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मेरा प्यार, एक हफ्ते का नहीं, आखिरी सांस तक का है

वैलेंटाइन डे या वैलेंटाइन वीक सुनते ही युवाओं के दिल मे खलबली मच जाती है, सबको एक तो ऐसा चाहिए, जिससे वो दिल लगा सकें।

14 फरवरी को प्यार ढूंढना क्यों ज़रूरी है

कम-से-कम 14 तारीख तक ही मिल जाए, जिससे दोस्तों में उनकी भी नाक बची रहे।  एक बार ये हफ्ता खत्म हो जाए, फिर मार्च, अप्रैल,मई में तू कौन? मैं कौन? सब कुल्फी के नशे में जैसे इश्क़ को भुला बैठे हों!

और ये भी सच है कि आजकल प्यार सबको बड़ा जल्दी हो जाता है और उतना ही जल्दी निकल भी जाता है।  एक मकसद तो रखते हैं वो, क्या मैं गलत कह रहा हूं? अब फिर वो फिजिकल का हो या मेंटली साथ का।

काफी कम लोग ही होंगे, जिनका सपना अपने प्रेमी या प्रेमिका को ख़ुश देखना होगा और ऐसी लड़की जिसको आप एक तरफा प्यार करते हों, उसके लिए तो भूल ही जाईए? आप एक से दो साल भरपूर कोशिश कर सकते हैं लेकिन उनकी तरफ से ना होने पर आप आगे बढ़ जाते हैं।

क्या है वैलेंटाइन डे?

अब कहां गया वो प्यार? अब कहां गया उसका मीठा बोलना? और मैं इसी के खिलाफ हूं, आज से 14 फरवरी तक दिल्ली की सड़कों पर, दीवारों पर! अपने प्यार की गाथा लिखने वाले ऐतिहासिक आशिक मिल जाएंगे लेकिन उनमें से किसी एक को भी नहीं पता होगा कि  वैलेंटाइन डे क्यों मनाते हैं?

मैं आपको बताता हूं,  वैलेंटाइन किसी दिन का नाम नहीं बल्कि यह नाम है एक पादरी (Priest) का जो कि रोम में रहता था।  उस वक्त रोम पर क्लॉडियस (रोमन एम्पावर)  का शासन था, जिसकी इच्छा थी कि वह एक शक्तिशाली शासक बने, जिसके लिए उसे एक बहुत बड़ी सेना बनानी थी लेकिन उसने देखा कि रोम के वो लोग जिनका परिवार है, जिनके बीवी और बच्चे हैं, वो सेना में नहीं जाना चाहते

तब उस शासक ने एक नियम  बनाया, जिसके अनुसार उसने भविष्य में होने वाली सभी शादीयों पर प्रतिबन्ध लगवा दिया और  यह बात किसी को ठीक नहीं लगी पर उस शासक के सामने कोई कुछ नहीं कह पाया और यही बात पादरी वैलेंटाइन को भी ठीक नहीं लगी।

एक दिन एक जोड़ा आया, जिसने शादी करने की इच्छा ज़ाहिर की, तब पादरी वैलेंटाइन ने उनकी शादी चुपचाप एक कमरे में करवाई लेकिन उस शासक को पता चल गया और उसने पादरी वैलेंटाइन को कैद कर लिया और उसे मौत की सज़ा सुनाई गई।

क्यों दिए जाते हैं वैलेंटाईन पर गुलाब ?

जब पादरी वैलेंटाइन जेल में बंद था, तब सभी लोग उससे मिलने आते और उसे गुलाब और गिफ्ट देते थे और ऐसा करने के पीछे भी यही कारण है कि वे सभी बताना चाहते थे कि सभी प्यार में विश्वास करते हैं पर जिस दिन उनको मौत की सज़ा दी, वह दिन 14 फरवरी 269 A.D. था।

मरने से पहले पादरी वैलेंटाइन ने एक खत लिखा, जो कि प्यार करने वालों के नाम था और वैलेंटाइन प्यार करने वालों के लिए खुशी-खुशी कुर्बान हुआ है और प्यार को ज़िंदा रखने की गुहार करता है इसलिए उस दिन से आज तक 14 फरवरी को वैलेंटाइन की याद में वैलेंटाइन डे के नाम से मनाया जाता है।

अब ये कहानी पता हो या नहीं लेकिन आपको वैलेंटाइन डे मनाने का हक है और बिलकुल शौक से मनाईए!

वो प्रेम जो मेरा गुरूर है?

इसमें  एक दिन आता है प्रोपोज़ डे!  पता है मैं जिससे प्यार करता हूं, उनको सुबह-शाम प्रोपोज़ करता हूं। मैं मानता हूं कि वो काफी ज़्यादा सुंदर है और जितनी वो सुंदर नहीं, उससे कई गुणा ज़्यादा वो प्रतिभाशाली है। उनकी कोई एक बात नहीं है, याद करने या प्यार करने की।

वो हमेशा ही मेरे मन में रहती हैं, मेरी ज़िंदगी के बड़े फैसले उनकी तस्वीर देखकर ही लेता हूं और उनसे जब भी मिलना होता है, मैं उन पलों को बता नहीं सकता?  लगता है कि वो क्यों चली जाती है। मैंने उन्हें अपनी इज़्ज़त, अपनी शान और अपना घमंड बनाया है, जो मैं नहीं चाहता किसी भी सूरत में टूटे।

कहतीं वो भी खुद को समझदार हैं लेकिन उनके अंदर एक बच्चा छिपा है. जो कभी-कभी खुश और कभी मायूस हो जाता है, बस उस बच्चे को ही समझाना पड़ता है। मैं  जानता हूं कि आजकल की खूबसूरत हंसीनाओं पर बहुत सारे मित्र और कई बार, वो भी किसी से प्रेम करने लग जाती हैं, मुझे इन बातों का बुरा नहीं लगता, क्योंकि मुझे उन्हें अपने पास तीन या चार महीने नहीं बल्कि पूरी ज़िंदगी रखना है।

मैं चाहता हूं की उनको मैं  हर सुबह अपने सामने देखूं, वो काफी ठंडी और सुंदर ज़गह से वास्ता रखती हैं यानि वही की रहने वाली हैं। एक ऐसी जगह, जो हर वक्त सुर्खियों में बनी रहती हैं और मैं भी उनको उस मुकाम पर देखना चाहता हूं, जहां वो जाना चाहती हैं।

वो जगह जहां से ये आती हैं, वो काफी सुंदर और काफी शांत है और उतनी ही खतरनाक भी! उन्होंने ज़िंदगी में अब तक काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन जब से मैं इनसे मिला हूं, मेरी कोशिश रहती है कि कोई कमी नहीं रहे।

मुझे नहीं पता हमारी शादी होगी या नहीं?  लेकिन हमारा नाम साथ लिया जाएगा। इनसे हर दिन प्यार और बढ़ता जाता है।  ऐसा मानो कि जैसे  हम कल ही मिले हों, इनको अब तक तीन बार गुलाब दिए हैं लेकिन वो तीनों बार सिर्फ तस्वीर के लिए आज तक घुटने पर बैठकर नहीं बोला कि ‘आई लव यु’ लेकिन उनको पता है कि मेरा प्यार कितना गहरा है।

प्यार को मैं एक हफ्ते में बनाकर खत्म कर ही नहीं सकता. क्योंकि ये मेरे प्यार का ही अपमान होगा।  एक दिन पूरे देश के सामने अपने प्यार का इज़हार करूंगा और आप तब भी मना करेंगी, तो मैं आपका सम्मान करूंगा।

एक मर्द रोता नहीं है ये गलत है! मैं अपनी माँ और इनके सामने ही रोया हूं, ये दोनों मेरी हिम्मत और मेरे गर्व की तरह काम करतीं हैं।  ऐसा लगता है कि अगर ये साथ रहेंगी तो मेरे लिए कुछ असंभव होगा ही नहीं।

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