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“माँ मुझे क्यों मारा मैं यही पूछने आई हूं”

कविता

एक होती है नन्ही बच्ची

जिसको कोख में ही मार दिया जाता है

क्यों मारा? मै यह बताऊगीं।

क्योंकि वो एक लड़की है।

वो बोलती है अपनी माँ से

मैं भी अपना जीवन जी लेती

क्यों मारा आपने मुझे माँ?

यही पूछने आयी हूं।

मैं अपना ये संसार को देखती

एक लड़की की इतनी कीमत

तो ये संसार क्यों बना है माँ?

मुझे जीने का पूरा हक है

मुझे भी इस दुनिया में आने दो माँ

मेरी अपनी ज़िंदगी है

क्यों मारा आपने मुझे माँ यही पूछने आई हूं?

पत्थर बनी अहिल्या पर आंसु टपकाने आई हूं।

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