Site icon Youth Ki Awaaz

क्या नीता अंबानी भारत की मल्लिका-ए-आज़म हैं ?

शायरा शबीना अदीब का शेर है कि “जो खानदानी रईस हैं वो मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना, तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है” । किसी ज़माने में स्कूल शिक्षिका के नाते 800 रुपए प्रति महीने की नौकरी करने वाली नीता अंबानी जी के शौक और उनका प्रदर्शन देखें तो यह शेर मौजू हो जाता है । चाहे वह अंबानी परिवार के विवाह हों, आईपीएल क्रिकेट मैच हों या बॉलीवुड की पार्टियां, नीता अंबानी हर जगह छाई रहती हैं ।

अंबानी परिवार उसी गुजरात से हैं जहां महात्मा गांधी जैसे युगपुरुष का जन्म हुआ था । गांधी जी ने अपने अखबार यंग इंडिया में लिखा था कि हमें उन चीजों के इस्तेमाल का इंकार कर देना चाहिए जो देश के लाखों लोगों के लिए सुलभ नहीं है। गांधी जी ने यह सिर्फ़ कहा नहीं बल्कि अपने आचरण से साबित भी करके दिखाया । वे गांधी जो अपने खाने तक को साधारण से साधारण रखते थे उन्हीं गांधी जी की धरती से संबंध रखने वाले देश के प्रमुख उद्योगपति अंबानी परिवार की बहु नीता अंबानी के चाय के कप की कीमत 3 लाख रुपए है ।

यह तो एक बहुत छोटी मिसाल है, अगर नीता अंबानी की जीवनशैली पर थोड़ा और प्रकाश डाला जाए तो उस प्रकाश से ऐसा बहुत कुछ रौशन होगा जो इस देश में गरीबी के अंधेरे में जी रहे लोगों के ज़ख़्मों पर नमक जैसा लगेगा।

वैसे पैसै का कहां और किस तरह इस्तेमाल करना है यह कमाने वाले पर निर्भर करता है लेकिन जब पर देश के किसी भी क्षेत्र के प्रमुख व्यक्ति होते हैं तो आपकी ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है। लेकिन नीता अंबानी के लिए सेलेब्रिटी लाइफ़ जीना पहली प्राथमिकता है जिसके लिए उनके सर से पैर तक के आभूषणों की कीमत इतनी है जितनी कई मध्यमवर्गीय भारतीय परिवारों की आय जोड़कर भी बराबर ना हो। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक नीता 40 लाख की लिपिस्टिक लगाती हैं । इसी के साथ मिकी कॉन्ट्रैक्टर इनके पर्सनल मेक-अप आर्टिस्ट हैं जिनकी फीस ही लाखों में है।

नीता अंबानी जैसे लोग जिनके पति देश में उद्योग लगाते हैं , यहां की आर्थिक नीतियों का लाभ उठाते हैं लेकिन इनकी ज़्यादातर ख़रीदी विदेशी ब्रांड्स की होती है । नीता ने अपने लिए ऑडी ए 9 चैमलिन कार यूएसए से मंगाई है जिसकी कीमत 90 करोड़ रुपए है । इतना एक सामान्य भारतीय युवा तो छोड़िए आइआइएम, आईआईटी से पास आउट युवा भी कई सालों में नहीं कमा पाता ।

अगर इनके जूतों की बात करें तो नीता मैम सिंगापोर के पैड्रो, कैलिफोर्निया के जिमी चू और इटली के मार्लिन जैसे ब्रांड्स के जूते पहनती हैं । यह भी कितना अजीब है कि इसी गुजरात की धरती पर जन्मे गांधी ने कभी स्वराज और स्वदेशी का सपना देखा था और वहीं के देश भर में ख्याति प्राप्त उद्योगपति के परिवार की महिला इस भावना को जूते की नोंक पर रखती है।

राम चरित मानस लिखने वाले युगकवि तुलसीदास ने कलियुग का वर्णन करते हुए लिखा था कि “नारी विवश नर सकल गुसाईं, नाचहिं नट मर्कट की नाईं” यानि कलियुग में पुरुष ज़रूरत से ज़्यादा महिलाओं के प्रभाव में आ जाएंगे और उनके लिए किसी भी हद तक चले जाएंगे। मुकेश अंबानी और उनकी पत्नी को देखकर तो तुलसीदास 100% सच ही प्रतीत होते हैं। क्योंकि मुकेश अंबानी नीता जी के लिए कोई भी भारी भरकम खर्च करने से नहीं चूकते। 2007 में उन्होंने नीता को 240 करोड़ का लग्जरी जेट दिया था। इसके अलावा देश के बाहर उनके द्वारा ख़रीदी गई अरबों करोड़ों की इमारतें भी कहीं ना कहीं नीता अंबानी की लग्जरी जीवनशैली से प्रभावित ही हैं। मुकेश अंबानी जिस गुजरात से हैं वहां से सिर्फ़ गांधी ही नहीं आते बल्कि वहीं कभी योगेश्वर भगवान कृष्ण की भी राजधानी द्वारिका भी थी। गीता में अर्जुन को कृष्ण द्वारा दिया गया यह ज्ञान मुकेश अंबानी को याद रखना चाहिए जब कृष्ण ने कहा था कि मैं इसलिए भी कर्म करता हूं क्योंकि दुनिया शीर्ष के लोगों का अनुसरण करती है। कर्म के साथ-साथ देश के हालात को देखकर विलासिता के प्रदर्शन को बंद करना इस समय राष्ट्रधर्म है और मुकेश अंबानी को इस पर विचार करना चाहिए। 

Exit mobile version