स्कूल खत्म कर रहे लगभग सभी स्टूडेंट्स के मन में जो सवाल होता है वो ये कि 12th के बाद साइंस (science) और आर्ट्स (arts) में कौन सा stream लें? यूं तो आजकल बच्चे पहले ही तय कर लेते हैं कि आखिर उन्हे लेना क्या है लेकिन फिर भी वो एक बार एडमीशन से पहले इस टरैप में फंसते ही हैं की आखिर क्या करें?
अगर हम बात करें साइंस की तो वो एक रिसर्च और फैक्ट्स का विषय है, वहीं अगर हम आर्ट्स की बात करें तो वो एक फिक्शन भी हो सकता है, हिस्ट्री भी, ज्योग्राफी भी और पॉलिटिक्स भी। साइंस एक ऐसा विषय है जो आपको इंजीनियर, डॉक्टर, साइंटिस्ट बना सकता है, तो वहीं आर्ट आपको एक रिसर्च फैलो से एक राइटर तक बहुत कुछ बनने ला मौका देता है।
ये तो हुई बात लेकिन क्या आप जानते हैं इन विषयों को पढ़ने से आपकी ग्रोथ किस तरह बढ़ सकती है और क्या फायदे इसके मिल सकते हैं।
क्या फायदे हो सकते हैं साइंस या आर्ट्स के?
साइंस
- विज्ञान का अध्ययन एक स्टूडेंट को आवश्यक कौशल सिखाता है जो उन्हें रोज़गार योग्य बनाता है।
- 10+2 स्तर के बाद इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसी पेशेवर विकल्प चुन सकते हैं, जो बचपन से ही स्टूडेंट्स को आकर्षित करते हैं।
- इस स्तर पर विज्ञान में एक मजबूत नींव एक छात्र को बैंकिंग, सिविल सेवा, एमबीए प्रवेश परीक्षा जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकती है।
- साइंस स्टूडेंट्स को उन चीज़ों की खोज और आविष्कार करने का लाभ मिल सकता है, जो बड़े पैमाने पर समाज के लिए फायदेमंद होंगी।
- जीव विज्ञान जैसे विज्ञान विषय हमें सिखाते हैं कि जीवित चीजें कैसे काम करती हैं, भौतिकी हमें ब्रह्मांड के कामकाज से अवगत कराती है और रसायन विज्ञान हमें विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं के ज्ञान में मदद करता है और उनका उपयोग कैसे किया जा सकता है ये भी सिखाता है।
आर्ट्स
- कला या मानविकी का अध्ययन एक स्टूडेंट को विश्लेषण और अभिव्यक्ति की शक्तियों को विकसित करने में मदद करता है।
- आर्ट्स का अध्ययन आपको सीधे रोज़गार योग्य नहीं बना सकता ये सच है, तो ये आपको भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करता है जिसके लिए अच्छे संचार कौशल, तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता की आवश्यकता होती है।
- कई बड़े-बड़े उद्योग/ इंडस्ट्री आर्ट्स पृष्ठभूमि के लोगों को पसंद करते हैं, क्योंकि न केवल उनके पास स्वतंत्र रूप से और विश्लेषणात्मक रूप से काम करने की क्षमता है बल्कि वे स्पष्ट और सुसंगत रूप से जानकारी एकत्र करने और लिखने में भी विशेषज्ञ हैं।
- मानविकी स्ट्रीम के तहत एक छात्र को जितने विषय पढ़ने को मिलते हैं यानि भूगोल, दर्शनशास्त्र, इतिहास, समाजशास्त्र और राजनीति विज्ञान जैसे विषय करियर के व्यापक विकल्प खोलते हैं।
इन विषयों के बारें में तो अब हम जानते हैं लेकिन आपको पता है क्या कौनसा विषय या कहें कोर्स चुनना आपके लिए ज़्यादा बेहतर होगा और उससे आपके लिए क्या क्या करियर अपोर्चनयूटी हो सकती हैं।
आईए विस्तार से जानते हैं क्या होते हैं इनके अंतर्गत आने वाले कोर्सेज़?
हर एक विषय का अपना महत्व है लेकिन आपने अपने आसपास घरों में भी पेरेंट्स को साइंस स्ट्रीम पर ज़ोर देते हुए देखा होगा, तो आईए पहले हम इस पर ही बात करते हैं।
हम सभी जानते हैं साइंस में दो अलग-अलग फील्ड होती हैं, इंजीनियरिंग और मेडिकल! और इन दोनों ही फील्ड में करियर के ढेरों विकल्प आपको मिल जाएंगे। यदि आपने 12वीं की परीक्षा बायलॉजी से दी है और आपका सपना डॉक्टर बनने का है, तो आपको मेडिकल के एंट्रेंस एग्जाम देने पड़ेंगे। वहीं अगर आपने मैथ्स विषय के साथ 12वीं की परीक्षा दी है, तो आपके सामने इंजीनियरिंग की फील्ड में कई विकल्प उपलब्ध हैं लेकिन ज़रूरी तो नहीं की हर एक स्टूडेंट मेडिकल और इंजीनियरिंग के टफ एंट्रेंस एग्जाम निकाल पाए या निकालना ही चाहे लेकिन फिर ऐसे स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स असमंजस में रहते हैं कि आगे क्या करें, क्या नही? तो हम सभी तरह के छात्रों को ध्यान में रखते हुए हम बता रहे है मैथ्स और बायोलॉजी के करियर विकल्पों के बार में-
बैचलर ऑफ साइंस
- फॉर्मेसी
- एग्रीकल्चर
- बायोटेक्नोलॉजी
- होम्योपैथी
- आयुर्वेद
- बॉटनी
- वाइल्ड लाइफ साइंस
- पैथोलॉजी
- मेडिसिन
- टीचिंग
- वेटनरी साइंस
- फूड टेक्नोलॉजी
मैथ्य फील्ड के करियर ऑप्शन-
- एग्रीकल्चर
- मैरीन इंजीनियरिंग
- मर्चेंट नेवी
- प्लास्टिक इंजीनियरिंग
- नैनो टेक्नोलॉजी
- रोबोटिक्स
- स्पेस साइंस
- एंवायरमेंट साइंस
इन सभी के लिए बैचलर कोर्स होते हैं साथ ही अलग-अलग यूनिवर्सिटीज़ में इनसे संबंधित डिप्लोमा और डिस्टेंस कोर्स भी करवाए जाते हैं। अब हम बात करते हैं आर्ट्स की।
बैचलर ऑफ आर्ट्स
- बीए – भूगोल
- बीए – राजनीति विज्ञान
- बीए – लोक प्रशासन
- बीए – अंग्रेजी साहित्य
- बीए – अर्थशास्त्र
- बीए – टेक्नीकल कोर्सेज
अगर आपने आर्ट्स चुना है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आगे चलकर आप किसी टेक्नीकल कोर्स में एडमिशन नहीं ले सकते, अंडरग्रेजुएट लेवल पर आर्ट स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए कई टेक्नीकल कोर्सेज भी उपलब्ध हैं, जिन्हें ज्वाइन करके स्टूडेंट्स भविष्य में किसी टेक्नीकल फील्ड में अपना करियर बना सकते हैं।
- बीसीए – बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन
- बी.आर्क – बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर
लॉ कोर्सेज़
यदि आपको लॉ पसंद है, हाई स्कूल में आर्ट्स स्ट्रीम आपके लिए सटीक चयन होगा। आर्ट्स से ग्रेजुएशन करने के बाद स्टूडेंट्स एलएलबी कर सकते हैं और आमतौर पर, एलएलबी की योग्यता स्नातक की डिग्री होती है लेकिन आप चाहें तो लॉ में 5 साल की डिग्री को भी ज्वाइन कर सकते हैं।
- बीए + एलएलबी – बैचलर ऑफ आर्ट्स और बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ
- बीबीए + एलएलबी – बैचलर ऑफ बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन और बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ
मैनेजमेंट कोर्सेज
अगर आर्ट्स में करियर की बात करें तो मैनेजमेंट सबसे ज़्यादा सफल माना जाता है और आर्ट्स स्टूडेंट्स के लिए कई मैनेजमेंट कोर्सेज उपलब्ध हैं, जिनमें ग्रेजुएशन डिग्री लेवल के कोर्सेज, पांच साल के कोर्सेज और शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेशन प्रोग्राम्स भी शामिल हैं, हालांकि, मैनेजमेंट कोर्सेज में सबसे लोकप्रिय निम्नलिखित कोर्सेज माने जाते हैं।
- बीबीए (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन)
- बीएमएस (बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज़)
- एकीकृत बीबीए + एमबीए प्रोग्राम (5 साल की अवधि)
- बीएचएम (बैचलर ऑफ होटल मैनेजमेंट)
- रीटेल मैनेजमेंट (डिप्लोमा)
फैशन डिजाइनिंग/ अन्य डिजाइनिंग कोर्सेज
डिजाइनिंग आर्ट्स स्टूडेंट्स के लिए काफी विशाल करियर है, खासकर उन स्टूडेंट्स के लिए जो विजुअल आर्ट्स में एक्सपर्ट हैं। आर्ट्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए डिज़ाइन स्ट्रीम में कई ग्रेजुएशन लेवल के कोर्सेज उपलब्ध हैं, जिसमें तीन वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्सेज के अलावा, छात्र विभिन्न संस्थानों द्वारा सर्टिफिकेशन और डिप्लोमा कोर्सेज़ भी कर सकते हैं, जैसे
- बैचलर ऑफ टेक्सटाइल डिज़ाइन
- बैचलर ऑफ डिज़ाइन (एक्सेसरी)
- बैचलर ऑफ फैशन कम्युनिकेशन
- बैचलर ऑफ इंटीरियर डिजाइनिंग
- बैचलर ऑफ प्रोडक्ट डिज़ाइन
- फर्नीचर और इंटीरियर डिजाइन कोर्सेज
- बैचलर ऑफ डिजाइन (लेदर)
- बैचलर ऑफ फैशन डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी
परफॉर्मिंग आर्ट्स कोर्सेज
जो आर्ट्स स्टूडेंट्स परफॉर्मिंग आर्ट्स में रुचि रखते हैं, उनके लिए आर्ट्स स्ट्रीम में 12 वीं पास करने के बाद कई परफॉर्मिंग आर्ट्स कोर्सेज उपलब्ध हैं। ये कोर्सेज विशेष रूप से ज़रूरी जानकारी से जुड़े होते हैं, इस डोमेन में सबसे लोकप्रिय कोर्सेज़ परफॉर्मिंग आर्ट्स में बैचलर डिग्री है। शार्ट -टर्म डिप्लोमा और सर्टिफिकेट लेवल कोर्स भी विभिन्न संस्थानों द्वारा कराये जाते हैं।
साइंस VS आर्ट्स
साइंस
रसायन विज्ञान, गणित, भौतिकी और जीव विज्ञान जैसे विषयों का अध्ययन शामिल है।
- 10+2 . में सीट सुरक्षित करने के लिए आपके पास कक्षा 10 में अच्छे ग्रेड और गणित में समान रूप से अच्छे अंक होने चाहिए।
- प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही इंजीनियरिंग या चिकित्सा जैसे पेशेवर करियर की शुरुआत कर सकते हैं।
- आप 12वीं कक्षा के बाद अन्य स्ट्रीम कॉमर्स या आर्ट्स में शिफ्ट कर सकते हैं।
आर्ट्स
- इसमें भूगोल, दर्शनशास्त्र, इतिहास, समाजशास्त्र और राजनीति विज्ञान जैसे विषयों का अध्ययन शामिल है।
- कक्षा 10 में यदि अवरेज़ नंबर हैं तो आपको 10+2 आर्ट्स स्ट्रीम में प्रवेश लेने में मदद कर सकते हैं।
- आप कक्षा 12 के बाद विज्ञान या वाणिज्य जैसे विषयों को नहीं चुन सकते हैं।
आशा है आप साइंस लें या आर्ट्स ये बेहतर तरीके से समझ पाए होंगे, क्योंकि दोनों में आपके पास अपार करियर अपोर्चनयूटी हैं और इसके लिए कॉलेज, यूनिवरसीटीज़ आपको हर राज्य, हर शहर में मिल जाएंगी यदि आप और भी कोर्स के विषय में जानना चाहते हैं तो यहां पर क्लिक करें।