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यूपी: मुस्लिम लड़के अल्ताफ़ की पुलिस हिरासत में मौत, पिता ने लगाया हत्या का आरोप

उत्तर प्रदेश के ज़िला कासगंज में मंगलवार शाम को एक लड़की को भगाने के मामले में हिरासत में लिए गए 22 वर्षीय अल्ताफ की पुलिस हिरासत में मौत हो गई।

 

अल्ताफ के पिता काहत मियां का कहना है कि हिरासत में उसकी हत्या कर दी गई। जबकि पुलिस ने दावा किया कि उसने अपने जैकेट के हुड के साथ पुलिस स्टेशन के एक शौचालय में खुद को फांसी लगा ली। अल्ताफ़ के पिता का कहना है कि यह आत्महत्या नहीं है, यह पुलिस द्वारा की गई हत्या है। उन्होंने मेरे बेटे को मार डाला।

मियां ने दावा किया है कि उसने सोमवार रात 8 बजे अपने बेटे अल्ताफ़ को पुलिस को सौंप दिया और वह अधिक जानकारी और प्राथमिकी की एक प्रति प्राप्त करने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे। मृतक के पिता का आरोप है कि थाने में पुलिसकर्मियों ने उसके साथ बदसलूकी की और उसे दोबारा थाने न आने की चेतावनी दी।

काहत अली को अपने बेटे की मौत की खबर मंगलवार की शाम छह बजे स्थानीय पत्रकारों से मिली। पुलिस के अनुसार, पुलिस ने उसे थाने के वॉशरूम के अंदर अचेत अवस्था में पाया और उसे कासगंज के अशोक नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। पुलिस ने बताया कि 5 से 10 मिनट के इलाज के बाद अल्ताफ की मौत हो गई।

मृतक के पिता का कहना है कि जब तक मैं फिर से स्टेशन पहुंचा, मेरे बेटे को स्थानीय अस्पताल ले जाया जा चुका था गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मियां ने आरोप लगाया कि “मेरा बेटा निर्दोष था, उसका कोई आपराधिक अतीत नहीं था,” अल्ताफ़ को मंगलवार को मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया गया,

मशहूर सोशल मीडिया एक्टिविस्ट अशरफ फेम ने ट्वीट कर कासगंज पुलिस से पूछा कि ये कैसे संभव है कि 5 फुट का लड़का नल या पाईप से झूल जाए?

 

एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि कोतवाली प्रभारी वीरेंद्र इंदोलिया, वरिष्ठ उप निरीक्षक चंद्रेश गौतम, नदराई गेट चौकी प्रभारी विकास कुमार, प्रधान मुहर्रिर घनेंद्र सिंह और कांस्टेबल सौरभ सोलंकी सहित पांच पुलिस कर्मियों को घटना के बाद ड्यूटी पर लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।

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