अमेरिकी मीडिया संस्थान वाल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने हाल ही में इंस्टाग्राम द्वारा किए गए आंतरिक शोध पर रिपोर्ट की थी, जिसमें उसने बताया था कि अमेरिका और यूके (ब्रिटेन) के टीनएजर्स (किशोरों 18 वर्ष या उससे कम) को इंस्टाग्राम ने नकारात्मक ढ़ंग से प्रभावित किया है।
वाल स्ट्रीट जर्नल ने इंस्टाग्राम की ओनर कंपनी फेसबुक द्वारा मार्च 2020 में जारी की गई एक स्लाइड का उल्लेख करते हुए कहा है कि ‘बत्तीस प्रतिशत टीनएजर लड़कियों ने कहा कि जब उन्हें अपने शरीर को लेकर अपने बारे में बुरा लगा, तो इंस्टाग्राम की प्रतिक्रियाओं ने उन्हें और भी बदतर महसूस करवाया।’ इस रिपोर्ट को फेसबुक के आंतरिक मैसेज बोर्ड ने जारी किया था।
आपको बता दें कि रिपोर्ट में उन टीनएजर्स ने माना है कि इंस्टाग्राम के प्रयोग करने से उनकी मानसिक चिंता और अवसाद काफी बढ़ गया है।
प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि अमेरिका में 18-29 आयु वर्ग के 71 प्रतिशत लोग इंस्टाग्राम तो वहीं 65 प्रतिशत लोग स्नैपचैट का उपयोग करते हैं। इसके अलावा इस वर्ग के 50 प्रतिशत लोग टिक टाॅक का भी इस्तेमाल करते हैं। यह सर्वेक्षण अमेरिका में इसी वर्ष अप्रैल महीने में छपा था।
प्यू रिसर्च के अनुसार, अमेरिका में हर 10 में 7 लोग एक-दूसरे से किसी भी तरह का संवाद करने या जुड़ने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते है। कुल मिलाकर इस रिसर्च में पाया गया है कि किसी तरह की सूचना, अपने आनंद या समाचार के लिए लोग सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं।
वहीं यदि यूके कि बात करें तो स्टेटिस्टा के अनुसार, यूके में इंस्टाग्राम के ज़्यादातर यूजर्स 25-34 वर्ष आयु वर्ग के हैं। इस आयु वर्ग के लगभग 31 प्रतिशत लोग इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद 18-24 साल के बच्चे आते हैं, जिनमें से 22.9 प्रतिशत इसका इस्तेमाल करते हैं। आपको बताते चलें कि जुलाई 2021 तक यूके में इंस्टाग्राम के 28 मिलियन से अधिक यूजर्स थे।
वाल स्ट्रीट जर्नल के जवाब में इंस्टाग्राम ने एक बयान में कहा है कि वे अपने शोध में दिए आंकड़ों के साथ खड़े हैं, उनका ये शोध मौजूदा कठिनाइयों जिनसे युवा संघर्ष कर सकते हैं और यूजर्स के लिए उनकी चिंता की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वहीं वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट एक तरफा है और सिर्फ इसके नकारात्मक पहलुओं की व्याख्या करती है। इंस्टाग्राम का कहना है कि वे अपने सभी कार्यों को सूचित करते हैं और पारदर्शिता बरतते हैं। इसके अलावा कंपनी ने अपने “Teen Well Being and Instagram” रिसर्च को सही प्रमाणित करने और वाल स्ट्रीट जर्नल के सभी आरोपों का खंडन करने के लिए अपने न्यूज सेक्शन में विस्तार से ‘What Our Research Really Says About Teen Well-Being and Instagram’ हेडलाइन के साथ एक खबर भी प्रकाशित की है।
हालांकि, इंस्टाग्राम ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वे अपने प्लेटफॉर्म को सुरक्षित स्थान बनाने के लिए प्लेटफॉर्म पर बदमाशी, खाने के विकार और खुद को चोट पहुंचाने वाली घटनाओं पर काम कर रहे हैं लेकिन उसके डेटा से ही हमें यह पता चलता है कि एक तिहाई लड़कियों ने विशेष रुप से उनके शरीर के लेकर इसे नकारात्मक बताया है।
यदि 100 में से 33 व्यक्तियों पर इसका असर बुरा है, तो यह आंकड़ा बहुत बड़ा माना जाएगा। स्टेटिस्टा के अनुसार, भारत में इंस्टाग्राम के लगभग 201 मिलियन यूजर्स हैं। इसमें से से 74 प्रतिशत यूजर्स 18-34 आयु वर्ग के हैं। सोशल मीडिया के नकारात्मक असर को कई बार अवसाद और खराब मानसिक स्थिति के कारण यूजर्स द्वारा उठाए गलत कदमों के रुप में देखा जा चुका है।
भारत में इंस्टाग्राम के उम्र के अनुसार यूजर्स।
इसमें में कोई दो राय नहीं है कि सोशल मीडिया के सकारात्मक प्रभाव भी हैं और इसने बहुतेरे लोगों की ज़िंदगी में बदलाव भी किए हैं लेकिन इसका कतई यह मतलब नहीं है कि हम इसके बुरे प्रभावों को भुला दें और हम इन सोशल मीडिया कंपनियों के अपने यूजर्स को अपने प्लेटफार्म पर एन्गेज करने के एल्गोरिद्म के जाल में फस जाएं। हमें ज़रुरत है कि हम इसका इस्तेमाल सीमित और सावधान तरीकों से करें।