अगर जुलाई माह का प्रथम सप्ताह ख़त्म होने को हो और बारिश न हो तो यह किसानो के लिए चिंता का विषय बन जाता है ऐसा ही कुछ इस वर्ष भी हुआ, जुलाई का दूसरा सप्ताह प्रारम्भ होने तक है पूरे उत्तर भारत में बारिश के निशान तक नहीं थे।
मौसम विभाग के अनुसार प्रत्येक वर्ष 25 जून से 10 जुलाई तक मानसून उत्तर भारत में दाखिल हो जाता है, लेकिन जुलाई का प्रथम सप्ताह ख़त्म होने को है लेकिन अभी तेज बारिश के कोई आसार नहीं है,इस परिस्थिती में किसानो का खरीफ ली फसल पर गहरा असर पड़ेगा और खरीफ की फसल में देरी होगी इसीलिए उत्तर भारत के राज्यों में मानसून की बारिश का बेसब्री से इंतजार है
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद गाँव पंडरी कृषि सहायक राम रामबहादुर के अनुसार इस वर्ष मानसून के देरी के कारण खरीफ की फसलों पर गहरा असर पड़ने के आसार है और इसके अलावा समय से मानसून ना आने के कारण तापमान में भी कोई फर्क नहीं दिखता जिससे पालतू मवेशी भी परेशान हैं।