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शाहरुख खान के बारे में.

 

शाहरुख खान :-

 

निजी जीवन में महान मुक्केबाज “मुहम्मद अली” और “शाहरुख खान” लाजवाब हैं। इन लोगों ने कभी किसी दबाव के सामने सर नहीं झुकाया , जैसे की देवगन , ढाई किलो के हाथ वाले देओल और खिलाड़ी कुमार टाइप लोग झुका देते रहे हैं।

 

पहली पोस्ट “शाहरुख खान” पर

 

शाहरुख खान सोशल मीडिया पर पिछले दिनों कुछ लोगों के निशाने पर थे और सोशल मीडिया पर #BoycottShahRukhKhan चला।

 

कारण ? बहुतों को पता ही नहीं होगा कि ऐसा क्युँ हुआ।

 

मगर जो उनका विरोध कर रहे थे , उनको पता था कि वह क्युँ कर रहे हैं। शाहरुख खान ऐसे लोगों की आखों में किरकिरी यूँ ही नहीं बने।

 

राज , वीर , अर्जुन , देवदास , राहुल का किरदार निभाते शाहरुख खान इसी देश में लोकप्रीय हो गये मगर मौजूदा हालात पर बनी फिल्मों में जब उन्होंने “लतीफ” , “रिज़वान खान” और “कबीर खान” निभाकर “पठान” बन रहे हैं तो वह लोगों के लिए निंदा का पात्र हो गये।

 

“माई नेम इज़ खान” का रिज़वान खान वर्तमान में हर मुसलमानों को आतंकी समझने की सोच पर आक्रमण करता है तो “चक दे इंडिया” का कबीर खान भारत की वर्तमान सामाजिक स्थीति का एक ऐसा चेहरा प्रस्तुत करता है जो यथार्थ है और सच है।

 

भारतीय हाकी टीम का सबसे बेहतरीन हाकी खिलाड़ी “कबीर खान” पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में पेनाल्टी स्ट्रोक में चूक के कारण देश में अपनी विश्वसनीयता खो देता है और उसके घर पर “गद्दार” लिख दिया जाता है।

 

भारी विरोध के बाद “कबीर खान” अपनी माँ के साथ अपना घर छोड़ देता है।

 

खेल में ऐसा होता ही है कि कोई चूक जाए , पर यदि खिलाड़ी कबीर खान और विपक्षी टीम पाकिस्तान हो तो इसकी संभावना रहती ही है जैसे कबीर खान के साथ हुआ।

 

यह परसेप्शन इसके बावजूद भी सेट है कि पाकिस्तान के साथ युद्ध में देश का हर नायक मुसलमान ही रहा है।

 

ब्रिगेडियर उस्मान से लेकर वीर अब्दुल हमीद तक।

 

बात शाहरुख की करूँ तो मुझे याद नहीं आता कि भारतीय फिल्म के इतिहास में किसी नायक ने कुरान की आयत पढ़ी हो।

 

نَصْرٌ مِّنَ اللَّهِ وَفَتْحٌ قَرِيبٌ ۗ وَبَشِّرِ الْمُؤْمِنِينَ

 

नसरूम्मिनल्लाहि व-फ़त’हुन क़रीब :- अल कुरान 61:13 अल सफ

 

(अल्लाह की तरफ से मदद है और जल्दी फतह)

 

मगर शाहरुख खान ने भारतीय महिला हाकी टीम के कोच के किरदार के रूप में पढ़ा। “यशराज फिल्म” की किसी फिल्म मे “कुरान की आयत” शाहरुख खान की हनक के कारण ही है।

 

अब वह “पठान” लेकर आ रहे हैं , कुछ नया गुल खिलाएंगे। हज़ारो करोड़ रुपये जिस शख्स पर लगा हो वह अपने सिद्धान्तों पर समझौता नहीं करता। नफरती लोगों को इसीलिए शाहरुख के नाम से मिर्च लगती है।

 

बाकी लोग “भाईजान” केवल फिल्में हिट कराने के लिए ही बनते हैं मगर शाहरुख ने कभी हिट के चक्कर में अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।

 

रिज़वान खान भी बने , लतीफ भी , कबीर खान भी और अब पठान। इसके बावजूद कि उनकी इकलौती पत्नी “गौरी” हैं।

 

करो विरोध उसको घंटा फर्क नहीं पड़ता , उसकी मार्केट पूरी दुनिया है।

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