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जामिया मिल्लिया इस्लामिया: सफ़र 102 वर्षों का

1920 में अलीगढ़ में स्थापित जामिया 29 अक्टूबर 2022 को अपने 102 वर्षों के उतार-चढ़ाव भरे सफर के पूरे होने पर जश्न मना रहा और गर्व कर रहा है उन लोगों पर जिनके विचारों की पूंजी आज देश के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में से एक है और आने वाले कल के बेहतरी के लिए मुसल्सल कार्यशील हैं।

आज का जामिया

स्वतंत्रता संग्राम और गांधीजी के असहयोग आंदोलन से जन्मी संस्था जामिया मिलिया इस्लामिया के कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति महोदया ने विश्वविद्यालय के झंडे को फिज़ा में लहरा कर किया और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री डॉ सुभाष सरकार को विश्वविद्यालय के एनसीसी के छात्र-छात्राओं ने गॉड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया। 

केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री डॉ सुभाष सरकार 

ईश्वर के नाम से शुरू हुए इस कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति जामिया के छात्र – छात्राओं द्वारा मधुर अल्फाजों में पेश की गई बेहद ही कर्णप्रिय जामिया तराना थी।

प्रोफेसर फरहत नसरीन, सुश्री मिर्जा सायना बेग और शोध छात्र नबी हसन ने जामिया के संस्थापना, संस्थापक, संघर्ष और बुलंदी पर पहुंचने तक के सफ़र को बेहद ही खूबसूरत अल्फाजों में पेश किया, जिसने दर्शक दीर्घा में बैठे छात्रों को फ़ख्र और जिम्मेदारी का एहसास दिलाया।

सरकार के सामने भारत सरकार से अपील

मुख्य अतिथि के स्वागत के लिए खड़ी हुई कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने विश्वविद्यालय के कुछ वर्षों के उपलब्धियों पर रोशनी डाली। कुलपति महोदय ने कहा कि जामिया ने हमेशा प्रगतिशीलता, ज्ञान और विविधता में एकता की शिक्षा दी है।

  • प्रोफ़ेसर नजमा अख्तर 

प्रोफेसर नजमा अख्तर ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षा मंत्रालय और भारत सरकार से अपील करता है कि जामिया में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए मंजूरी दी जाए जो ना केवल इस क्षेत्र के लिए बल्कि नोएडा जैसे आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए भी उपयोगी होगा। इसकी स्थापना से लोगों को कम खर्च में बेहतर सुविधा और इलाज मिल सकेगा और इसका संचालन विश्वविद्यालय वैसे ही करेगा जैसा मौजूदा दंत चिकित्सालय का होता है। 

शोधार्थियों का सम्मान 

स्थापना दिवस के मौके पर अतिथि और कुलपति महोदया ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की प्रतिष्ठित वैश्विक सूची में शामिल जामिया के 21 शोधकर्ताओं को सम्मानित किया और साथ ही प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप (P.M.R.F) में चयनित विश्वविद्यालय के 12 छात्रों, यूपीएससी परीक्षा पास करने वाले आवासीय कोचिंग अकादमी (RCA) जामिया के सफल छात्रों को सम्मानित किया ।

  • सम्मानित छात्र 

विजिटर अवॉर्ड हासिल करने वाले प्रोफेसर डॉ जाहिद अशरफ को सम्मानित किया गया डॉ जाहिद को यह अवार्ड 2020 में उनके शोध “रिजॉल्विंग द मिस्ट्री ऑफ ब्लड क्लोटिंग ऑन एक्स्पोज़र टू हाइपोक्सिया एट हाइ एल्टीट्यूड ” के लिए दिया गया था।

मुख्य अतिथि अभिभाषण –

जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना दिवस के मौके पर केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री डॉ सरकार ने अपने संबोधन में कहा कि यहां के छात्र, शोधार्थियों और शिक्षक . शिक्षण, अनुसंधान और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों में लगातार बेहतर कर रहे हैं जो देश और समाज को प्रगति के रास्ते पर ले जाएगा। यह संस्था दिन प्रतिदिन मील के पत्थर हासिल कर रहा है जो कि राष्ट्र निर्माण में बेहद अहम है ,कुलपति महोदया नजमा अख्तर , शिक्षकों और छात्रों को बधाई देते हुए आगे और बेहतर करने की आशा व्यक्त करने के साथ ही अपना वक्तव्य समाप्त किया।

विश्वविद्यालय का इतिहास : गांधी और जामिया

अगस्त 1920 में गांधी जी ने असहयोग का आवाहन करते हुए भारतीयों से तत्कालीन ब्रिटिश सरकार का बहिष्कार करने के लिए कहा था जिसके परिणाम स्वरूप विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थीं।

NAAC द्वारा A++ मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय भारत के शीर्ष तीसरे नंबर की संस्था जामिया मिल्लिया इस्लामिया की स्थापना राष्ट्रवाद के मुद्दे पर मोहम्मद अली जौहर, हकीम अजमल खान, मुख्तार अहमद अंसारी ,अब्दुल मजीद ख्वाजा और जाकिर हुसैन ने महमूद हसन देवबंदी की अध्यक्षता में अलीगढ़ में की थी।

1925 में संसाधनों की कमी से जूझ रहे जामिया अलीगढ़ से करोल बाग नई दिल्ली में शिफ्ट हुआ और 1935 में महात्मा गांधी की मदद से दिल्ली के दक्षिणी इलाके में कुछ ज़मीनें दी गई, जहां 1 मार्च 1935 को वर्तमान विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 1962 में जामिया मिलिया इस्लामिया को डीम्ड का दर्जा दिया, जामिया मिलिया इस्लामिया 26 दिसंबर 1988 को भारतीय संसद के एक अधिनियम द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालय बन गया।

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