Site icon Youth Ki Awaaz

कड़वा सच

ख़ास आप सबके लिए सवाल भी और जवाब भी

झूट और मक्कारी चरम सीमा पर 

इंसान क़ाबिलियत ना देख,नाम पे नौकरी 

हिन्दू मुसलमान धर्म जाति वाद की अति बढ़ोतरी

लोकतंत्र शायद ही बचा हो कही 
पत्रकारिता आधे से ज़्यादा बिक चुकी 

लेकिन 

हॉस्पिटल में जब ख़ून की ज़रूरत होती तो कोई क्यू नहीं पूछता की ख़ून इनका नहीं लेंगे उनका नहीं

तभी इंसानियत क्यू जगती 

 

Exit mobile version