कल टीम इंडिया की नई जर्सी लॉन्च हुई औऱ देख कर मुझे लगा की आज पहली बार पूरी टीम इंडिया की जर्सी लॉन्च हुई है। मेरी जानकारी के हिसाब से आज पहली बार हुआ है जब T20 जर्सी लॉन्च की कवर फोटो पर महिला और पुरूष दोनो खिलाड़ियों को जगह मिली है, जो आज मेरे और पूरी महिला टीम के लिए वर्ल्ड कप से बड़ी जीत के जैसा है, क्योंकि क्या मतलब ऐसे वर्ल्ड कप का जो हमे वो समानता और सम्मान न दिला सके। शायद वर्ल्ड कप भी यही चाहता है कि आप पहले सम्मान जीत लो मैं तो कभी भी आ जाऊंगा।
मैं खुश क्यों हूं?
जब हम महिलाओं को रोल मॉडल बनाना शुरू करेंगे, तभी इनकी कहानियां जान पाएंगे, मिताली राज की बायोपिक देखकर मैन जाना महिला क्रिकेट की शरूवात जहा बेसिक ज़रूरतो की कमी के साथ आगे बढ़ना और खेलना है।
इसके बीच मे भी उन्हें कई बेतुके सवालों का जाबाब देना पड़ता है जैसे आपका फेवरेट पुरुष खिलाड़ी कौन है? आप शादी कब करेंगे या कभी सुंदर महिला खिलाड़ी को नैशनल क्रश बना देते हैं, वो आज भी उन्हें एक खिलाड़ी नहीं एक लड़की देखते है,उनकी नज़र में उस खिलाड़ी का सम्मान नहीं जिसने 20 साल धूप में देश के लिए अपना जीवन लगाया है।
धोनी से मिताली राज तक
मैं यह नही कहूंगा कि मैं हमेशा से महिला क्रिकेट को जानने वाला रहा हूं, वैसे मैं धोनी का फैन था, तो उस समय मिताली राज भी भारत की कप्तान थीं इसलिए उनके बारे में भी जानने लगा और फिर स्पोर्ट्स आर्टिकल पढ़ते-पढ़ते झूलन गोस्वामी के बारे में जाना, कुछ सालों तक तो मेरे लिए महिला बस इक्रिकेट इतना ही था, आज बदलते समय में मैं महिला क्रिकेट से अच्छी तरह से रूबरू हूं। मैं 11 से ज़्यादा महिला खिलाड़ीयों का नाम जनता हूं और विदेशी महिला खिलाड़ियों को भी जानता हूं।
पूजा वस्त्रकार मेरे ग्रह ज़िले की हैं और मुझे इस पर गर्व महसूस होता हैं कि हमारे पिछड़े इलाकों से भी लोग जा देश का सम्मान बढ़ा रही हैं।
सच लिखने वाले इस बात से मुंह नही मोड़ सकते कि पिछले पांच-दस सालों में बदलाव आया है आज महिला खिलाड़ी भी हर जगह दिखने लगी हैं, उन्हें भी विज्ञापन मिलने लगे हैं। उन्हें बेसिक सुविधाओं के लिए अब उतनी जद्दोजहद नही करनी पड़ती। अब जब अपनी देश की लड़कियां खेलती हैं, तो लोग देखते हैं। जीत ही नही हार में प्रधानमंत्री तक साथ खड़े हैं।
कुछ बदलाव जो अब भी बाकी हैं
न्यूजीलैंड पहला देश है जहां महिला और पुरष खिलाड़ियों की सैलरी बराबर की गई है।
समान अवसर, समान सुविधा और समान सम्मान ये चीज़ें, जब हमारे खिलाड़ीयों को मिलने लगेगी हमारा वर्ल्ड कप भी घर आ जाएगा।