आज से राहुल गांधी और कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का शुभारंभ होगा। दिन प्रति दिन लोगों का कांग्रेस में घटता विश्वास और अपनों का दगा (विश्वासघात) ही शायद दो वह कारक रहे हैं जिसकी वजह से राहुल गांधी ने देशव्यापी यात्रा का संकल्प लिया था। कांग्रेस का दावा है कि यह भारत जोड़ो यात्रा देश में एक्सट्रीम लेवल पर फैल चुकी नफरत को प्यार में तब्दील करने में सहायक होगी। एक बड़ा फायदा इसका यह भी होगा कि कांग्रेस के कथित गुर्गों से बाहर निकल, राहुल गांधी सीधा जनता से संवाद कर सकेंगे जो कांग्रेस के प्रति लोगों में विश्वास बहाली का काम करेगी।
कॉंग्रेस की यात्रा और बीजेपी
शुरुआती दौर में राहुल गांधी की इस यात्रा को बेहद हलके में लेने वाली भाजपा अब थोड़ा सकते में और बैकफुट पर नज़र आ रही है। भाजपा के नेताओं के लगातार ऊटपटांग ब्यान इस बात को सच साबित करने की गवाही देते हैं। कांग्रेस की हालिया हल्ला बोल रैली में राहुल गांधी से बोलने में जो एक गलती हुयी थी उसको भाजपाई आईटी सेल ने कुप्रचार करने की कोशिश तो बहुत की मगर वह दांव उल्टा पड़ गया था। यह इस बात का सबूत है कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जिस विश्वास बहाली के लिए यात्रा की जा रही है वह यात्रा से पहले ही अपनी चरमसीमा पर पहुंच चुकी है।
भारत में राजनीतिक यात्राओं का बहुत पुराना इतिहास रहा है. महात्मा गांधी जी से ले कर भाजपा तक ने यात्राओं के दम पर ही अपने उरूज़ को छुहा है. राहुल गांधी की यह यात्रा भी उनकी शख्सियत और पार्टी को एक नया मुकाम देगी. उनके प्रति जो एक पप्पू टाइप की इमेज को स्थापित किया गया है लोगों से सीधे संवाद के बाद यह भ्रम पल भर में चकनाचूर हो जायेगा. सबसे खास बात यह है कि इस यात्रा को कांग्रेस की यात्रा की जगह देश की यात्रा कहा जा रहा है जो एक अच्छा संकेत है.
देश में इस समय जो बदलाखोरी और खरीदो फरोख्त वाली राजनीती चल रही है उसमें यह भारत जोड़ो यात्रा एक ठहराव लाएगी. समुदायों को बाँट कर सत्ता हासिल करने का जो चलन फ़िलहाल चल रहा है उस नफरत को प्यार में तब्दील करने का भी काम यह यात्रा अंजाम देगी. नये देश के निर्माण के संकल्प के साथ शुरू हुयी इस यात्रा के लिए राहुल गांधी को शुभकामनायें।