17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिवस पर जहां एक ओर अफ्रीका के नामीबिया जंगलों से लाए हुए 8 चीतो को मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में “कुन्नू राष्ट्रीय उद्यान” में मुक्त किया और फिर उसी शाम पीएम मोदी ने “नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी” को लॉन्च किया ये पॉलिसी देश की आर्थिक व्यवस्था की दृष्टि से बेहद खास बताई जा रही है ।
क्या है लॉजिस्टिक्स कॉस्ट?
पीएम नरेंद्र मोदी ने पॉलिसी का अनावरण करते हुए सम्बोधन में कहा कि भारत विश्व की 5वी अर्थव्यवस्था है और भारत घरेलू उत्पादन का हब बनने पर ध्यान केंद्रित कर रहा और इस पॉलिसी से बाजारों में मजबूती बढ़ेगी ।
देश में इस समय लॉजिस्टिक लागत 13% फ़ीसदी है, जोकि दुनिया के विकसित देशों की मुताबिक़ कई अधिक है सरकार का उद्देश्य है की इस नई लॉजिस्टिक्स पॉलिसी से कॉस्ट को 10% प्रतिशत तक लाया जाए । सरकार का मानना है कि लॉजिस्टिक्स लागत कम करने करने का लक्ष्य 2030 तक पूरा कर लेगी ।
लॉजिस्टिक पॉलिसी क्या है?
National logistics policy (NLP) को भारत में होने वाले उत्पादन को उसके गंतव्य तक पहुंचाना है यानी कि वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक छोड़ना, जहां उस वस्तु की खपत होनी है इस प्रक्रिया में जो लागत होती है, उसको लॉजिस्टिक कॉस्ट कहते हैं, इस लागत को कम करना ही सरकार का लक्ष्य है । लॉजिस्टिक्स पॉलिसी से माल ढुलाई की आवाजाही में लागत को कम करने के लिए ही इस पॉलिसी का निर्माण हुआ है ।
भारत में अभी माल ढुलाई के लिए सड़कों पर निर्भरता 60% प्रतिशत है, तो वहीं रेलवे में 30 फ़ीसदी है। देश में 10 हज़ार से ज़्यादा उत्पादों का लॉजिस्टिक्स कारोबार 160 बिलियन डॉलर का है, भारत में इस पॉलिसी का मूल विजन ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को देश भर में विकसित करना है। इस पॉलिसी में 7 बड़े मंत्रालयों के 35 डिजिटल प्लेर्टफ्रॉम को एक साथ जोड़ा जाएगा जोकि अब तक अलग अलग चल रहे थे।
भारत की रैंक
विशेषज्ञों का मानना है कि अब सड़कों की बजाए रेलवे पर निर्भरता बढ़ेगी । केंद्र सरकार ग्लोबल बेंच मार्क के अनुसार 8% प्रतिशत का लॉजिस्टिक लागत लक्ष्य ले कर चल रही है ।
नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी को लाने का ऐलान पहली बार 2020 के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था और 17 सितंबर 2022 को नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी को लॉन्च कर दिया गया ।
2018 की वर्ल्ड बैंक के ज़रिए जारी हुई लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स रिपोर्ट में भारत की रैंक 44वी रही है भारत सरकार का यह कदम यह इस रैंक को सुधार करने के लिए है National logistics policy को हिंदी में “राष्ट्रीय रसद नीति” कहते है । भारत में 13% रसद लागत जीडीपी में एक रुकावट की तरह मानी जा रही है।