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“CUET एक बहुत बड़ा धोखा और लूट है”

CUET में लूट

 पहले कहा गया था कि CUET एक एकीकृत प्रणाली है, जिसके मदद से स्टूडेंट्स को अलग अलग यूनिवर्सिटीज़ के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। अलग अलग एग्ज़ामस नहीं देने होंगे, अलग अलग वेबसाईटस पर नहीं भटकना पड़ेगा और ना ही अलग अलग फॉर्म के लिए पैसे देने होंगे।

UGC चेयरपर्सन की ये घोषणा सुनकर स्टूडेंट्स और अभिभावक आदि सभी बहुत खुश हो गए, क्योंकि इससे बहुत रास्ते खुल गए, एक बार फॉर्म भर के और एक परीक्षा दे करके कहीं भी एडमीशन लेने का मौका।

क्या सच में यही हकीकत है?

लेकिन तभी मालूम हुआ कि दिल्ली यूनिवर्सिटी( DU) , अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AU) आदि तमाम यूनिवर्सिटी तो CUET PG में नहीं शामिल हो रही हैं यानि LLB (3 Years) की मात्र 4 यूनिवर्सिटी CUET PG में शामिल थी, इसी से UGC के उद्देश्य को धक्का लगना शुरू हो गया, फिर परीक्षा हुआ तो परीक्षा में विभिन्न प्रकार की गड़बड़ियां सामने आईं।

क्या थीं समस्याएं?

खैर, किसी तरह से परीक्षा पूरी हई।

रिज़ल्ट में भी धोखा

फिर रिज़ल्ट जारी हुआ; अब यहां भी झोल हुआ नॉर्मलाईज मार्क्स किस तरह से निकाला गया, ये किसी को भी नहीं मालूम है, जिन लोगो ने असली में 70% Marks पाया था, उनका 55% हो गया।

NTA ने केवल स्कोर कार्ड जारी किया और फिर सारा काम अलग अलग यूनिवर्सिटीज़ अपना अपना करेंगी, वो भी फ्री में नहीं बल्कि वे भी अपना अपना चार्ज लेंगी मतलब एकीकृत व्यवस्था मात्र एक जुमला था; आर्थिक लूट तो पहले से अधिक हो गई, क्योंकि पहले NTA को पैसा दिए थे और फिर सभी यूनिवर्सिटी को भी देना होगा और यूनिवर्सिटी में नहीं हुआ तो कॉलेजस को भी और अनेको वेबसाईट देखने की झंझट तो पहले से और अधिक होगी ।

क्योकि पहले लोग केवल अपने पसंद / नजदीक के यूनिवर्सिटी का फॉर्म डालते थे लेकिन अब उनकी मजबूरी है कि वे सबका डालें, क्योकि उन्हें नहीं मालूम कि किस यूनिवर्सिटी का क्या कटऑफ होने वाला है। पिछला कटऑफ नहीं देख सकते, क्योंकि इस बार के एग्ज़ाम का पूरा पैटर्न अलग था, तो क्या एक्सपेक्टेड कटऑफ इसलिए नहीं जारी किया गया है? जिससे यूनिवर्सिटी अधिक पैसा लूट सके?

सत्र कब होगा शुरू?

प्रतीतात्मक तस्वीर।

2022 – 23 सत्र जुलाई से शुरू हो जाना चाहिए था लेकिन यहां तो अक्टूबर तक एडमीशन प्रोसेस ही नहीं पूरा हो सका है, इसलिए अच्छे प्राइवेट यूनिवर्सिटी/कॉलेज का भी विकल्प खत्म हो चुका है, मतलब इतना पैसा और समय खत्म होने के बाद भी लोकल से ही पढ़ना पड़ेगा?

सबसे बड़ा धोखा तो यह है कि CUET व CUET PG एक आर्थिक लूट है पहले NTA को Rs. 600 ( इससे अधिक भी ) दे के फॉर्म भरा फिर सभी यूनिवर्सिटी को पैसा दो, जैसे CUET PG में LLB के लिए 4 यूनिवर्सिटी हैं, तो अगर सभी Rs. 500 भी लें, तो Rs. 2000 लगेगा मतलब लगभग Rs 3000 तो फॉर्म भरने में ही लग गया।

क्या CUET बिना प्लानिंग व तैयारी के लाया गया है?

NEP 2020 पर भी तमाम एक्सपर्ट्स ने सवाल उठाए है लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं दिया गया, जब NTA ने स्कोर कार्ड जारी किया तो उसके साथ मैरिट लिस्ट क्यो जारी नहीं किया? जैसे IITs करती है।

हां, CUET PG पेपर नम्बर 40 LLB सहित 6 विषयों के लिए था, तो NTA पहले एक कॉमन मेरिट लिस्ट जारी कर देता है और फिर कैंडिटेडटस को 6 में से अपना कोर्स चुनने को कहता और फिर उसका मैरिट लिस्ट निकाल देता है।

ये करने में कोई बहुत मुश्किल नहीं था क्योंकि NTA / UGC के पास पूरा डेटा था, जिसके माध्यम से बहुत आसानी से मार्क्स के आधार पर मैरिट लिस्ट जारी किया जा सकता है और फिर यूनिवर्सिटी बता देती कि उनके यहां किस रैंक तक वालो का एडमीशन होगा, इससे ना ही यूनिवर्सिटीज़ को दिक्कत होती और ना ही कैंडीडेट्स को, तब सही मायने में एकीकृत व्यवस्था होती।

और भी विकल्प था CUET के पास

अच्छा, ये नहीं हुआ तो NTA अपने CUET UG & PG पेज पर विभिन्न यूनिवर्सिटीज़ की सूचनाओं को तो डाल ही सकती है। क्या एक भी ऐसी परीक्षा है, जिसे NTA व हमारा सिस्टम बिना किसी गड़बड़ी के सम्पन्न करवा पाती है?

कैंडीडेट्स को 10-20 मिनट का समय निकाल के अपने समस्याओं को अवश्य साझा करना चाहिए

हर कोई आंदोलन आदि नहीं कर सकता है लेकिन वीडियो/वलॉग आदि के माध्यम से अपनी समस्या तो लिखनी ही चाहिए, नहीं तो फिर आगे के परीक्षाओं में भी ऐसी दिक्कतें होती रहेंगी; जिससे हमें, आपको व हमारे अपनो को ही कष्ट होगा।

सरकार या किसी एजेंसी से सवाल करना देशद्रोह या अपराध नहीं है बस ये सदैव संविधान के दायरे में रहे।

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