क्या आपने भारत के कुछ खतरनाक ट्रेक्स (treks) के बारे में सुना है? सोशल मीडिया पर आपके दोस्तों या रिश्तेदारों की तस्वीरें कभी-कभार आ ही जाती होंगी जिनमें ट्रेकिंग (trekking) का ज़िक्र होता होगा। जो लोग प्रकृति के करीब रहकर एडवेंचर का शौक रखते हैं, उन लोगों के लिए ट्रेकिंग सबसे बढ़िया विकल्प है। वैसे, ट्रेकिंग करने का हर किसी का अपना कारण होता है। कुछ लोग शांति और सुकून की तलाश के लिए ऐसा करते हैं, कुछ लोग अपनी क्षमता देखने के लिए करते हैं, तो कुछ लोग प्रकृति की खूबसूरती को निहारने के लिए करते हैं। इसके अलावा भी बहुत सारी निजी वजहें हो सकती हैं ट्रेकिंग के लिए।
वैसे, भारत में ट्रेक्स (treks) की बात आती है तो द ग्रेट हिमालयन रेंज, लद्दाख का जांस्कर नदी टैक और गोचला ट्रेक पर कंचनजंगा की सुन्दरता हमेशा से एडवेंचर प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे ही treks के बारे में बताएंगे जो ना सिर्फ एडवेंचर करने वालों को आकर्षित करते हैं, बल्कि वे बेहद ही मुश्किल और खतरनाक भी हैं।
चादर ट्रेक, लद्दाख
भारत में ट्रेकिंग की दुनिया में ये वो जगह है जिसे सबसे अधिक चैलेंजिंग माना जाता है। यहां तक कि आप जब गूगल कीजिएगा तो चैलेंजिंग treks की सूचि में यह नाम सबसे पहले आएगा। यह भारत के सबसे अनोखे ट्रेक में से एक है। अब सवाल है कि यहां कब जाएं? यहां की ट्रेकिंग खतरनाक होने के साथ-साथ मज़ेदर कब होगी?
तो इसका जवाब है अगर आपको यहां जाना हो तो आप जनवरी के शुरुआत से लेकर फरवरी के अंत तक या मार्च के पहले सप्ताह में जाएं। ये वो समय है जब यहां ट्रेकिंग का भरपूर मज़ा लिया जा सकता है। आप कितना अधिक ट्रेकिंग का मज़ा पाएं, यह मौसम पर भी निर्भर करता है। ध्यान रहे कि बेस कैंप के लिए आपके ट्रेकिंग का स्टार्टिंग पॉइंट चिलिंग (Chilling) है। जांस्कर पहुंचने के लिए लेह श्रीनगर हाईवे की मदद ली जा सकती है। बता दें कि जांस्कर से थोड़ा आगे ही है चिलिंग।
पिन पार्वती दर्रा, कसौली
हिमाचल प्रदेश के सबसे मुश्किल treks में से एक है कसौली में स्थित पिन पार्वती दर्रा। अगर आपको रोमांच के साथ कठिनाई भरा सफर चाहिए तो ये जगह बिल्कुल आपके लिए है। दिलचस्प यह है कि आपको 110 कि.मी. लंबी पगडंडी के ज़रिये ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क, खीरगंगा, मंतलाई और पिन पार्वती दर्रे के घने जंगलों में जाने का भी मौका मिलेगा। पगडंडी हरे भरे जंगल और हरी घाटियों में लिपटी हुई है। ध्यान रहे कि मॉनसून के दौरान यह सफर बेहद ही रोमांचक हो जाती है। 11 दिन के इस ट्रेक का भरपूर लुत्फ लेना है तो जुलाई से सितंबर सबसे बेस्ट समय हो सकता है।
खीरगंगा के पार्वती कुंड में गर्म पानी के झरनों का आनंद ज़रूर लें। यदि रोमांच का लुत्फ उठाने में आपको कोई दिक्कत नहीं है, तो यह चुनौतियों से भरा ट्रेक मार्ग आपके लिए बेस्ट है।
ऑडनेंस कोल, गंगोत्री
उत्तराखंड का यह बेहद रोमांचक ट्रेक गंगोत्री से शुरू होता है और नाला कैंप और गढ़वाल के घने जंगलों से होकर गुज़रता है। 18,010 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह गढ़वाल हिमालय की सबसे ऊंची पर्वत चोटियों में से एक है।
यह रुद्रगैरा और भिलंगना घाटियों को जोड़ने के साथ-साथ रुदुगैरा पीक, ऑडेन कोल पास और जोगिन पीक के कुछ सबसे शानदार और रोमांचक दृश्य पेश करता है। 13 दिनों तक चलने वाला यह ट्रेक काफी कठिन माना जाता है। यहां आपको आना है तो जून से अक्टूबर के बीच का समय आपके लिए सबसे बेस्ट है।
स्टोक कांगड़ी ट्रेक, लद्दाख
स्टोक कांगड़ी ट्रेक की जब बात आती है तो एक नाम आपके ज़हन में आना ही चाहिए। वो है हेमिस नैशनल पार्क। लद्दाख में स्थित यह पार्क स्टोक कांगड़ी समुद्र तल से 20,190 फीट ऊंचा है। यह हिमालय की स्टोक रेंज का सबसे ऊंचा पर्वत भी है, जहां से जांस्कर और सिंधु घाटी का शानदार दृश्य देखा जा सकता है।
एक ज़रूरी तथ्य है जो आपको जानना चाहिए वो यह कि 8 दिनों तक चलने वाले इस ट्रेक में सबसे मुश्किल इसकी ऊंचाऊं नहीं, बल्कि ऑक्सीजन की कमी है जिसके आपको बहुत अधिक थकान और सिरदर्द भी हो सकता है। बता दें अगर आपकी योजना है कि यहां आकर ट्रेक करें तो सबसे अच्छा समय जून से सितंबर के बीच है।
गोइचा ला ट्रेक, सिक्किम
ट्रेकिंग में रोमांच तो है ही मगर मगर इसके साथ-साथ आपको यदि खूबसूरत नज़ारों का भी लुत्फ उठाना है तो सिक्किम के युकसोम से शुरू होने वाले इस ट्रेक में आप हिमालय के कुछ बेहद ही खूबसूरत नज़ारे देख सकते हैं। गोचला ट्रेक को लोग इसलिए भी पसंद करते हैं, क्योंकि इसके रास्ते बेहद चुनौतीपूर्ण हैं।
सूर्योदय और सूर्यास्त के तो क्या ही कहने! बर्फ की चादर से ढके पहाड़ों और सुंदर नदियों का नज़ारा बेहद खूबसूरत लगता है। ओंगलकथांग घाटी के तल पर स्थित सुंदर समिति झील ट्रेक का एक और प्रमुख आकर्षण है। यह 11 दिन लंबा ट्रेक अप्रैल, मई, सितंबर और अक्टूबर के महीनों के लिए सबसे बेस्ट है।