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“बिहार राज्य पाठ्यक्रम में शामिल हो शहीद रामफल मंडल की जीवनी”

अमर शहीद रामफल मंडल के शहादत दिवस पर समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय मंडल ने कहा की वीर बलिदानी अमर शहीद रामफल मंडल जी के बलिदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता, उन्होंने देश की आज़ादी की खातिर हंसते हंसते फंसी के फंदे को चूम लिया था लेकिन उन्हें सरकार के द्वारा जो सम्मान मिलना चाहिए वो नहीं मिला!

हम लोगों ने लगातार बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार से मांग की लेकिन अब तक उसे पूरा नहीं किया गया है। जल्द से जल्द बिहार की राजधानी पटना एवं देश की राजधानी दिल्ली में उनका स्मारक बनना चाहिए, जिसके लिए बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार को प्रतिबद्धता दिखानी होगी। बिहार राज्य पाठ्यक्रम में उनकी जीवनी को शामिल किया जाना चाहिए, जिससे प्रेरणा लेकर बच्चे देश के विकास में अपना योगदान दे सकें।

सरकार के कई मंत्री एवं नेता उनके शहादत दिवस समारोह में जाकर फोटो खिचवाते हैं एवं बड़ी – बड़ी बातें करते हैं लेकिन उनके सम्मान के लिए सरकार अपनी तत्परता नहीं दिखाती।

उदय मंडल ने कहा की बिहार में धानुक समाज की इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद भी समाज राजनैतिक रूप से हासिए पर है, लगातार हमें वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन समाज को अपने अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। यही कारण है कि अमर शहीद रामफल मंडल के सम्मान में देरी हो रही है।

गौरतलब है कि रामफल मंडल का जन्म बिहार के सीतामढ़ी ज़िला के बाजपट्टी (मधुरापुर ग्राम) में हुआ था, उन्हें भारत छोडो आन्दोलन के दौरान 23 अगस्त 1943 भागलपुर सेंट्रल जेल में फंसी हुई थी।

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