आमतौर पर हर घर में खाना पकाने और सबको खिलाने से लेकर घर की साफ-सफाई तक की ज़िम्मेदारी महिलाओं पर ही होती है। अब उन्होंने शहर को साफ करने की ज़िम्मेदारी भी अपने कंधों पर ले रखी है। जी हां, पटना नगर निगम ने फिलहाल शहर को स्वच्छ रखने की ज़िम्मेदारी अपनी महिला ब्रिगेड को सौंप रखी है, जिसे लीड कर रही हैं निगम की मेयर श्रीमती सीता साहू।
इन सबमें सबसे अच्छी बात यह है कि अपने घर के साथ-साथ अपने प्रोफेशनल फ्रंट की ज़िम्मेदारियों को भी बखूबी निभाते हुए यह महिला बिग्रेड एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। इनकी संयुक्त कोशिशों का ही नतीजा है कि आज पटना नगर निगम के पाटलिपुत्र अंचल का वार्ड नंबर-23 ना केवल पूरी तरह से फ्री डस्टबिन जोन बन गया है बल्कि उस इलाके के 90 फीसदी लोग रोजाना अपने घरों से सूखा और गीला कचरा अलग-अलग करके निगम की गाड़ी में डाल रहे हैं। पाटलिपुत्र अंचल के वार्ड-23 की इस उपलब्धि को साकार करने में मुख्य रूप से पांच महिलाओं का योगदान शामिल है।
1. पटना की अपर नगर आयुक्त शीला ईरानी
इनमें से पहला नाम है, पटना की अपर नगर आयुक्त शीला ईरानी का, वर्ष 2018 में पटना नगर निगम ज्वॉइन करने के साथ ही जनता के बीच ‘लेडी सिंघम’ के नाम से मशहूर शीला ईरानी ने शहर का कायाकल्प करने का निश्चय कर लिया था। उसी वर्ष 2 अक्टूबर से डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण की बेहतर व्यवस्था को लागू करवाने के साथ ही उन्होंने सड़क पर कचरा फेंकने वालों पर सख्त कार्यवाही करना शुरू कर दिया।
शीला ईरानी का कहना है कि शुरुआत में इस अभियान से लोगों को जोड़ने में थोड़ी परेशानी ज़रूर हुई लेकिन लगातार प्रयास करने से अब करीब 95 फीसदी लोग सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग कर निगम स्टाफ को देने लगे हैं। ऐसे में बाकी पांच फीसदी लोग, जो अब भी ऐसा नहीं कर रहे हैं, अब समय आ गया है कि हम उनका सामाजिक बहिष्कार करें और इसकी पहल उसी सोसाइटी के लोगों को करनी चाहिए।
यूएनडीपी और मिथिंगा वेस्ट मैनेजमेंट की कचरा निस्तारण की पहल
फिलहाल वार्ड नंबर-23 में यूएनडीपी और मिथिंगा वेस्ट मैनेजमेंट ने वेस्ट मैनेजमेंट और पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन की ज़िम्मेदारी संभाली है और वे लोग काफी अच्छा काम कर रहे हैं। वे घर-घर जाकर लोगों को कचरा प्रबंधन के बारे में एडुकेट (शिक्षित) कर रहे हैं और उन्हें सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग करके देने के लिए मोटिवेट कर रहे हैं।
निगम की मेयर श्रीमती सीता साहू और पटना की अपर नगर आयुक्त शीला ईरानी
उनके प्रयासों से हम काफी हद तक, उस एरिया में प्रोपर वेस्ट मैनेजमेंट के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाने में सफल हुए हैं। इन इलाकों में जो लोग सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग करके नहीं दे रहे हैं, वे लोग उसे लेने से ही मना कर देते हैं।
2. पाटलिपुत्र अंचल की कार्यकारी अधिकारी प्रतिभा सिन्हा
महिला बिग्रेड टीम की दूसरी सदस्या हैं पाटलिपुत्र अंचल की कार्यकारी अधिकारी प्रतिभा सिन्हा, जिन्होंने छह महीने पहले ही निगम ऑफिस ज्वॉइन किया है। दो बेटियों की माँ प्रतिभा सिन्हा का कहना है कि इस विभाग में ज्वॉइन करने और निगम के अभियान में शामिल होने के बाद मैंने यह महसूस किया कि स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में महिलाओं की विशेष भूमिका है। अत: उन्हें इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए, उन्हें देख कर घर के बाकी सदस्य खुद-ब-खुद ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
इसी वजह से अब मैं अपनी दोनों बेटियों, जो कि क्रमश: 10 वर्ष और और 13 वर्ष की हैं, को भी कंप्लीट वेस्ट मैनेजमेंट के टिप्स बताती रहती हूं और मुझे खुशी होती है कि वे अभी से इस विषय को लेकर गंभीर हैं।
3. पाटलिपुत्र अंचल की सिटी मैनेजर कंचन
तीसरी सदस्या हैं पाटलिपुत्र अंचल की सिटी मैनेजर कंचन, जो वर्ष 2018 से पटना नगर निगम से जुड़ी हुई हैं। उनकी मानें तो सूखा-गीला कचरा प्रबंधन अभियान को शुरू करने से पहले निगम की ओर से सभी सफाईकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई थी, फिर डोर-टू-डोर जाकर लोगों को इस विषय में जागरूक किया गया और उनसे सहयोग करने की अपील की गई।
वर्ष 2018 में हमें इस मुहिम को शुरू करते समय पहले तो यह मुश्किल लग रहा था कि लोग गाड़ी में कचरा डालेंगे या नहीं लेकिन धीरे-धीरे स्थिति में काफी बदलाव आ गया।
अब अगर किसी रोज़ निगम की गाड़ी नहीं जाती है या फिर थोड़ी देरी से जाती है तो हमारे पास इसके लिए कॉल आने शुरू हो जाते हैं। पहले हमारे पास संसाधनों की भी कमी थी, पर अब संसाधनों के मिलने से काम में भी बहुत फर्क दिखने लगा है।
4. पाटलिपुत्र अंचल के वार्ड-23 की पार्षद प्रतिभा देवी
टीम की चौथी सदस्या हैं पाटलिपुत्र अंचल के वार्ड-23 की पार्षद प्रतिभा देवी, उनका कहना है कि निगम की ओर से जो भी कचरा उठाया जाता है, उसमें से अधिकांश को रिसाइकल करके दुबारा उपयोग में लाने के लिए गर्दनीबाग इलाके में एक वेस्ट रिसाइकिलिंग सेंटर बनाया गया है।
वहां सूखे कचरे का करीब 70-80 फीसदी हिस्सा रिसाइकिल हो जाता है और गीले कचरे के लिए हम लोगों से अपील करते हैं कि वे उसे कंपोस्ट खाद बनाने में यूज कर लें। फिलहाल, हमारे वार्ड में लोगों का काफी सहयोग है और इसी वजह से हम पूर्ण कचरा प्रबंधन के लक्ष्य की दिशा में बेहतर कार्य कर पा रहे हैं।
5. मिथिंगा वेस्ट मैनेजमेंट की मैनेजिंग डायरेक्टर मोनालिसा
इस महिला ब्रिगेड टीम की पांचवी और सबसे छोटी सदस्या हैं मिथिंगा वेस्ट मैनेजमेंट की मैनेजिंग डायरेक्टर मोनालिसा, कॉमर्स ग्रेजुएट मोनालिसा के पैरेंट्स का तो सपना था कि उनकी बेटी सीए/सीएस बने लेकिन बचपन से ही प्रकृति से असीम लगाव होने की वजह से मोनालिसा ने अपनी अलग ही राह चुनी।
मूलरूप से पटना निवासी मोनालिसा ने पढाई के दौरान ही करीब दो वर्षों तक देहरादून की एक वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के साथ एक इंटर्न के रूप में काम किया और इसी दौरान उन्होंने इसी क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने का निर्णय ले लिया।
जींस-टीशर्ट पहनने वाली और फर्राटे से अंग्रेज़ी बोलने वाली मोनालिसा जब खुद अपने हाथों से कचरे को छांट कर लोगों को उसके निस्तारण करने का तरीका बताती हैं तो लोग उनकी बातों को ध्यान से सुनते हैं। पिछले करीब छह महीनों से वह रोज़ सवेरे छह बजे से दिन के दो बजे तक अपनी टीम सहित नगर निगम कर्मचारियों के साथ अवेयरनेस कैंपेन पर निकलती हैं।
इन सभी महिलाओं के सम्मिलित प्रयासों से उम्मीद है कि आनेवाले समय में पटना शहर स्वच्छ तथा खूबसूरत शहर के रूप में जाना जाएगा और इसके साथ ही स्वच्छता सर्वेक्षण सूची में शहर की रैंकिंग भी बेहतर होगी।
अंत में देश के सभी नागरिकों से एक विन्रम अपील
- घर में सूखे, गीले और बाथरूम कचरे के लिए तीन अलग-अलग डस्टबिन रखें।
- किचन से निकलने वाले गीले कचरे को कंपोस्ट के रूप में उपयोग कर लें।
- अगर घर में कचरे को डिकंपोज करने की जगह ना हो तो भी उन्हें इधर-उधर ना फेंक कर हमेशा नगर निगम की गाड़ी में ही डालें।
- जो लोग सड़कों, गलियों आदि में कचरा फेंकते हैं, उनका सामाजिक बहिष्कार करें और उनकी शिकायत अपने अंचल के निगम कार्यालय में करें।
- पॉलिथीन या प्लास्टिक से बनी चीज़ों का कम-से-कम उपयोग करें।