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आखिर लोगों को टीना डाबी से इतनी नफरत क्यों है?

अपनी निजी ज़िन्दगी को लेकर चर्चा में रहीं 2016 बैच की आईएएस टॉपर टीना डाबी ने आईएएस अधिकारी प्रदीप गवांडे को जीवनसाथी चुना है। उन्होंने यह खबर खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की थी। उनकी पोस्ट के बाद बधाइयों के बीच कुछ ऐसी भी टिप्पणियां सामने आई जो मर्यादा पार करने वाली थी।

जैसे ही डाबी और गवांडे ने अपने रिश्ते की जानकारी सोशल मीडिया अकाउंट पर दी, लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं। सोशल मीडिया पर एक तबका ऐसा था, जो उन्हें बधाई दे रहा था, तो वहीं दूसरा तबका उन्हें जज करने में व्यस्त था। लोग अपने हिसाब से उन्हें ट्रोल करने लगे। कुछ तो उनकी पिछली शादी से जोड़कर इसे ‘हिंदू-मुस्लिम’ भी करने से बाज़ नहीं आए।

2018 में टीना डाबी ने अपने बैचमेट आईएएस अधिकारी अतहर खान से शादी की थी। यह रिश्ता ज़्यादा लंबा नहीं चल पाया और दो साल बाद यानि 2020 में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया था। तलाक के दो साल बाद टीना को एकबार फिर प्यार हुआ है और वह प्रदीप गवांडे से शादी करने वाली हैं। टीना के इस फैसले पर कुछ लोग उनके पहले पति अतहर और गवांडे के लुक को लेकर कमेंट कर रहे हैं।

क्यों हो रही हैं टीना डाबी ट्रोल?

टीना डाबी की उम्र 28 वर्ष है और उनके होने वाले पति की उम्र उनसे 13 साल ज़्यादा है। बस यही बात कुछ लोगों को हजम नहीं हो रही और वे उन्हें ट्रोल कर रहे हैं। दरअसल, टीना डाबी के होने वाले पति प्रदीप गवांडे 2013 बैच के राजस्थान कैडर आईएएस अफसर हैं। यह महाराष्ट्र के रहने वाले हैं और चुरू जिले के कलेक्टर के पद पर भी रह चुके हैं।

आपको बता दे कि UPSC की परीक्षा पास करने से पहले उन्होंने MBBS किया और डॉक्टर भी रह चुके हैं। उसके बाद वह यूपीएससी क्लीयर करके आईएएस अफसर बने। वर्तमान में प्रदीप गवांडे राजस्थान पुरातत्व और संग्रहालय के निदेशक पद पर कार्यरत हैं। यह टीना की दूसरी शादी और प्रदीप गवांडे की पहली शादी है।

क्या देश की महंगाई से ज़्यादा ज़रूरी विषय टीना डाबी की शादी है?

ब्लूमबर्ग और मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि भारत के साथ दुनियाभर के उपभोक्ता महंगाई से परेशान हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जंग की वजह से कच्चे तेल की ऊंची कीमतों ने इसे और बिगाड़ दिया है।

एक तरफ महंगाई तेज़ी से बढ़ रही है, जिससे उपभोक्ताओं को खर्च में कटौती करनी पड़ रही है। वहीं, महंगाई के मुकाबले कम वेतन ने समस्या को और बढ़ा दिया है। इसे देखते हुए वैश्विक वित्तीय संस्थाएं, भारत समेत अन्य अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि अनुमान घटा रही हैं।

20 साल में सबसे कम बढ़ा लोगों का वेतन

रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल के अंत में अमेरिकी लोगों की औसत वेतन वृद्धि 4.5 प्रतिशत रही है, जो पिछले 20 वर्षों में सबसे कम वेतन वृद्धि है। जबकि महंगाई इससे करीब दो गुना अधिक है। आंकड़ों के अनुसार, वेतन वृद्धि में कमी के बीच आवास की लागत, जो सरकार के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का लगभग एक तिहाई है, तेज़ी से बढ़ी है।

इससे उपभोक्ता बेहाल है। यही नहीं, भारत में चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई के छह फीसदी से अधिक रहने की आशंका जताई गई है, जो रिज़र्व बैंक की अनुमानित उच्चतम सीमा है।

आर्थिक वृद्धि दर में भी हो रही है कटौती

भारत सरकार के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 8.9 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। मॉर्गन स्टेनली ने नए वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर अनुमान घटाकर 7.9 फीसदी कर दिया है। इसके अलावा विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष समेत दिग्गज संस्थाओं ने वैश्विक अर्थव्यवस्था का अनुमान घटा दिया है।

देश की ऐसी भयावह स्थिति को देखते हुए भी जनता अन्य मुद्दों पर गौर कर रही है। कई लोगों के लिए टीना डाबी की शादी ट्रोल करने का विषय है लेकिन महंगाई को लेकर सरकार से जवाब मांगने का वक्त नहीं है। हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर झगड़ा करने का समय है लेकिन एकता दिखाकर शिक्षा तथा स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र में बदलाव लाने का समय नहीं है।

शायद हमारी इसी मानसिकता का फायदा मीडिया उठा रहा है। अधिकतर जनता को काम की खबरों से नहीं, बल्कि गॉसिप करने से मतलब है। अगर आप अपनी ज़िन्दगी बेहतर चाहते हैं, तो होश में आना होगा।

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