अररिया नगर परिषद का कचरा निष्पादन मास्टर प्लान फेल. नगर परिषद की लापरवाही के कारण प्रदूषण से आम लोगों को हो रही परेशानी।
पहले नगर परिषद क्षेत्र में जहां-तहां कचड़ा फेंका जाता था, तब उस समय नगर परिषद् के पास बहाना था कि हमारे पास कचरा निष्पादन हेतु जमीन नहीं है।
बाद में राज्य सरकार द्वारा अररिया नगर परिषद को कचड़ा निष्पादन के लिए हरियाली मार्केट के पास 05 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई।
और उक्त जमीन पर 7.50 लाख की लागत से कचरा प्रबंधन के लिए कंपोस्ट किट का भी निर्माण किया गया जहां सूखे कचरे और गीले कचड़े को अलग- अलग रखने का इंतेजाम भी करवाया गया। लेकिन इस सब के बावजूद अररिया नगर परिषद नेशनल हाईवे के निकट कूड़ा-कचड़ा को फेंक कर जला रही है जिसके कारण शहर का वातावरण प्रदूषित हो रहा है। आसपास के लोगों को प्रदूषण के कारण से सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
क्या कहते हैं शहरवासी – नगर वासियों का आरोप है कि अररिया नगर परिषद में शिकायत दर्ज कराने पर भी कार्रवाई नहीं की जाती है।
सरकार सालाना करोड़ों रुपए खर्च करती है कि शहर में साफ-सफाई बनी रहे लेकिन अफसरों की लापरवाही के कारण शहर में दिन-प्रतिदिन प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है और मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद मौन है।
क्या है सच्चाई- कुछ वर्ष पहले फारबिसगंज नगर परिषद ने डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाले एजेंसी (पंच फाउन्डेशन) को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। ब्लैक लिस्टेड करने के बाद भी अररिया नगर परिषद के मुख्य पार्षद उप मुख्य पार्षद और नगर कार्यपालक पदाधिकारी आपस में मिलकर पंच फाउन्डेशन नाम की एजेंसी से मोटा रक़म वसूल कर उसे टेंडर दिया है, इसी कारण से मुख्य पार्षद उप मुख्य पार्षद और कार्यपालक पदाधिकारी साफ सफाई के मामले में कुछ भी नहीं बोल पाते हैं।