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विधानसभा 2022 के चुनाव से गायब क्यों बसपा।

विधान सभा चुनाव 2022 में BSP गायब क्यों ?

जनाधार : जनता की दिलों-दिमाग से गायब बसपा।
जनादेश : चुनावी मौसमों में लोगों के मन में BSP के प्रति कोई रुचि नही।

BSP सुप्रिमों बहन मायावती : बीते पिछले वर्षों के चुनावी साल के तुलना इस साल BSP की सक्रियता और प्रचार-प्रसार बिल्कुल नगण्य, कोई दमखम नहीं कोई शोर नहीं मानो ऐसे प्रतीत होता है जैसे विधान सभा 2022 के चुनाव में BSP नामक पार्टी मौजुद ही नही। उत्तर प्रदेश के चुनाव में अपनी स्थान रखने वाली BSP इस बार विलय की परिस्थिति में क्यों ? दलित वर्गों व समाजों की पार्टी कही जाने वाली BSP एवं दलितों की Iron Lady , मसीहा बहन मायावती की राजनीति का अंत हो जाना। क्या दलित मतदाताओं व पार्टी कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों को मझदार में छोड़ना उनको अकेला करना नहीं ? उनको धोखा देना नहीं तो और क्या ?

BSP पार्टी की होती अन्त एवं खत्म जनाधार का कारण क्या है ?

(1) मोटी धनराशि लेकर टिकत के अभीप्सितों को उनके व्यक्तित्व, चाल-चलन तथा स्वभाव के प्रति बिना किसी सर्वे किये अपने प्रत्याशियों को जिम्मेदारी व नेतृत्व सौंपना और विफल हो जाना तो नहीं?

(2) अहंकारी सत्तारूढ़ दल BJP की खौफ – वर्तमान सरकार BJP के शासनकाल मे अगर सबसे बडा प्रहार हुआ है तो वो बोलने की आजादी पर (अभिव्यक्ति की आजादी पर) सत्ता के दुर्नीतियों, जनविरोधी कार्यों, नफरत की व्यापारों तथा विनाशों का विरोध करना व सच बोलना मौजूदा दौर में तलवार पर अपनी सर रखना है। सत्ता की भरपूर दुरुपयोग से सरकार के विरुद्ध आवाज उठाने वाले व्यक्तियों, राजनेताओं एवं अभिनेताओं के खिलाफ ED, CBI, Income Tax लगा उनके वाणी पर अंकुश लगा, अभिव्यक्ति की हत्या, भविष्य को तबाह व करियर को नष्ट करना भाजपा की ताकत। BSP सुप्रीमो मायावती जी कहिं इस डर से तो खुद को 2022 के विधानसभा के चुनाव से दूर तो नही रख रहीं।

(3) आंतरिक सुलह या गठबन्धन तो नही ( वैसे भाजपा का सपना है आरक्षण खत्म करना )

(4) कोई पद या राज्यसभा की लालच तो नही! भाजपा की ऑफर पर फिदा बहन मायावती BSP की लुटिया डुबो दी।

(5) अन्य सियासी दलों पर हमलावर मायावती भाजपा पर खामोश क्यो ?

~ खालिद सिद्दीकी @Khalidsiddiquei

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