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इस्लाम और राजनीति

https://youthkiawaaz.com/31/12/2021/way-of-politics-in-islam

इस्लाम में सिसायत का तरीक़ा

इस्लाम में सियासत का तरीक़

 

लेखक; इमरान गाज़ी

इस्लाम एक ज़ाब्ता-ए-हयात है, ये दुनिया का वो वाहिद मुकम्मल मज़हब है जिसमें पैदाइश से लेकर क़ब्र में उतारने तक के तमाम मसाइल मौजूद हैं, जब इसमें हर चीज़ मौजूद है तो ये कैसे हो सकता है कि इस दीन में सियासत न हो। सियासत भी दीन का हिस्सा है बशर्ते कि वो सच्चाई और ईमानदारी पर मबनी हो।

 

मज़हब’ए’इसलाम ने सियासत के तौर-तरीक़ों, सियासी मसाइल और दीगर सियासी मामलात को बड़ी वुसअ’त (विस्तार) के साथ बयान किया है।

हमारे पैगम्बर {मुहम्मद स•अ•व•} का सियासी किरदार, क़ुरआन में मौजूद सियासी पहलू, सहाबा (र•अ•) का सियासी किरदार, अहलेबैत (र•अ•) का सियासी किरदार और इंसाफ़ पसंद मुस्लिम हुक्मरानों का सियासी किरदार हमारे लिए मशअ’ले राह है।

हमारे बुज़ुर्गों की सियासत बड़ी पाकीजा़ सियासत थी, उनकी सिसायत रिआया (लोगों) के हुक़ूक़ के लिए थी, उनकी सिसायत ज़मीन पर इंसाफ़ क़ायम करने के लिए थी, उनकी सिसायत मज़लूमों की हिमायत के लिए थी, उनकी सिसायत निज़ाम-ए-मुस्तफा के क़याम के लिए थी, उनकी सिसायत इस्लामी क़ानून के तहफ्फुज़ और निफाज़ के लिए थी, उनकी सिसायत इंसाफ़ की आज़ादी के लिए थी, उनकी सिसायत ज़ालिम और जाबिर लोगों को सज़ा दिलवाने के लिए थी।

 

डिस्क्लेमर : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति Youth Ki Awaaz उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार Youth Ki Awaaz के नहीं हैं, तथा Youth Ki Awaaz उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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