एक बार फिर नीट परीक्षा विवादो में है, यह कोई पहली बार नही है जब नीट परीक्षा को लेकर विवाद खड़ा हुआ है। नीट यूजी 2021, 12 सितंबर को आयोजित होने वाली है।
नीट 2021 के एडमिट कार्ड 9 सितंबर से उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है। नीट 2021 के फॉर्म निकलने के कुछ दिनों बाद ही छात्र लगातार इसे अक्टूबर माह तक स्थागित करने की मांग कर रहे हैं।
अगस्त माह में छात्रों के द्वारा दर्जनों ट्विटर ट्रेंड चलाए गए, जिससे वे अपनी बातें सरकार तक पंहुचा सकें। छात्रों द्वारा कई अलग-अलग हैशटैग्स का प्रयोग किया गया है। #delayNEETUG, #PostponeNEETUG, #PleaseRescheduleNEETUG आदि।
क्या है कारण?
परीक्षा स्थगित की मांग करने वाले छात्रों का कहना है कि कुछ परीक्षा की तारीखें आपस में टकरा रही हैं। कम समय में इस कोरोना त्रासदी को देखते हुए अलग-अलग परीक्षा केंद्रों तक पंहुच पाना छात्रों के लिए संभव नहीं है।
- नीट: 12 सितंबर
- सीबीएसई कक्षा 12 में सुधार और कंपार्टमेंट परीक्षा: 25 अगस्त से 15 सितंबर
- आईसीएआर एआईईईए 2021 यूजी (बीएससी प्रवेश के लिए): 7 सितंबर, 8, 13
- कर्नाटक कॉमेडक: 14 सितंबर
- ओडिशा जेईई: 6 से 18 सितंबर
- सीबीएसई मैथ्स का पेपर भी 13 सितंबर को होना है।
ट्विटर ट्रेंड के माध्यम से कई छात्रों ने बताया है कि 13 सितंबर को आईसीएआर की परीक्षा नीट 2021 के ठीक एक दिन बाद है और छात्र एक दिन में एक केंद्र से दूसरे केंद्र में नहीं जा सकेंगे। कोरोना की तीसरी लहर आने का खतरा लगातार बना हुआ है, इन परिस्थियों में लम्बा सफर करने से छात्रों में सक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा।
छात्रों का यह भी कहना है कि जेईई मेंन्स की परीक्षा को स्थागित कर दिया गया था, इसी तर्ज़ पर नीट को भी अक्टूबर माह तक के लिए स्थागित किया जाए। वर्ष 2021 में भी नीट दो चरणों में हुआ था, नीट-1 सेप्टेम्बर माह में हुई थी।
जबकि नीट-2 को अक्टूबर में लिया गया था, फिर इस बार नीट परीक्षा को अक्टूबर में क्यों नहीं कराया जा रहा? पिछले वर्ष भी मेडिकल सत्र में कोई खास देरी नहीं हुई थी। सरकार को छात्रों की मांगों पर गौर करते हुए कोई समाधान निकालना चाहिए।