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महामारी से अभी कितनी सतर्कता ।

पहला तो यही कि देश में रोजाना संक्रमण मामले घट कर अब तीस हजार से भी नीचे आ गए हैं । पिछले दिनों से यह रुख बरकरार दिख रहा है । इलाज करवा रहे मरीजों संख्या भी घटती हुई तीन लाख के करीब आ गई है जो पिछले एक छियासी दिनों में सबसे कम है । इन आंकड़ों से एक मोटा निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि महामारी खत्म भले नहीं हुई हो पर जोर कम पड़ने लगा है । हालांकि केरल और महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में स्थिति अभी भी अच्छी नहीं कही जा सकती । केरल में रोजाना संक्रमण के मामले बीस हजार के आसपास चल रहे हैं । इलाज करा रहे मरीजों का आंकड़ा एक लाख इकसठ हजार से ऊपर बना हुआ है। चिंता की बात इसलिए भी है कि केरल में हालात अभी उतने काबू में नहीं हैं फिर केरल कोई बहुत बड़ा राज्य भी नहीं है । इसलिए संक्रमण , सक्रिय मामलों और प्रति सप्ताह संक्रमण दर सबसे ज्यादा होना स्थिति की गंभीरता को बता रहा है । महाराष्ट्र की बात करें तो औसतन तीन हजार मामले रोज मिल रहे हैं । पूर्वोत्तर राज्यों में मिजोरम में प्रति सप्ताह संक्रमण दर पंद्रह फीसद से ज्यादा बनी हुई है । देश भर में देखें तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कई राज्य अब कोरोना के खतरे से लगभग निकल चुके हैं । गुजरात , राजस्थान , मध्यप्रदेश , उत्तर प्रदेश , पंजाब , पश्चिम बंगाल , बिहार , झारखंड आदि उत्तरी राज्यों में संक्रमण के मामलों में कमी बता रही है कि स्थिति कमोबेश सामान्य हो चली है । गौरतलब है कि सितंबर के मध्य में देश में संक्रमण फैलने की दर यानी आर वैल्यू में भी गिरावट आई है । दूसरी लहर के दौरान यह आंकड़ा 1.37 अंक पर बना हुआ था , यानी सौ संक्रमित एक सौ सैंतीस लोगों को संक्रमित कर रहे थे । पर मुंबई , कोलकाता , चेन्नई , बंगलुरु जैसे महानगरों को छोड़ दें तो बाकी जगहों पर अब यह एक से नीचे आ चुका है । यहां तक कि केरल और महाराष्ट्र में भी यह अब एक अंक से कम है । इन दोनों राज्यों में संक्रमण की फैलाव दर में कमी आना कुछ राहत की बात इसलिए भी है कि पिछले दिनों देश के कुल मामलों में अस्सी फीसद मामले यहीं से आ रहे थे ।

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