आज हम आपको बिहार के बारे में कुछ दिलचस्प बातें (Interesting Facts About Bihar) बताएंगे। ‘बिहार’ शब्द ज़हन में आते ही खासकर हर वो बिहारी इमोशनल हो जाता है, जिसे छठ या किसी त्यौहार में अपने गाँव या अपने शहर आने के लिए लड़ाई लड़नी पड़ती है। एक लंबी लड़ाई अपनी नौकरी से, लड़ाई दूसरे शहर में रहकर हर दिन के जद्दोजहद से और लड़ाई उन तमाम ज़िद्द को पूरा करने की कसक से जिसने उसे दो वक्त की रोटी के जुगाड़ के लिए गाँव-शहर से हज़ारों कि.मी. दूर भेज दिया।
बिहार देश का वह हिस्सा है जिसके बिना भारत के इतिहास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। क्षेत्रफल के हिसाब से 13वां और जनसंख्या के हिसाब से तीसरा सबसे बड़ा राज्य है बिहार। बिहार की जब बात होती है तो कोई एक चीज़ नहीं है जिस पर चर्चा की जानी चाहिए। बिहार के बारे में बहुत सारी बातें हैं, जो ना सिर्फ देश में, बल्कि विदेशों में भी इस राज्य को एक अलग पहचान दिलाती है। आइए जानते हैं।
गणितज्ञों का राज्य है बिहार
बिहार के लोगों के बारे में जब भी बातें होती हैं तो एक चीज़ ज़रूर कहा जाता है कि वे गणित में बहुत अच्छे होते हैं। इसका प्रमाण भी वे महान गणितज्ञ देते हैं, जिन्होंने अपनी गणित के कारण ना सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई। आइंस्टीन को चुनौती देने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह भी बिहार से ही थे। उनका जन्म बिहार के भोजपुर ज़िले के एक छोटे से गाँव में हुआ था।
आनंद कुमार जो कि ‘सुपर 30’ नामक कोचिंग संचालित करते हैं उन गरीब बच्चों के लिए जो आर्थिक तंगी के कारण आईआईटी में जाने का सपना पूरा नहीं कर पाते हैं। 12 जुलाई 2019 को उन पर बनी एक फिल्म भी रिलीज़ हुई थी, जिसका नाम है सुपर 30.
देश को सर्वाधिक आईएएस देने वाला राज्य है बिहार
देश के विभिन्न राज्यों में आपको बिहार के मज़दूर देखने को तो मिलेंगे ही! जो कुछ पैसे अधिक कमाने के लिए दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, पुणे और केरला आदि जाकर मज़दूरी करते हैं लेकिन एक बात और है कि यह वही राज्य है जो देश को सबसे अधिक आईएएस देता है। ये बताता है कि बिहारी वाकई में बहुत मेहनती होते हैं। यूपी के बाद बिहार से सबसे अधिक आईएएस निकलते हैं।
बिहार का छठ पूजा
बिहार के छठ पूजा के तो क्या ही कहने! बिहार के लोग जो दूसरे शहरों में नौकरी करने के लिए जाते हैं, वे चाहे दुर्गा पूजा, दिपावली या नए साल में भले ही अपने घर ना आएं लेकिन छठ में चाहे जो भी हो जाए उनको अपने गाँव अपने घर आना ही है। छठ का नाम सुनते ही बिहार के लोग इमोशनल हो जाते हैं और उनका यही इमोशन उन्हें छठ में अपना गाँव अपना शहर बुलाता है। प्राचीन वैदिक काल से ही बिहार में छठ पर्व मनाया जाता है। यह पर्व बिहार की संस्कृति का प्रतिष्ठित प्रतीक भी है।
टूरिस्ट पेलेसेज़ के मामले में भी किसी से पीछे नहीं है बिहार
बिहार टूरिज़्म के मामले में भी किसी से पीछे नहीं है। यहां के दर्शनीय स्थलों में बोधगया का महाबोधि मंदिर, पटना का श्री हरि मंदिर साहिब, प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष, पावापुरी का जल मंदिर, सासाराम में शेरशाह सूरी का मकबरा, राजगीर का विश्व शान्ति स्तूप, भागलपुर में प्राचीन विक्रमशीला विश्वविद्यालय के अवशेषों के साथ-साथ सीतामढी का जानकी मंदिर आदि शामिल है।
कई महापुरुषों की जन्मस्थली
बिहार कई महापुरूषों की जन्मस्थली भी रहा है। वीर कुंवर सिंह, अनुग्रह नारायण सिंह, रामधारी सिंह दिनकर और चन्द्रकांता जैसी कालजयी उपन्यास लिखने वाले देवकीनन्दन खत्री, इंदिरा गाँधी की सत्ता को हिला देने वाले जय प्रकाश नारायण, उस्ताद बिस्मिल्ला खान, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, रामनाथ गोयनका आदि की जन्मस्थली बिहार ही है।
दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय बिहार में
आज भले ही शिक्षा के मामले में भारत कई देशों से पीछे है लेकिन एक वक्त हुआ करता था जब भारत शिक्षा का एक प्रमुख केन्द्र था। दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय ‘नालंदा विश्वविद्यालय’ बिहार में ही है। यहां पहले विदेशों से भी लोग पढ़ने आया करते थे।