Site icon Youth Ki Awaaz

आम आदमी भी अपने देश के अविभाज्य हिस्से में हो रही हिंसा से व्यथित है

Kashmir

Dal lake Kashmir

कभी कश्मीर को धरती पर बसा स्वर्ग कहा जाता था। लेकिन आज उसी स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर में हत्याएं हो रही हैं। पर्यटन वहां के लोगों की रोजी-रोटी कमाने का अहम जरिया रहा है पर मौजूदा घटनाओं के कारण वहां के हालात चिंतनीय हैं। आज कश्मीर में तमाम सुरक्षा व्यवस्थाओं के बावजूद शांति स्थापित नहीं हो पा रही है!

गौरतलब है कि शीत ऋतु में वहां के लोग अपने पलंग के नीचे गर्मी के लिए एक सिगड़ी रखते हैं परंतु आज पूरा क्षेत्र ही झुलस रहा है। फिल्मकार कबीर खान की सलमान खान और करीना कपूर अभिनीत फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ में पाक अधिकृत कश्मीर का भी जिक्र है।

राज कपूर ने अपनी फिल्म ‘बरसात’ से लेकर आखिरी फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ की कुछ शूटिंग कश्मीर में की थी। उन्हें कश्मीर का पहलगाम नामक क्षेत्र बहुत पसंद था। शशि कपूर और नंदा अभिनीत फिल्म ‘जब जब फूल खिले’ की शूटिंग भी कश्मीर में की गई थी।

कालांतर में थोड़े फेरबदल के साथ इसी फिल्म को आमिर खान के साथ ‘राजा हिंदुस्तानी’ के नाम से भी बनाया गया है, जिसमें करिश्मा कपूर ने भी अहम भूमिका अदा की थी। काजोल और आमिर खान के साथ इसी पृष्ठभूमि पर ‘फना’ नामक फिल्म भी बनाई गई थी और राहुल बोस अभिनीत फिल्म ‘शौर्य’ अन्य फिल्मों से अलग तरह की फिल्म साबित हुई। शाहरुख खान और मनीषा कोइराला ने भी कश्मीर की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ‘दिल से’ में अभिनय किया था। मणिरत्नम की फिल्म ‘रोजा’ की कहानी भी कश्मीर से जुड़ी रही है।

फिल्मकार मुजफ्फर अली खान ने कश्मीर की हब्बा खातून के जीवन से प्रेरित विनोद खन्ना डिंपल खन्ना अभिनीत फिल्म ‘जूनी’ को अधूरा ही छोड़ दिया था। कारण पूंजी की कमी नहीं थी, लेकिन फिल्मकार अपने काम से संतुष्ट नहीं था इसलिए काम बंद कर दिया गया। रेखा को ‘उमराव जान’ में बहुत सराहा गया था। शशधर मुखर्जी की शम्मी कपूर और सायरा बानो अभिनीत फिल्म ‘जंगली’ भी कामयाब रही। बाद में शक्ति सामंत ने शम्मी कपूर और शर्मिला टैगोर अभिनीत ‘कश्मीर की कली’ बनाई थी।

दुखद है कि कई कामयाब फिल्मों की पृष्ठभूमि रहा कश्मीर आज झुलस रहा है। रामानंद सागर ने राजेंद्र कुमार और साधना अभिनीत फिल्म ‘आरजू’ बनाई थी। यह फिल्म एक हॉलीवुड फिल्म से प्रेरित थी, जिस पर आमिर खान और मनीषा कोइराला अभिनीत फिल्म ‘मन’ भी बनाई गई थी। शंकर जयकिशन के संगीत के कारण ‘आरजू’ फिल्म को सराहा गया था।

इस फिल्म का हसरत जयपुरी द्वारा लिखा गया एक गीत इस तरह है, ‘बेदर्दी बालमा तुझको, मेरा मन याद करता है, बरसता है जो आंखों से, वो सावन याद करता है…, कभी हम साथ गुज़रे जिन सजीली रहगुज़ारों से, फ़िज़ा के भेस में गिरते हैं अब पत्ते चनारों से, ये राहें याद करती हैं ये गुलशन याद करता है…, कोई झोंका हवा का जब मेरा आंचल उड़ाता है, गुमां होता है जैसे तू, मेरा दामन हिलाता है, कभी चूमा था जो तूने वो दामन याद करता है।’ ठीक इसी तरह आम आदमी भी अपने देश के अविभाज्य हिस्से में हो रही हिंसा से व्यथित है।

Exit mobile version