शाम को दलान में बैठकर जब घर के तमाम लोग चाय पर गप्पे लड़ा रहे होते थे, तो हम चुपचाप पीछे वाले दरवाज़े से निकलकर पप्पू की चाय की टपरी पर भागते-भागते जाते और पुष्पा से मिल लेते थे, कुछ ऐसे ही नज़रें बचाकर वो भी मुझसे मिलने आती थी।
वीकेन्ड की हर ढलती शाम हमारी लव स्टोरी के लिए मुसीबतों का पहाड़ लेकर आती थी। पता है क्यों? पड़ोस के मुन्ना चाचा का लड़का, हमारी अम्मी को चुगली कर देता था, “चाची, तोहार लड़का ऊ लड़की संग गप्प लड़ावत हई।” बस फिर क्या, तमाम तरह की पाबंदियां हम पर लाद दी जाती थीं।
ऐसे ना जाने कितनी बार मेरी मोहब्बतें अधूरी रह गईं। आज जब बंबई में चाय की टपरी पर बरबस नज़रें गईं, तो बीते वक्त की वो बातें याद आ गईं।
आज के दौर में प्यार करने वाले तमाम लोगों के जीवन में शायद मुन्ना चाचा के लड़के टाइप लोग एग्ज़िस्ट करते हैं!
ये बातें YKA मेंबर राजकमल की हैं, जिन्होंने अपनी अधूरी प्रेम कहानी की कसक को हमारे साथ बयां किया है। क्या आज के युवा भी ऐसी समस्याओं से दो-चार नहीं होते होंगे?
नेटफ्लिक्स पर कपिल शर्मा के शो ‘आय एम नॉट डन यट’ में वो अपने जीवन के कुछ वाकयों का ज़िक्र करते हुए कहते हैं, “छोटे शहरों में डेट के लिए आप आखिर जा कहां सकते हैं? जब मैं मुंबई आया तो मुझे पता चला कि आप यहां ओपेनली डेट कर सकते हैं, यह क्राइम नहीं है।”
चाहे वो कपिल शर्मा हों या राजकमल, हम में से बहुतों को, विशेषकर छोटे शहरों के लोगों को इस बात से जूझना पड़ा है। ऐसे ही तो हमारी मोहब्बतें अधूरी रह जाती हैं। क्या यह सब गुज़रे दौर की बातें हैं या आज भी ऐसा होता है? हम आपसे जानना चाहेंगे, बीते दौर की बातों के साथ-साथ आज के ज़माने की बातें भी।
आइए, इस वैलेंटाइन डे हम और आप मिलकर गुज़रे दौर की ऐसी ही कुछ बातों को साझा करते हैं और यंग इंडिया को बताते हैं कि क्यों अधूरी नहीं रहनी चाहिए मोहब्बतें और आज के ज़माने में कौन सी चीज़ उन्हें मोहब्बत करने से रोकती है?
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