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“मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूं”

मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूं

तन्हाईओं को बांटना चाहता हूं

कुछ आपकी बातें ,कुछ अपनी कहानियों को

सुनना चाहता हूं।

ध्यासे सुनेंगे, तो लोगों से जुड़ेंगे

बधिर मूक बनके कहीं के नहीं रहेंगे।

अपनी व्यथा को बताना चाता हूं,

आपके दिलों में रहना चाहता हूं।

कुछ आपकी बातें , कुछ अपनी कहानियों को

सुनना चाहता हूं।

सब दिशा अशांत है, हम पड़े क्लांत हैं

क्या करूं, किसे कहूं

सब यहां पर शांत हैं।

चेतना सबों में

जगाना चाहता हूं।

सजगता का संचार

करना चाहता हूं।

कुछ आपकी बातें

कुछ अपनी

कहानियाँ को

सुनना चाहता हूं।

भाषाओं में ना उलझो

धर्मों को अपना समझो

जाति धर्म से ऊपर उठकर

सबको अपने गले लगा लो

बातों को सबको

बताना चाहता हूँ

कुछ नहीं लोगों से

छुपना चाहता हूं।

कुछ आपकी बातें ,

कुछ अपनी

कहानियां को

सुनना चाहता हूं

मैं बहुत कुछ कहना चाहता हूं

तन्हाईयों को बांटना चाहता हूं

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