आज कल सभी को अपने दांत साफ करने का महत्व तो पता है और उन्हें साफ करने के लिए ज़्यादातर लोग टूथपेस्ट और टूथब्रश का सहारा लेते हैं। पुराने जमाने में, जब ये वस्तुएं नहीं थीं, तब हमारे पूर्वज पेड़ की दातुन से ही अपने दांतों को साफ किया करते थे।
सफाई का यह तरीका थोड़ा कठिन और असहज होने के कारण आजकल चलन से गायब हो गया है। छत्तीसगढ़ के हमारे गाँव के बड़े-बुजुर्ग आज भी अपने दांतों की सफाई के लिए नीम की दातुन का प्रयोग करते हैं। दातुन के फायदों को प्राकृतिक चिकित्सा में भी उपयोगी माना गया है। आइए जानते हैं इसके प्रयोग और फायदों के बारे में।
ऐसे बना सकते हैं आप भी दातुन
आप नीम की दातुन बनाने के लिए उस टहनी का प्रयोग करें, जो सूखी हुई ना हो। इसे अच्छी तरह से पानी से धो लें, फिर इसके एक सिरे को अपने दांतों से अच्छी तरह चबाते हुए ब्रिसल्स (टूथब्रश के रेशे) बनाएं।
जब आप दातुन बनाने के लिए अपने दांतों से टहनी को चबाते हैं तो उस समय जो रस मुंह में बनता है, उसे थूकने के बजाय निगल लें। इससे आपकी आंतों की सफाई और खून भी साफ होता है और साथ ही त्वचा संबंधी रोग भी नहीं होते हैं। इससे आपकी त्वचा में फोड़े भी नहीं होते हैं।
नीम की दातुन आपके दांतों को सड़ने से रोकती है और कीटाणुओं से हमारे दांतों की रक्षा करती है। इससे हमारे मसूड़े भी मज़बूत होते हैं। दातुन को आप जितना टाइम तक करना चाहें कर सकते हैं। इससे आपको कोई हानि नहीं होती है।
दातुन कैसे करते हैं?
दातुन को ऊपर के दांतों में ऊपर से नीचे की ओर और नीचे के दांतों में नीचे से ऊपर की ओर करें। इससे आपके मसूड़े मज़बूत होंगे और पायरिया की समस्या भी आपको नहीं सताएगी। नीम की दातुन मुंह को ताज़ा रखती है, ताकि मुंह से दुर्गंध ना आए। दातुन को आप 5 मिनट से लेकर 15 मिनट तक कर सकते हैं।
अगर आप दातुन करने के बाद 1-2 मिनट तक कुल्ला नहीं करते हैं तो इसका प्रभाव ज़्यादा होता है। आप सुबह व रात को दो बार दातुन कर सकते हैं।
नीम की पत्तियां भी हैं लाभदायक
नीम की नई कोपलों को तोड़कर उन्हें अपने हाथ से मसल लें और ताज़े पानी के साथ निगल लें, इन्हें चबाएं नहीं। इससे आपको ये कड़वी नहीं लगेंगी और आपका नियम भी बना रहेगा। एक दिन में नीम की ज़्यादा-से-ज़्यादा 6-7 पत्तियां ही खाएं वरना आपको एसिडिटी या गर्मी की समस्या हो सकती है। नीम की पत्तियां बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद होती हैं।
गाँव में आज भी अधिकतर लोग नीम की दातुन से ही अपने दांत साफ करते हैं। नीम के अलावा बहुत से ऐसे पेड़ हैं, जिनका दातुन के रूप में उपयोग किया जा सकता है। वैसे, देखा जाए तो नीम की हर चीज़ जैसे उसकी पत्तियां, टहनियां हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। इस वजह से नीम की दातुन का ज़्यादा उपयोग किया जाता है। साल, नीलगिरी, बबूल इन सब पेड़ों का भी दातुन के लिए उपयोग किया जाता है।
नीम की पत्तियां बालों के लिए लाभदायक होती हैं। इसके पत्तियों को पीस के पीने से बहुत सी बीमारियां ऐसे ही कम हो जाती हैं।अतः बीमारियों का असर हमारे शरीर पर ज़ल्दी नहीं पड़ता है। इससे पेट संबंधी बीमारियों से भी छुटकारा मिलता है।
हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में नीम की दातुन का इस्तेमाल किया जाता है। हमारे गाँव में आज भी बुजुर्गों के दांत एकदम स्वस्थ हैं। क्या आपने कभी नीम से दातुन की है?
नोट- यह लेख Adivasi Awaaz प्रोजेक्ट के अंतर्गत लिखा गया है और इसमें Prayog Samaj Sevi Sanstha और Misereor का सहयोग शामिल है।
यह आर्टिकल केवल जानकारी के लिए है। यह किसी भी प्रकार का उपचार सुझाने की कोशिश नहीं है। यह आदिवासियों की पारंपरिक वनस्पतियों पर आधारित अनुभव हैं। कृपया आप इसका इस्तेमाल किसी डॉक्टर को पूछे बगैर नहीं करें। इस दवाई का सेवन करने के बाद इसके परिणामों के लिए Adivasi Lives Matter किसी भी प्रकार की ज़िम्मेदारी नहीं लेता है।