Site icon Youth Ki Awaaz

किरदार तो अच्छा निभा लेते हो तुम

कविता

चांद और सूरज की अच्छी वफादारी है

तुम और तुम्हारा रूप दोनों किरदारी है

किरदार तो अच्छा निभा लेते हो तुम

मगर तुम्हें नही पता हार कर भी ये जीत हमारी है।

2

कई साल बाद एक जाने पहचाने नंबर से मैसेज आया

वो बोली उस समय कहा था तुम्हारा शायर

मैने कहा शायर तो तब भी मुझमें ही था

बस वो तेरी दगा के इंतजार में था

अब मैं शायरी के प्यार में हूं जैसे

उस समय तेरे प्यार में था ।

3

मेरे जनाज़े में शामिल तू जरूर होना

मगर इक फासला बनाए रहना

बचा न था जिंदगी में मेरे लिए कुछ

मगर तू  समझ को मजबूरी बनाए रखना।

Exit mobile version