अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा, विश्व हिंदू परिषद, पातालपुरी सनातन धर्म रक्षा परिषद सहित कई साधु-संतों ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के द्वारा हाल ही में बहुप्रतीक्षित स्टार रेटिंग फूड लेबल आधारित एफओपीएल विनियम को लेकर प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखते हुए पैरवी की, कि अपने निगरानी में चेतावनी वाला फ्रंट ऑफ पैक लैबलिंग लाने की कृपा करें. जिससे कि उपभोक्ताओं को स्वस्थ विकल्प चुनने के अधिकार मिल सके.
इसके साथ ही साधु-संतों ने एफएसएसएआई के मुख्य-कार्यकारी को भी पत्र लिखकर सूचित किया कि इस दिशा में जनमानस के पक्ष में कदम उठाए.
अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष नवीन गिरि ने कहा कि, “ चेतावनी लेवल वाला एफ ओ पी एल सबसे कारगर साबित हो सकता है, जो उपभोक्ता को स्वस्थ विकल्प चुनने में मदद करता है, की डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ में कितना चीनी, वसा एवं नमक की मात्रा है. जिससे गंभीर बीमारी खासकर गैर संचारी रोगों को रोकने में मदद मिल पाएगी.
पातालपुरी सनातन धर्म रक्षा परिषद् के पीठाधीश्वर महंत बालक दास ने कहा कि , हमारे देश में जहां कुपोषण के शिकार की संख्या बहुत अधिक साथ ही आज के समय पैकेट बंद खाद्य पदार्थ के अत्यधिक चलन के चलते लोग बीमारी से ग्रसित होते जा रहे हैं. इसीलिए जनमानस को पौष्टिक आहार के बारे में एफओपीएल विनियम के मार्फत पूर्ण जानकारी मिलनी चाहिए.
विश्व हिंदू परिषद के अनुराग त्रिवेदी प्रधानमंत्री जी को पत्र में निवेदन करते हुए कहां कि पैकेट बंद खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता और उसके पैकेजिंग के लिए कड़े नियम बनाये जाये. जैसे पैकेट बंद खाद्य पदार्थ के सामने चेतावनी लेबल लगे ताकि उपभोक्ता को मालूम हो सके, कि जो वो खाना खाने जा रहा है उससे उसे किन तत्वों की कितनी प्राप्ति होगी।
भैरव ज्योतिष एवं अनुष्ठान केंद्र के याज्ञिक सम्राट आचार्य महेंद्र पुरोहित ने पत्र में लिखते हुए प्रधानमंत्री जी से नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के परिणामों का हवाला देते हुए कहा कि भारत जल्द ही मधुमेह और बच्चों में मोटापे की वैश्विक राजधानी बनने का वांछनीय उपलब्धि हासिल करने वाला है, सरकार को अविलंब पैकेट फूड पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार वार्निंग लेवल लाना चाहिए.
पत्र में सुझाव देते हुए आचार्य महंत विवेक दास पीठाधीश्वर कबीर मठ मुलगादी एवं अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा ने जनमानस को ध्यान में रखते हुए इस मसौदे को और मजबूत बनाने के लिए कहां की रेगुलेशन में फ्रंट ऑफ पैक न्यूट्रीशनल लैबलिंग(एफओपीएनएल) में स्पष्ट तौर पर उच्च वसा, उच्च चीनी, एवं उच्च नमक की अधिकता को लेकर आसान तरीके से समझ में आने वाली चेतावनी जारी करें. साथ ही साथ खाद्य पदार्थ बनाने वाले कंपनियों को 4 साल के बजाय 1 से 2 साल का समय दे ताकि वह जल्द से जल्द जनमानस के हक में काम कर सकें.
साधु-संतों एवं विशेषज्ञों की यह भी निवेदन है कि एफएसएसएआई और मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर को प्रत्येक राज्य में और प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश में सार्वजनिक परामर्श करना चाहिए ताकि नए नियमों के बारे में पर्याप्त जागरूकता पैदा हो सके। इस मुहीम को साधू – संतो के साथ अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) श्री राकेश रंजन त्रिपाठी ने किया| विदित हो कि इस महासभा की स्थापना पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने सन 1939 में किया था| इसके मुख्य संरक्षक जगद्गुरु शंकराचार्य श्री भारती तीर्थ जी श्रृंगेरी जी है|