समय के साथ एजुकेशन का नज़रिया भी बदल गया है, आजकल स्टूडेंट्स सिर्फ मैथ्स-साइंस के फेर में नहीं पड़ते, बल्कि वो अपनी पसंद यानि आर्ट्स को पूरा महत्व देना जानते हैं, उनमें ही एक है लिबरल आर्ट्स।
क्या है लिबरल आर्ट्स?
लिबरल आर्ट्स सोशल साइंस और ह्यूमनिटीज़ के आधार पर एक बेहतरीन बैकग्राउन्ड देता है। इस डिग्री से आप एक लिबरल विशेषज्ञ के तौर पर काम कर सकते हैं।
लिबरल यानि विस्तार जो आपको किसी एक फील्ड से बांधता नहीं, ठीक इसी तरह है लिबरल आर्ट्स होता है, जिसमें किसी एक अहम मुद्दे को पढ़ना या कहें उसका सामना करना है। ये किसी खास कोर्स या स्टडीज़ से अलग है, तो इसको पढ़ते हुए छात्र कई तरह के क्षेत्रों से जुड़ सकते हैं। ये कार्यक्रम मानव विकास, संस्कृति और रचनात्मकता की खोज के माध्यम से एक विविध शिक्षा प्रदान करते हैं।
आधुनिक समय में अब ऐसे कई विषय हैं, जो इस श्रेणी के व्यापक दायरे में आते हैं; एक विशिष्ट उदार कला डिग्री कार्यक्रम है, जिसमें मानविकी के साथ-साथ सामाजिक, प्राकृतिक और औपचारिक विज्ञान के विषयों को शामिल किया गया है। विभिन्न संस्थानों में उदार कला डिग्री कार्यक्रमों में शामिल विशेष विषयों में अंतर है। हालांकि, उदार कला स्पेक्ट्रम को आम तौर पर निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर करने के रूप में स्वीकार किया जाता है।
कौन ले सकता है एडमीशन?
12वीं पास करने वाला कोई भी स्टूडेंट या कोई भी जिसने 12 वीं की परीक्षा दी हैं मगर अभी रिज़ल्ट नहीं मिल है, वो इस कोर्स को करने के लिए योग्य हैं। इसके अलावा लिबरल आर्ट्स में ग्रेजुएट स्टूडेंट्स देश-विदेश के कॉलेज से इसमें पीजी कोर्स कर अच्छा करियर बना सकते हैं।
- मानविकी (Humanities) इसमें कला, साहित्य, भाषा विज्ञान, दर्शन, धर्म, नैतिकता, आधुनिक विदेशी भाषाएं, संगीत, रंगमंच, भाषण, शास्त्रीय भाषाएं (लैटिन/ग्रीक) आदि शामिल हैं।
- सामाजिक विज्ञान (Social sciences) – इसमें इतिहास, सायकोलॉजी, कानून, समाजशास्त्र, राजनीति, जेंडर अध्ययन, नृविज्ञान (Anthropology), अर्थशास्त्र, भूगोल, व्यवसाय सूचना विज्ञान आदि शामिल हैं।
- प्राकृतिक विज्ञान (Natural Sciences)- इसमें खगोल विज्ञान, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, वनस्पति विज्ञान, पुरातत्व, प्राणी विज्ञान, भूविज्ञान, पृथ्वी विज्ञान आदि शामिल हैं।
- औपचारिक विज्ञान(Formal Sciences) – इसमें गणित, तर्कशास्त्र, सांख्यिकी आदि शामिल हैं।
इसकी शुरुआत
लिबरल आर्ट्स आज का नहीं सदियों पहले का है इसे ऐसे सब्जेक्ट्स का मिश्रण माना जाता था, जो किसी भी इंसान को ‘ज्ञानपूर्ण’ बनाने का काम करते हैं। लिबरल एजुकेशन सबसे पहले ईसा पूर्व सातवीं शताब्दी में शुरू हुई थी और माना जाता है कि गुरुकुल पद्धति इसी आधार की शिक्षा पद्धति थी और आज इसी पद्धति को नहूत अपनाया जा रहा है।
कितने साल का होता है कोर्स?
जबकि विश्वविद्यालय अनुसंधान को प्राथमिकता देते हैं, उदार कला महाविद्यालयों में स्नातक छात्र शिक्षण सहायकों और शोध प्रोफेसरों के साथ मिलकर पढ़ने के बजाय पूर्णकालिक शिक्षण के लिए समर्पित होते हैं। अधिकांश महाविद्यालय छोटे और आवासीय हैं, छोटे नामांकन और कक्षा के आकार और कम छात्र-शिक्षक अनुपात के साथ, शिक्षक अपने छात्रों के साथ सलाहकार और यहां तक कि शोध भागीदार भी बनते हैं।
ये कोर्स 4 साल का होता है, जिसमें 2 साल फाउंडेशन कोर्स और अगले दो साल माईनर सब्जेक्ट यानि वो विषय जिसे छात्र चुनना चाहते हैं, इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि कोई भी स्टूडेंट एक साथ कोई भी दो या दो से ज़्यादा पसंद वाली फील्ड पर फोकस कर सकता है।
क्या हैं लिबरल आर्ट्स में करियर अपोर्चनयूटी?
लिबरल आर्ट्स का कोई भी स्टूडेंट हो, उसके पास बहुत सारे करियर विकल्प हैं। ये साइंस-मैथ्स की तरह आपको सिर्फ गिनी चुनी फील्ड नहीं देता बल्कि बहुत सारे ऑप्शन देता है। इनमें कम्यूनिटी एडवोकेट, पब्लिक वेलफेयर सोशल वर्कर और मीडिया इंस्ट्रक्टर शामिल हैं, साथ ही ये प्रोफेसर, लेक्चरर, एक्टिविटीज असिस्टेंट, एक्टिविटीज डायरेक्टर, एडमिनिस्ट्रेटर, केस मैनेजर आदि पदों पर जाने का मौका भी देता है।
यानि की आप एक कोर्स के माध्यम से अपने पसंद की कोई भी फील्ड चुन सकते हैं वो भी बगैर किसी विशेष सब्जेक्ट से पढ़े बगैर।
यही नहीं लिबरल आर्ट्स और ह्यूमिनिटी में शामिल विभिन्न विषय व्यक्ति को करियर चुनने के लिए कई प्रकार के विकल्प प्रदान करते हैं। इनमें लेखांकन, पत्रकारिता, अनुसंधान, लेखन, सामाजिक कार्य, प्रकाशन, पुस्तकालय संचालन, शिक्षण में करियर शामिल हैं। लिबरल आर्ट्स पढ़ने वाले स्नातक विज्ञान, विपणन (Marketing), सरकार, व्यवसाय, या शिक्षण में करियर के लिए पात्र हैं।
लिबरल आर्ट्स के कॉलेज/ कहां से करें?
भारत में इसके अलग-अलग जगह कई कॉलेज हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कॉलेज
- सिम्बायोसिस स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स (पुणे) – ये भारत का पहला लिबरल आर्ट कॉलेज है, बीए। (लिबरल आर्ट्स) ऑनर्स डिग्री या बी.एससी। (लिबरल आर्ट्स) एसएसएलए में दी जाने वाली ऑनर्स डिग्री एक बेहतर शिक्षा को अच्छी तरह से स्थापित कर अंतरराष्ट्रीय विचारधारा को अपनाती है। एक साथ एक से ज़्यादा विषयों के दृष्टिकोण के माध्यम से छात्रों को अपने भविष्य में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए तकनीकी, शैक्षणिक और व्यावहारिक ज्ञान से लैस किया जाता है।
- जिंदल स्कूल ऑफ लिबरल आर्टस एंड ह्यूमैनिटीज (हरियाणा)– 2013 में स्थापित, जिंदल स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज (जेएसएलएच) ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी का पांचवां स्कूल है और इसके जीवंत बौद्धिक जीवन के केंद्र में है। स्कूल एक वैश्विक स्तर की अंतःविषय उदार कला शिक्षा प्रदान करता है। इसका उद्देश्य युवा वयस्कों को दुनिया के जानकार नागरिक बनने के लिए शिक्षित करना है, जो हमारे समय की जटिल समस्याओं को हल करने के लिए सबसे अच्छी तरह से सामने आ सकें। कई दृष्टिकोणों से और रचनात्मकता के साथ उनसे संपर्क करते हैं।
- एपीजे सत्या यूनिवर्सिटी (गुरुग्राम दिल्ली)– एपीजे सत्य विश्वविद्यालय (एएसयू) वैश्विक शिक्षा का एक केंद्र है जो विभिन्न विषयों में नवीन शिक्षण-शिक्षण, रचनात्मकता और अनुसंधान के लिए समृद्ध अवसर प्रदान करता है। इसका उद्देश्य एक उदार कला संस्थान के साथ एक प्रौद्योगिकी और अनुसंधान-आधारित विश्वविद्यालय की दोहरी पहचान को मिलाकर मूल्य आधारित शिक्षा, मानव-निर्माण और राष्ट्र-निर्माण के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाना है। ASU को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा मान्यता प्राप्त है आप इसकी साइट पर जाकर और ज़्यादा जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
- आईआईएम इंदौर (मध्य प्रदेश)– आईआईएम इंदौर सामाजिक रूप से जागरूक प्रबंधकों और उद्यमियों को विकसित करने वाले, विश्व स्तरीय शैक्षिक मानकों के साथ, एक प्रासंगिक बिजनेस स्कूल है। आईआईएम इंदौर शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता, अनुसंधान और प्रशिक्षण, समकालीन भागीदार-केंद्रित शिक्षण और शिक्षण विधियों का प्रयोग, प्रबंध शिक्षा के उभरते क्षेत्रों में उपस्थिति दर्ज काराता रहा है आप इसक साइट पर जाकर तुरंत अप्लाई कर सकते हैं।
इसके अलावा भी भारत की कुछ टॉप यूनिवर्सिटीज़ हैं, जिनमें इस कोर्स को पढ़ा जा सकता है
- पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी( गुजरात)
- फाउंडेशन फॉर लिबरल एंड मैनेजमेंट एजुकेशन (पुणे)
- ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी (सोनीपत, हरियाणा)
- अशोका यूनिवर्सिटी (हरियाणा)
इसके अलावा भी देश में इसके कॉलेज हैं लेकिन ये कॉलेज रैंकिंग के आधार पर बेहतरीन माने जाते हैं साथ ही इस तरह की एजुकेशन और करियर संभावनाओं के लिए बेहतरीन विकल्प हैं, जो आपको बगैर बोर किए कई तरह के क्षेत्र चुनने की सुविधा देता है।