यदि कोई आम भारतीय इन जनाब की रईसी का दूर से दर्शन करना चाहे तो इस लिंक पर क्लिक करके कर सकता है https://www.architecturaldigest.in/content/in-pictures-take-a-tour-of-the-jindal-office-spaces/
हाल ही में पूरा सज्जन जिंदल परिवार राजदीप सरदेसाई के साथ एक साक्षात्कार के लिए बैठा जिसमें यह परिवार लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रहा था कि वे कैसे ‘आम’ लोग हैं:
https://www.businesstoday.in/bt-tv/video/rajdeep-sardesai-in-a-no-holds-barred-interview-with-sajjan-jindal-350029-2022-10-17
लेकिन उस इंटरव्यू का भव्य बैकग्राउंड कुछ और ही कहानी कह रहा था।
टीवी इंटरव्यू में पार्थ जिंदल का दावा है कि वह अच्छे संस्कारों के साथ आगे बढ़े हैं।
पार्थ की बात कितनी सच्ची है और कितनी झूठी इसे समझने के लिए 2016 के उनके विवाह समारोह को याद करना चाहिए जिसमें बॉलीवुड स्टाइल के प्रदर्शन और पैसों की बर्बादी करने वाले तमाम तमाशे शामिल थे।
उनका तीन दिनों का शादी समारोह ऑस्ट्रिया की राजधानी के हॉफबर्ग पैलेस, आर्ट फॉर आर्ट, पालिस लिकटेंस्टाइन और बेल्वेडियर गार्डन जैसी सबसे मंहगी जगहों पर हुआ था । अगर पार्थ जिंदल और उनका परिवार अपने देश और अपनी जड़ों से जुड़ा होता तो अपने गृहप्रदेश हरियाणा में शादी का आयोजन करता ना कि विदेशी धरती पर।
पार्थ, नवीन और सज्जन जिंदल हर मिनट ग़ैर-ज़रूरी मसलों पर ट्वीट ज्ञान देते रहते हैं।
लेकिन जिंदल परिवार के की जीने के तरीके से शालीनता और सज्जनता का कोई अहसास नहीं होता ।
सज्जन जिंदल की पत्नी संगीता जिंदल अपने आभूषणों को पूरी दुनिया में दिखाने के अलावा क्या करती हैं यह किसी को नहीं मालूम । इन मैडम पर अक्टूबर 2010 में विदेश यात्रा से लौटने पर अघोषिट हीरे के आभूषण और 60 लाख रुपये के दूसरे इंपोर्टेड कीमती सामान ले जाने के लिए 10 लाख रुपये से ज़्यादा का जुर्माना लगाया गया था। लेकिन फिर भी श्रीमती जिंदल अपने बेशकीमती सामान का प्रदर्शन करने से बाज़ नहीं आईं।
यहां: https://www.architecturaldigest.in/content/sangita-jindal-mumbai-home/, श्रीमित जिंदल अपने आलीशान मकान का टूर करातीं (जिसे देखकर एक आम भारतीय सिर्फ़ अपनी किस्मत को ही कोस सकता है)
इसमें श्रीमति संगीता जिंदल कहती हैं: “चूंकि हम एक कंज़र्वेटिव बैकग्राउंड के समृद्ध परिवार से हैं इसलिए वास्तविक जीवन की सच्चाई से वाकिफ़ नहीं थे। झोलेवालों और प्रोफेसरों ने मुझे जीवन के प्रति एक अलग दृष्टिकोण दिया।”
लेकिन अपने दूसरे इंटरव्यू में सज्जन जिंदल अपनी पत्नी से अलग ही कहानी कहते दिखाई देते हैं कि जब उन्होंने संगीता से शादी की, तो उनके पास पैसे नहीं थे।
कुल मिलाकर इनकी कहानी का सार यह निकलता है कि जिंदल परिवार ने सारे देश को बेवकूफ़ समझ रखा है कि वे एक पत्रकार के साथ गप्पें लड़ाते हुए कुछ भी कह देंगे और आम जनता सब सच मान लेगी। हकीकत में ये लोग अपने विलासिता भरे कल्पना लोक में जीते हैं और अपनी छवि बनाने के लिए समय समय पर ऐसे स्क्रिपडेट इंटवयू “सेट” करवा लेते हैं।
एक दूसरे ब्लॉग में, मैंने अंबनी परिवार के शाही खर्चों पर कुछ सच्चाई सामने रखी है।
एक तरफ लगभग एक तिहाई देश गरीबी से जूझ रहा है दूसरी तरफ़ देश की ज़मीन पर अपनी संपत्ति को विकसित करने वाले जिंदल और अंबानी विदेश में अपना पैसा उड़ाकर दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं। हमारे देश की संपत्ति को कुछ रईसोे ने अपनी मिल्कियत समझ लिया है जिसकी आलोचना अनिवार्य है।
भारत एक नई सुबह की आस में है।