Site icon Youth Ki Awaaz

“ जनता का सेवक “

“ जनता का सेवक “

डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “

===================

कोई रास्ता तो ढूँढना होगा ,

विकल्प को तलाशना होगा !

सबने हमें तिरस्कार किया है ,

उनको तो धूल- चटाना होगा !!

और भला क्या हम कर सकते हैं ,

किससे क्या आशा रख सकते हैं !

सबने हमको सिर्फ कष्ट दिया हैं ,

तुम बोलो हम क्या कर सकते हैं !!

अब हमको सिखलाना होगा ,

उनको राह दिखलाना होगा !

सबने हमें तिरस्कार किया है ,

उनको तो धूल- चटाना होगा !!

वादा था अच्छे दिन दिखलाएंगे ,

सबको रोजगार जल्द दिलवाएंगे !

महँगायी विशाल दैत्य के पुतले ,

हर घर -घर में उसको जलाएंगे !!

अब इसको देखके रोना होगा ,

डायन का कहर झेलना होगा !

सबने हमें तिरस्कार किया है ,

उनको तो धूल- चटाना होगा !!

नोटबंदी के नाटक से हम त्रस्त हुए ,

इस मौके पर सबके सब भ्रष्ट हुए !

बूढ़े ,बच्चे ,महिलाओं का बुरा हाल ,

सब ही इस महामारी से ग्रस्त हुए !!

इसको कब तक सहना होगा ,

सदिओं तक इसे झेलना होगा !

सबने हमें तिरस्कार किया है ,

उनको तो धूल- चटाना होगा !!

सेवक संरक्षक ही बन कर रहता है,

दुश्मन का वो सिर्फ संघारक होता है !

जनता का सेवक बनकर जनता के ,

पीठों में ही खंजर भोंका करता है !!

अब तो हमें संभलना होगा ,

दुख हमको नहीं सहना होगा !

सबने हमें तिरस्कार किया है ,

उनको तो धूल- चटाना होगा !!

कोई रास्ता तो ढूँढना होगा ,

विकल्प को तलाशना होगा !

सबने हमें तिरस्कार किया है ,

उनको तो धूल- चटाना होगा !!

===================

डॉ लक्ष्मण झा “परिमल “

साउंड हेल्थ क्लिनिक

डॉक्टर’स लेन

दुमका

झारखण्ड

भारत

Exit mobile version