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आइए जानते हैं मतदाता पहचान पत्र के ऑनलाइन आवेदन एवं त्रुटियों को संशोधन करने की प्रक्रिया के बारे में

आइए जानते हैं मतदाता पहचान पत्र के ऑनलाइन आवेदन एवं त्रुटियों को संशोधन करने की प्रक्रिया के बारे में

विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक व्यवस्था वाले भारत देश में सक्षम न्यायालय द्वारा घोषित मानसिक रूप से विक्षिप्त, विदेशी नागरिकता वाले और विधि के अंतर्गत मतदान करने के लिए अस्थाई रूप से अयोग्य (अपराधी) को छोड़कर शेष सभी मतदाताओं को जिनका नाम मतदाता सूची में पंजीकृत है, उन्हें वोट करने का समान अधिकार प्राप्त है।

मतदाता बनने के लिए कोई भी भारतीय नागरिक आवश्यक दस्तावेजों की प्रतियां संलग्न करते हुए ऑनलाइन या ऑफलाइन प्रारूप 6 भरकर सामान्य मतदाता के रूप में अपना नाम दर्ज़ करा सकता है। यह पता करने के लिए कि उसका नाम निर्वाचन नामावली में है या नहीं https://ElectoralSearch.in/ पर जाएं। यदि, मतदाता सूची में नाम पंजीकृत है, तो आप मत ड़ालने के लिए पात्र हैं अन्यथा की स्थिति में Www. Nvsp. in/ पर पहले अपना पंजीकरण कराएं।

सभी आवेदन फॉर्म अपने निकटस्थ पोलिंग बूथ तथा तहसील स्थित मतदाता पंजीकरण केंद्र पर निःशुल्क अथवा वेबसाइट Www. CeoUttarpradesh.Nic.In/Nvsp.In से डाउनलोड कर प्राप्त किए जा सकते हैं।

आवेदन फॉर्म को संबंधित दस्तावेजों की प्रतियों के साथ, संबंधित पोलिंग बूथ के बूथ लेबल अधिकारी के माध्यम से अथवा तहसील स्थित मतदाता पंजीकरण केंद्र, तहसील के उपज़िलाधिकारी/ निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, तहसीलदार/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, ज़िलाधिकारी/ ज़िला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में जमा कर सकते हैं। अन्य किसी भी शिकायत व सुझाव के लिए अपने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के टोल फ्री नंबर- 1950 पर भी कॉल अथवा ईमेल आईडी पर मेल किया जा सकता है।

आवेदन करने करने हेतु आवश्यक फॉर्म

1. फॉर्म नंबर – 6

ऐसे युवा जिनकी उम्र 1 जनवरी को 18 वर्ष पूर्ण हो चुकी है। उनका नाम अभी तक निर्वाचन नामावली में दर्ज़ नहीं हुआ है और वह अपने मताधिकार का प्रयोग करने के प्रति जागरूक हैं या ऐसे मतदाता, जो एक निर्वाचन क्षेत्र से किसी अन्य एक निर्वाचन क्षेत्र में स्थानांतरण के कारण मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज़ कराना चाहते हैं अथवा कोई भी वह भारतीय नागरिक जिसका नाम मतदाता सूची में दर्ज़ होने से छूट गया है, वह नियमानुसार फॉर्म नंबर छह को भरकर आवेदन कर सकता है।

फॉर्म नंबर – 6 (क)

विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के निवासी (NRI) मतदाता सूची में अपना नाम सम्मिलित किए जाने हेतु नियमानुसार फॉर्म नंबर 6 (क) भरकर आवेदन कर सकते हैं।

फॉर्म नंबर – 7

ऐसे मतदाता जिनकी मृत्यु या स्थान परिवर्तन हो चुका है, उनका नाम विलोपित किया जाना है, वे नियमानुसार फॉर्म नंबर 7 को भरकर आवेदन कर सकते हैं।

फॉर्म नंबर – 8

ऐसे मतदाता जिनके विवरण मतदाता सूची में त्रुटिपूर्ण हैं, उन्हें सही कराने के लिए नियमानुसार फॉर्म नंबर 8 भरकर, वह आवेदन कर सकते हैं।

ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया

फॉर्म नंबर – 8 (क)

Www.CeoUttarpradesh.Nic.In की वेबसाइट पर Online Service For Voters बटन पर क्लिक करें। उक्त बटन पर क्लिक करने पर National Voters Service Portal (Nvsp.In) खुल जाएगा, जिसमें अपने मोबाइल नंबर से रजिस्टर करें तत्पश्चात Login के उपरांत फॉर्म्स के Tab पर क्लिक करें। Click करने पर प्रारूप 6, 6 (क), 7, 8, 8 (क) इत्यादि प्राप्त होंगे।

निर्वाचक नामावली में नाम सम्मिलित किए जाने के लिए आपको Form – 6 / प्रारुप – 6 प्राप्त हो जाएगा, जिसे भरकर आप अपना नाम मतदाता सूची में सम्मिलित करा सकते हैं। यदि निर्वाचक नामावली में सम्मिलित आपकी प्रविष्टि में किसी किसी प्रकार का संशोधन अपेक्षित है, तो Correction Of Entries In Electoral Rolls से संबंधित Form – 8 / प्रारूप – 8 खुल जाएगा, जिसे भरकर आप अपनी त्रुटियों को सही करा सकते हैं।

मतदाता सूची में नाम दर्ज़ करने के लिए प्रवासी भारतीयों को प्रारूप 6 (क) / Form – 6A प्राप्त हो जाएगा, जिसे भरकर वे अपना नाम मतदाता सूची में सम्मिलित करा सकते हैं। उक्त पोर्टल पर अपना नाम Search Your Name In Electoral Roll बटन द्वारा निर्वाचक नामावली में खोज सकते हैं।

मोबाइल नंबर पंजीकृत करने की ऑनलाइन प्रक्रिया

मतदाता ऑनलाइन अपना मोबाइल नंबर दर्ज़ करने हेतु आयोग की बेवसाइट http://Sec.Up.Nic.In के Urban Voter Search पर जाकर अपना नाम सर्च कर मोबाइल नंबर फीड करें।

ऐसा करने के बाद, आपको SMS के माध्यम से एक ओटीपी प्राप्त होगा। ओटीपी Submit करने के उपरांत मोबाइल नंबर डेटाबेस में दर्ज़ हो जाएगा, जिन मतदाताओं के मोबाइल नंबर निर्वाचन आयोग के डेटाबेस में दर्ज़ होंगे फिर उन्हें समय-समय पर आवश्यक सूचनाएं जैसे निर्वाचन से सम्बंधित अपील, मतदान का दिनांक, मतदान स्थल की जानकारी एवं निर्वाचन परिणाम की सूचना उनके मोबाइल नंबर पर SMS के माध्यम से भेजी जाएगी।

अपना बहुमूल्य मत कैसे डालें?

मतदान केंद्र के कक्ष में पहुंचकर पीठासीन अधिकारी को अपना वैद्य परिचय पत्र व पर्ची दिखाएं। इसकी संतुष्टि होने पर फर्जी मतदान को रोकने के उद्देश्य से हाथ की अंगुली पर नीली स्याही लगाते हुए वह बैलेट यूनिट को वोट डालने के लिए तैयार कर देंगे तब आप जिस प्रत्याशी को वोट देना चाहते हैं उसके नाम और चुनाव चिन्ह के सामने वाले नीले बटन को तब तक दबाएं, जब तक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से वीप की आवाज़ ना सुनाई दे और प्रत्याशी के नाम व चुनाव चिन्ह के सामने वाली लाल लाइट ना जल जाए।

आपके बटन दबाते ही आपको एक वीप की आवाज़ सुनाई देगी और 7 सेकंड के लिए ग्लास में प्रिंटर एक बैलेट पर्ची प्रिंट करेगा जिसमें पसंद के प्रत्याशी के क्रमांक, नाम और चुनाव चिन्ह अंकित होंगे। यह पर्ची मतदाता को नहीं दी जाती है अगर आपको बैलेट पर्ची नहीं दिखती है, तो इसकी सूचना तत्काल पीठासीन अधिकारी को दें।

क्या है वीवीपैट मशीन?

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ लगी वीवीपैट मशीन एक प्रिंटर की तरह होती है, जो पारदर्शिता रखते हुए वोटर को उसके डाले गए वोट के विषय में सम्पूर्ण जानकारी देती है। मतदाता और वीवीपैट से निकली पर्ची के बीच कांच की एक दीवार होती है, जिसे वोटर के रूप में स्वयं मतदाता 7 सेकेंड तक देख सकता है और उसके बाद यह स्वतः ही सीलबंद बॉक्स में गिर जाती है।

मतदाता के अतिरिक्त इस पर्ची को सिर्फ पोलिंग अधिकारी ही देख सकते हैं और मतगणना के दौरान किसी भी विवाद की स्थिति में स्थिति में इन पर्चियों की भी गणना की जा सकती है। वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल या वीवीपैट मशीन इस बात की पुष्टि करती है कि एक मतदाता के रूप में आपने जिस उम्मीदवार को वोट किया है, वह उसी को गया है।

इस मशीन का पहली बार इस्तेमाल सितंबर 2013 में नागालैंड की नोकसेन विधानसभा चुनाव में किया गया था। एक पायलट परियोजना के अंतर्गत वर्ष 2014 में आम चुनाव के दौरान 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में से 8 में वोटर वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) प्रणाली की शुरुआत की गई और संपूर्ण गोवा राज्य के विधानसभा चुनाव वर्ष 2017 में इस मशीन का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद चुनाव सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए होने वाली किसी भी गड़बड़ी को रोकने एवं मतदान में पारदर्शिता लाने के लिए चुनाव आयोग ने हर ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन को अनिवार्य कर दिया है।

अयोग्य प्रत्याशियों को नकारने के लिए आया नोटा का विकल्प

नोटा का मतलब होता है “नान ऑफ द एबव” यानी चुनावी मैदान में खडे प्रत्याशियों में से अपात्र, अविश्वसनीय, अयोग्य अथवा नापसन्द करने का अधिकार। ईवीएम मशीन में नोटा का बटन गुलाबी रंग का होता है, जब भारत में नोटा लागू नहीं हुआ था, तब चुनाव में मतदाता वोट का बहिष्कार कर अपना विरोध दर्ज़ कराते थे, जिसकी वजह से मतदान का प्रतिशत हमेशा कम रहता था। इसके समाधान के लिए नोटा लाया गया ताकि, चुनाव प्रक्रिया और राजनीति में शुचिता कायम हो सके।

पहली बार छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय चुनावों में वर्ष 2009 में नोटा विकल्प का प्रयोग किया गया था। वोटों की गिनती के समय नोटा के लिए किये गए मतों को गिना जाता है और कितने लोगों ने वोट किया, इसका भी आंकलन किया जाता है।

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार वर्ष 2013 के विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं राजधानी दिल्ली से शुरुआत होने के बाद वर्ष 2014 में यह विकल्प सम्पूर्ण भारत में लागू हुआ और वर्ष 2018 में पहली बार इसे उम्मीदवारों के समकक्ष दर्ज़ा मिला। पांच जनपदों में होने वाले नगर निगम चुनावों के लिए हरियाणा चुनाव आयोग ने निर्णय लिया कि नोटा के विजयी रहने की स्थिति में सभी प्रत्याशी अयोग्य घोषित हो जाएंगे तथा चुनाव पुनः कराया जाएगा। लगभग 1.04 प्रतिशत मतदाताओं ने वर्ष 2019 में पहली बार नोटा के लिए मतदान किया जिसमें बिहार 2.08 प्रतिशत नोटा मतदाताओं के साथ अग्रणी रहा।

वोटर आई कार्ड (EPIC) न होने की स्थिति में वैकल्पिक दस्तावेज

1 – पहचान पत्र।
2 – पासपोर्ट।
3 – ड्राइविंग लाइसेंस।
4 – केंद्र/राज्य सरकार/राज्य सरकार एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सार्वजनिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले फोटो सहित सेवा पहचान पत्र।
5 – बैंक/डाकघर द्वारा जारी फोटो सहित पासबुक।
6 – पैन कार्ड।
7 – राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के अधीन भारत के महापंजीयक द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड।
8 – श्रम मंत्रालय की योजना के अधीन जारी मनरेगा जॉब कार्ड।
9 – स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड।
10 – फोटो सहित पेंशन दस्तावेज।
11 – एमपी/ एमएलए/ एमएलसी को जारी शासकीय पहचान पत्र।
12 – आधार कार्ड।

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