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“क्या ‘लंपी वायरस’ को देख पेटा और पतंजलि अंधे हो गए हैं?”

लंपी वायरस

सबसे पहले बता दूं लंपी वायरस जानवरों की बीमारी है, जो एक संक्रमक बीमारी है इस से उनकी चमड़ी में दाने निकल आते हैं औऱ फिर कुछ दिन में उनकी मौत हो जाती है।

ऐसा मौतों का भयानक मंजर आपने राजस्थान तस्वीरों में देखा होगा, जहां नाकाम सरकार के प्रयासों को आप भली भांति देख सकते हैं। मुख्यमंत्री जी तो अभी तक ये नही डिसाईड कर पा रहे कि मुख्यमंत्री रहूं या प्रेसिडेंट का चुनाव लड़ू।

गाय मर रही हैं तो मर जाए उनका क्या जाता है जानवरों के वोट तो होते नही तो उनकी कीमत सस्ती है। राजस्थान से निकल कर ये वायरस आसपास के राज्यो में फैल चुका है पर कोई गाइडलाइन नहीं ना राज्य सरकार से सुनने मिली न क्रेंद सरकार से।

कहा गुम हैं पेटा वाले?

जिनको पेटा क्या है नहीं पता तो उनकी जानकारी के लिए बता दूं कि उनकी साइट के अनुसार ये एक संस्था है जो दुनिया भर में जानवरों के संरक्षण के लिए काम करते हैं अक्सर इन्हें जानवरों की चमड़ी औऱ कई चीजों जिनसे जानवरों को नुकसान हैं होता है उनके लिए आवाज़ उठाते हैं। इसमें इनके साथ बड़े बड़े सेलेब्रिटीज़ शामिल होते हैं । कहा जा रहा था कि हमेशा की तरह जागरूकता फैलाने के लिए इस बार ये रणवीर सिंह से न्यूड फोटोशूट करवाने की बात कर रहे थे। दुनियाभर में कई सेलेब्रिटीज़ ने इनके लिए ऐसे फोटोशूट करवाये हैं।

रही बात अपने देश की तो इनकी डिक्टनरी में बकरी तो कभी रही नहीं पर कुछ समय पहले जो वेगन मिल्क यूज़ करने का उपदेश दे रहे थे आज गायों की इस निर्मम दुर्दशा पर शांत हो गय हैं कैम्पेन तो दूर की बात एक ट्वीट नहीं कर सके। क्या इस दौहरे रवैये से जानवरों का भला हो सकता है? अगर इसी प्रकार गाये यूं ही मरती रही औऱ अगर कुछ बच भी गए तो फिर दूध की ज़रुरतों के लिए बाकी बचे जानवरो का दोहन होगा।

पतंजलि औऱ बाकी फार्मा कंपनिया

बाबा रामदेव में कुछ बाबा बचा है या सब बिजनिस मैन हो गया। कोरोना के समय में बाबा इलाज के लिए अपनी टीम के साथ बहुत तेज़ी से जुट गए थे, फिर जल्दी ही अपनी दवा भी लांच कर दी औऱ अरबों कमा लिए ।आज बाबा की कंपनी हर तरह के प्रोडक्ट बनाती है, तो बाबा जवाब दे कि गायों के लिए रिसर्चर क्यों नहीं कुछ करते? गए का शुद्ध घी से लेकर कई सौ तरह के प्रोडक्ट क्या सिर्फ इसलिए आप और सारी फार्मा कम्पनी कोशिश तक नही कर रहीं, इनसे इंसानों की तरह मोटी कमाई नहीं होगी इसलिए? सब से मुनाफे के खेल में फंसे हैं इंसानियत के लिए नहीं । जल्द से जल्द कुछ इलाज ना किया गया तो ये पशु भी इकोसिस्टम से खत्म हो जाएगा, जो हमारे पर्यावरण को बहत ही नुकसान पहुंचाएगा।

क्रेंद सरकार ही अब उम्मीद है..

मोदी जी अब तक आप ने ये नही देखा हो तो आंखे खोलिए, विदेशों में देश कितना भी मज़बूत कर ले पहले देश की संस्कृति का हिस्सा रही गायों को बचाना आपका राज धर्म है और चूंकि राज्य सरकार अब इसे बात को नही संभाल पा रही तो केन्द्र सरकार की ये ज़िम्मेदारी है कि इस समस्या को जल्द से जल्द निदान करे नहीं तो इसके दुष्परिणाम हम सभी को भुगतने भी होंगे।

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