बहुत अच्छी बात है शिक्षकों का सम्मान होना चाहिए लेकिन क्या सिर्फ एक दिन शिक्षकों का सम्मान कर देने से क्या शिक्षकों को सच में सम्मान मिल जाता है ?
नही! बिल्कुल नही। अगर सच में शिक्षकों का सम्मान देना है तो सबसे पहले उन्हें जनगणना से लेकर चुनाव ड्यूटी तक में घसीटने की जो परम्परा रही है उसे बंद कीजिए।
दूसरा काम कीजिये देशभर में शिक्षकों को अपने वेतन भत्तों में बढ़ोत्तरी के लिए जो धरना प्रदर्शन-आंदोलन करने पड़ते है उसे बंद कराइए। इसकी नौबत ही क्यों आने देते है ? क्यों नही उनके मांगो को समय रहते पूरा किया जाता। महंगाई भत्ता बढ़वाने के लिए अगर शिक्षक सड़क में है तो सरकार को डूब मरना चाहिए।
तीसरा काम कीजिये जो शिक्षक भर्ती में धांधलियां होती है उसे बंद कराइये। देश के भावी शिक्षक जो हमारे बच्चों का भविष्य गढ़ेंगे कम से कम उस शिक्षक भर्ती में धांधली और भ्रष्टाचार मत कराइये। अगर लायक लोगों का चयन नही होगा और भ्रष्टाचार से बने नालायक लोग जब बच्चों को पढ़ाएंगे तो फिर उसकी आप बस कल्पना कीजिये कि बच्चों का भविष्य कैसा होगा ?
चौथा काम कीजिये शिक्षकों को यह सम्मान हर रोज दीजिए। अगर शिक्षक या स्कूल से कुछ चूक हो जाए तो लट्ठ लेकर मत जाइए। शिक्षक भी एक आम इंसान है गलतियां उनसे भी हो जाती है थोड़ा धैर्य रखिये और परिस्थिति अनुसार शांति से मामले को सुलझाइए।
शिक्षक जब इन सब से मुक्त होंगे तब वो पूरी ईमानदारी से बच्चों को पढ़ा पाएंगे और देश का भविष्य बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देने में दोगुनी मेहनत से काम करेंगे।
आज शिक्षक दिवस पर तमाम तरह के कठिनाइयों से जूझते हुए बच्चों का भविष्य गढ़ते सभी शिक्षकों को मेरा नमन ??
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