यदि राइटिंग है आपका पैशन और आपको बिना इनवेस्ट किए घर बैठै कमाने हैं ढेर सारे पैसे, तो फ्रीलांस राइटिंग (Freelance Writing) इंडस्ट्री में आपका स्वागत है। आज के समय में अनेकों वेबसाइट्स हैं, जहां फ्रीलांस राइटर्स अपनी लेखनी भेजते हैं। बस इसके लिए आपको चाहिए भाषा और सब्जेक्ट पर ज़ोरदार पकड़।
इससे ना सिर्फ आपको मिलेंगे अच्छे पैसे, बल्कि ऑफिस जाने और एक तय शिफ्ट में काम करने के बंधन से भी आप आज़ाद हो जाएंगे। तो है ना दिलचस्प? आइए अब आगे आपको बताते हैं एक-एक कर इस बारे में पूरी जानकारी।
कैसे ढूंढें काम?
सबसे पहले तो ये डिसाइड कर लें कि आपको किस तरह की राइटिंग में रूचि है या किस तरह की राइटिंग आप करना चाहते हैं? इस विषय पर जब भी बात होती है तो पहले मीडिया राइटिंग ज़हन में आता है। यानि कि अलग-अलग न्यूज़ वेबसाइट्स या अखबारों के लिए फ्रीलांसर के तौर पर लिखना।
इसके अलावा फ्रीलांस राइटिग इंडस्ट्री में जो अलग किस्म की राइटिंग होती है, वो है अलग-अलग कंपनीज़ के लिए कंटेंट लिखना। हालंकि इसमें फ्रीलांस का स्कोप कम होता है मगर बहुत सारी कंपनिया हैं, यदि आप गूगल पर सर्च कीजिएगा ‘Freelance Writing Jobs’ या ‘Freelance Writing Jobs In Hindi’ तो टॉप सर्चेज़ में आपके सामने उन कंपनीज़ की जानकारियां आएंगी, जो मीडिया से रिलेटेड नहीं हैं मगर उनका काम भी कंटेंट राइटिंग को लेकर ही है। तो आप ज़रूर देख लें कि आपका इंटरेस्ट मीडिया राइटिंग में है या अलग-अलग कंपनीज़ के लिए कंटेंट लिखने में?
कैसे तलाशें फ्रीलांस राइटिंग के क्षेत्र में काम?
- सोशल मीडिया के ज़माने में सबसे पहले तो कोई भी मौका मत छोड़िए। फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डिन और इंस्टाग्राम में टेक्स्ट, वीडियो या अलग-अलग फॉर्मेट्स में पोस्ट कीजिए और लोगों को बताइए कि आप एक फ्रीलांस राइटर के तौर पर काम तलाश रहे हैं। इससे फायदा ये होगा कि अगर आपके सर्कल में या आपके फ्रेंड सर्कल में कोई काम हो, तो आपको अप्रोच किया जा सकता है।
- सोशल मीडिया के ज़रिये काम ढूंढ़ते समय हो सके तो पोस्ट में अपनी स्किल्स के बारे में अच्छे से बताएं कि आप किस तरह की राइटिंग करते हैं वगैरह।
- खुद से गूगल पर रिसर्च करें कि मार्केट में कौन-कौन सी कंपनियां हैं, जो फ्रीलांस राइटर्स को काम देती हैं और फिर उनको अप्रोच करना शुरू कर दीजिए।
- कुछ मीडिया के दफ्तरों में जाकर स्वयं अपनी सीवी देकर आएं। हालांकि फ्रीलांस राइटर बनने के लिए आपको अमूमन सीवी नहीं देनी पड़ती है, ज़्यादातर होता यही है कि वर्क सैंपल भेजिए और उनको आपका काम अच्छा लगा तो आपको काम मिल जाता है।
- डिजिटल मार्केटिंग की भी बहुत सारी कंपनियां हैं, जहां ट्राई किया जा सकता है।
- अब तो कंटेंट राइटर्स का काम और भी इंटरेस्टिंग हो गया है, जहां डिजिटल मार्केटिंग की कंपनियां अपने सोशल मीडिया हैंडल्स के लिए कैप्शन वगैरह लिखने के लिए राइटर्स को हायर करती हैं। इसमें भी घर बैठै काम करने का स्कोप है।
- सबसे ज़रूरी बात कि अपने कॉन्टैक्ट का दायरा बढ़ाएं। क्रिएटिव लोगों से जान-पहचान बनाएं और उनको अप्रोच करें।
कहां कहां है आपके लिए स्कोप?
- न्यूज़ वेबसाइट्स
- ई-कॉमर्स वेबसाइट्स
- मैगज़ीन्स
- न्यूज़ पेपर्स
- बॉलीवुड
- एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स
- हॉस्पिटल्स और अन्य क्षेत्र आदि।
कितनी इनकम कर सकते हैं आप?
यह पूरी तरह निर्भर करता है कि आपका काम कैसा है और अपने काम के बदले आप किस अप्रोच से पैसे मांगते हैं। यदि आपमें आत्मविश्वास है कि आपका काम दमदार है और आपको अच्छे पैसे मिलने चाहिए तो पैसे मांगने में बिल्कुल भी मत शर्माइए। वैसे मोटे तौर पर बात करें तो आप महीने में 200-लाखों तक की इनकम कर सकते हैं। 200 मिनिमन इसलिए, क्योंकि कुछ कंपनियां आज भी एक आर्टिकल के लिए 200 रुपये ही देती हैं, जबकि बहुत सारी कंपनियों में अच्छे प्रोजेक्ट्स के ज़रिये यह इनकम लाखों में पहुंच सकती है।
कुछ कोर्सेज़, जो फ्रेशर्स के लिए मदद कर सकते हैं
- सर्टिफिकेट कोर्स इन क्रिएटिव राइटिंग।
- डिप्लोमा इन जर्नलिज़्म
- डिप्लोमा इन डिजिटल कंटेंट राइटिंग
- बैचलर इन जर्नलिज़्म
- पीजी डिप्लोमा इन जर्नलिज़्म
- डिप्लोमा इन एडवर्टाइज़िंग एंड जर्नलिज़्म
जर्लनिज़्म से रिलेटेड कोर्सेज़ तो कई सारे हैं मगर फ्रीलांस राइटिंग के लिए ये कोर्सेज़ काफी हैं। उसमें भी यदि आप किसी रेगुलर संस्थान से ये कोर्सेज़ नहीं करना चाहते हैं, तो डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम के तहत इग्नू जैसे संस्थान अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
तो इन सभी जानकारियों के बीच एक बात का ध्यान ज़रूर रखें कि इस फील्ड में कैरियर बनाने के लिए या फ्रीलांस काम करने के लिए ज़रूरी है आपका कॉन्फिडेंस। अपने कॉन्फिडेंस लेवल को बनाए रखिए। अपने काम में निपुण रहिए, सब्जेक्ट पर आपकी अच्छी पकड़ ही आपको कामयाब बना सकती है।