PM नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह देश को संबोधित करते हुए तीनों विवादित कृषि कानूनों को रद्द करने का बड़ा एलान किया है।
उन्होंने कहा है, “आज मैं आपको, पूरे देश को, सभी किसान भाइयों को ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।”
सरकार के इस फैसले की बड़ी वज़ह
ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में आने वाले चुनाव और पंजाब, हरियाणा राज्यों के लोगों में सरकार के प्रति बढ़ रहे अविश्वास को लेकर भाजपा काफी चिंतित थी।
सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद सरकार और किसानों के बीच समाधान होने के कोई आसार नज़र नही आ रहे थे। ऐसे में उत्तर प्रदेश चुनावों में बहुमत मिलने को लेकर संकट के बादल नज़र आ रहे थे और माना जा रहा है यही अहम वजह है कृषि कानूनों को वापिस लेने की।
इसके साथ ही अब उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए चुनावों को लेकर मैदान खुला है साथ ही सिख समुदाय के विश्वास को भी जीतना ज़रूरी था, जिसकी शुरुआत कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के साथ हुई है।
विवादित कृषि कानूनों को लेकर किसानों की प्रतिक्रिया
सरकार द्वारा विवादित कृषि कानूनों को वापिस लेने को लेकर एक तरफ देश में खुशी का माहौल देखने को मिला, तो दूसरी ओर टिकरी बॉर्डर, गाज़ीपुर बॉर्डर और सिंधु बॉर्डर पर बैठे किसानों ने खुशी तो जाहिर की है लेकिन उनका कहना है कि ये तो बस शुरुआत भर है, क्योंकि अभी सिर्फ यह एलान किया गया है हमें असली खुशी जब होगी तब संसद में तीनों कानूनों को संवैधानिक रूप से रद्द किया जाएगा।
इस पर तीनों बॉर्डर पर बैठे किसानों की प्रतिक्रियाओं को जानते हैं
1 . टिकरी बॉर्डर
कृषि कानूनों की वापसी होते ही टिकरी बॉर्डर पर बैठे किसानों ने इस फैसले का किसान एकता जिंदाबाद के नारों से स्वागत किया और साथ ही चारों तरफ मिठाई बांट कर एक-दूसरे को लगे लग कर बधाई दी। सभी किसान भाइयों ने सेक्टर-9 पर पुहंच कर ढोल नगाडे बजाकर अपनी खुशी जाहिर की।
स्टेज पर से बार-बार घोषणा हुई कि 26 और 29 नवम्बर को होने वाले कार्यक्रम जारी रहेंगे। दोपहर को बताया गया कि कोई भी किसान घर वापस नहीं जाएगा।
किसान नेता बलबीर राजवाल ने बताया कि अभी आंदोलन समेटने को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है। सभी के लिए शुक्रवार का यह दिन यादगार बन गया था। इसके साथ ही मार्गों को खोला जा रहा है और आवाजाही सामान्य रूप से पहले की भांति शुरू हो उसके लिए तैयारियां की जा रही हैं।
2 . गाजीपुर बॉर्डर
गाजीपुर बॉर्डर पर शुक्रवार की सुबह सब के लिए खास बन गई जब कृषि कानूनों को लेकर देश के प्रधानमंत्री द्वारा अहम एलान किया गया था। ऐसे में सबकी नज़रें राकेश टिकैत को ढूंढ रही थीं, लेकिन बाद में जाकर पता चला कि टिकैत महाराष्ट्र में हैं।
इसी बीच किसानों ने इसकी खुशी में जलेबी के थाल के साथ इस फैसले का स्वागत किया। इसी बीच राकेश टिकैत ने ट्वीट कर सभी को बताया कि ‘आंदोलन तत्काल खत्म नहीं होगा, जब तक कृषि कानून संसद में रद्द नहीं होंगे, तब तक आंदोलन जारी रहेगा क्योंकि सरकार द्वारा MSP पर भी अभी कोई स्पष्टता नहीं की गई है।’
किसानों ने कहा कि ये सिर्फ-और-सिर्फ आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर लिया गया निर्णय है। हम इस पर कड़ी नज़र बनाए हुए हैं अगर सरकार ने तीनों कानून और MSP को लेकर बिना स्पष्टता के आगे बढ़ने का फैसला लिया, तो हम हटेंगे नहीं।
3 . सिंधु बॉर्डर
सिंधु बॉर्डर पर किसानों में जोश का माहौल देखा गया। दिनभर गाड़ी, ट्रेक्टर और अन्य वाहनों की आवाजाही बढ़ती रही। किसान बॉर्डर पर जमा होते रहे। उस समय कोई मिठाई लेकर तो कोई गुलाल लेकर अपनी खुशी जाहिर कर रहा था।
युवा किसान “We Won” के बैनर के साथ नारे लगाते दिखे लेकिन मंच पर से किसान नेता ‘अभी उत्सव नहीं मनाएंगे अभी लड़ाई जारी है’ इसका नारा देते रहे।
दूसरी ओर किसान भाई 29 नवम्बर को संसद कूच की तैयारी करते नज़र आए। अभी घर वापसी का कोई इरादा नहीं है, क्योंकि जब तक तीनों कृषि कानून संसद में रद्द नहीं होंगे, तब तक हमें सरकार पर भरोसा नहीं होगा।